नई दिल्ली : सरकारी क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी) ने 1,412 करोड़ रुपये का दूसरा अंतरिम लाभांश जारी करने की मंगलवार को घोषणा की. इससे सरकार को चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को लक्ष्य के दायरे में रखने में मदद मिलेगी.
पेट्रोलियम उत्खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओएनजीसी भी इस वित्त वर्ष में अपना दूसरा अंतरिम लाभांश जारी करने पर अगले सप्ताह 23 तारीख को विचार करेगी. इंडियन आयल देश में पेट्रोलियम क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है. कंपनी ने शेयर बाजारों को सूचना दी है कि मंगलवार को उसके निदेशक मंडल ने शेयरधारकों को 2018-19 के लिए प्रतिशेयर 1.50 रुपये या 15 प्रतिशत का दूसरा अंतरिम लाभांश जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
लाभांश की राशि 10 अप्रैल या उससे पहले शेयरधारकों के खाते में भेज दी जाएगी. इस कंपनी में 53.88 % शेयर सरकार के पास हैं. इससे सरकार को 761 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों की वसूली में संभावित 80,000 करोड़ रुपये की कमी आने से सरकार के लिए राजकोषीय घाटे के संशोधित अनुमानों को पूरा करने में कठिनाई हो रही है. इसके लिए वह मजबूत वित्तीय स्थिति वाले लोक उपक्रमों से दूसरे अंतरिम लाभांश की अपेक्षा कर रही है.
संशोधित बजट अनुमान में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.4 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य है. शुरू में इसे 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य था. अप्रैल-जनवरी में सरकार का राजकोषीय घाटा 7.70 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. यह पूरे साल के लिए 6.34 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित राजकोषीय घाटे के 121.5% के बराबर था.
कोल इंडिया ने भी 14 मार्च को 5.85 रुपये प्रति शेयर की दर से अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की थी. कोल इंडिया में सरकार 72.91 % की हिस्सेदार है और अंतरिम लाभांश से उसे 2,647 करोड रुपये मिलेंगे. ओएनजीसी को दूसरा अंतरिम लाभांश घोषित करने के लिए बाजार विनियामक सेबी से मंजूरी लेनी होगी क्यों की नियमत: कोई कंपनी एक माह में दो बार लाभांश नहीं दे सकती.
ओएनजीसी ने कहा है कि उसके निदेशक मंडल की 23 मार्च को बैठक होगी जिसमें अंतरिम लाभांश पर विचार जारी करने पर विचार किया जाएगा.
(भाषा)
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