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चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए रेलवे ने शुरू की पायलट परियोजना - Railways to integrate Big Data

चौथी औद्योगिक क्रांति (इंडस्ट्री 4.0) का आशय डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिए विनिर्माण से है. इसमें आमतौर पर उत्पादन बढ़ाने के लिए विनिर्माण प्रौद्योगिकियों में स्वचालन (ऑटोमेशन), इंटर-कनेक्टिविटी और मशीनों के बीच कंप्यूटरीकृत आंकड़ों के आदान प्रदान वाली प्रौद्योगिकी अपनाने से है.

चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए रेलवे ने शुरू की पायलट परियोजना
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Published : Sep 28, 2019, 7:52 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 9:25 AM IST

नई दिल्ली: देश में चौथी औद्योगिक क्रांति को प्रवेश देने के उद्देश्य से भारतीय रेल ने एक पायलट परियोजना शुरू की है. इस परियोजना को उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित आधुनिक कोच कारखाना में शुरू किया गया है.

चौथी औद्योगिक क्रांति (इंडस्ट्री 4.0) का आशय डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिए विनिर्माण से है. इसमें आमतौर पर उत्पादन बढ़ाने के लिए विनिर्माण प्रौद्योगिकियों में स्वचालन (ऑटोमेशन), इंटर-कनेक्टिविटी और मशीनों के बीच कंप्यूटरीकृत आंकड़ों के आदान प्रदान वाली प्रौद्योगिकी अपनाने से है.

ये भी पढ़ें- रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक को ऋण देने, नयी शाखाएं खोलने से रोका

इसमें उत्पादन को कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई), बिग डाटा, मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग से जोड़ा जाता है. रेल मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंडस्ट्री 4.0 पर पायलट परियोजना लागू करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी की है.

इस पायलट परियोजना को शुक्रवार को रायबरेली स्थित आधुनिक कोच कारखाना में शुरू कर दिया गया. इस मौके पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव आशुतोष शर्मा ने कहा कि उनके मंत्रालय ने हाल ही में एक नया कार्यक्रम इंटरडिस्पिलिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स (आईसीपीएस) शुरू किया है.

इसका मकसद उभरते शोध क्षेत्रों में अन्वेषण को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में इस पर 4,000 करोड़ रुपये व्यय किए जाने की योजना है.

नई दिल्ली: देश में चौथी औद्योगिक क्रांति को प्रवेश देने के उद्देश्य से भारतीय रेल ने एक पायलट परियोजना शुरू की है. इस परियोजना को उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित आधुनिक कोच कारखाना में शुरू किया गया है.

चौथी औद्योगिक क्रांति (इंडस्ट्री 4.0) का आशय डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिए विनिर्माण से है. इसमें आमतौर पर उत्पादन बढ़ाने के लिए विनिर्माण प्रौद्योगिकियों में स्वचालन (ऑटोमेशन), इंटर-कनेक्टिविटी और मशीनों के बीच कंप्यूटरीकृत आंकड़ों के आदान प्रदान वाली प्रौद्योगिकी अपनाने से है.

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इसमें उत्पादन को कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई), बिग डाटा, मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग से जोड़ा जाता है. रेल मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इंडस्ट्री 4.0 पर पायलट परियोजना लागू करने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी की है.

इस पायलट परियोजना को शुक्रवार को रायबरेली स्थित आधुनिक कोच कारखाना में शुरू कर दिया गया. इस मौके पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव आशुतोष शर्मा ने कहा कि उनके मंत्रालय ने हाल ही में एक नया कार्यक्रम इंटरडिस्पिलिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स (आईसीपीएस) शुरू किया है.

इसका मकसद उभरते शोध क्षेत्रों में अन्वेषण को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में इस पर 4,000 करोड़ रुपये व्यय किए जाने की योजना है.

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Last Updated : Oct 2, 2019, 9:25 AM IST
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