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भारत ने दुनिया बनाए रखी है तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था की पहचान: सिन्हा

भारत की पिछले साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में स्थिति 23 पायदान सुधरी है. लगातार दूसरे साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग सुधरी है.

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Published : Apr 20, 2019, 7:31 PM IST

भारत ने दुनिया बनाए रखी है तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था की पहचान: सिन्हा

न्यूयार्क: भारत वृद्धि के रास्ते पर जिस तरह तेजी से आगे बढ़ रहा है उसमें वैश्विक हितधारकों के लिये भारत के साथ मिलकर ऊर्जा, बुनियादी ढांचा तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गठबंधन स्थापित करने की काफी संभावनायें हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में वाणिज्य दूत आशीष सिन्हा ने संयुक्त राष्ट्र मंच की एक बैठक में यह कहा.

सिन्हा ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के समक्ष कहा कि भारत वृद्धि का उपयोग ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकालने तथा समावेशी आधार पर जीवन को बेहतर बनाने में करना चाहता है. यह बैठक विकास कार्यों के वित्त पोषण और आगे की रणनीति को लेकर आयोजित की गई थी.

भारत ने दुनिया बनाए रखी है तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था की पहचान: सिन्हा
भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2019-20 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

ये भी पढ़ें- सरकार ने विमानन कंपनियों से कहा, बाजार बिगाड़ने वाला किराया वसूलने से बचें

उन्होंने कहा, "भारत ने दुनिया की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का अपनी पहचान बनाये रखी है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर पिछले कई साल से 7 प्रतिशत से अधिक पर बनी हुई है और भविष्य के लिए भी इसका अनुमान मजबूत बना हुआ है."

सिन्हा ने कहा कि भारत की पिछले साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में स्थिति 23 पायदान सुधरी है. लगातार दूसरे साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग सुधरी है. दिवाला एवं ऋण शोधन, कराधान तथा अन्य क्षेत्रों में किये गये सुधारों से कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत का स्थान 23 पायदान चढ़कर 77वें स्थान पर पहुंच गया.

उन्होंने कहा, "भारत वृद्धि के रास्ते पर जिस तेज गति से आगे बढ़ रहा है वह वैश्विक हितधारकों के लिये ऊर्जा, प्राकृतिक संसाधन तथा अन्य बुनियादी ढांचा एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गठबंधन स्थापित करने को लेकर काफी संभावना वाला है."

सिन्हा ने कहा कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा वृद्धि उन्मुख निवेश को बढ़ावा देने के लिये अनुकूल नीतियों को आगे बढ़ाने पर जोर देता है.

इसी महीने विश्वबैंक ने निवेश खासकर निजी निवेश में वृद्धि, निर्यात प्रदर्शन में सुधार तथा खपत में वृद्धि को ध्यान में रखते हुये भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2019-20 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया.

उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले तीन साल के दौरान वित्तीय समावेश की दिशा में ठोस कदम उठाये हैं. सरकार ने इस दौरान 32 करोड़ बैंक खाते खोले हैं और जिन लोगों के अब तक बैंक खाते नहीं थे उन्हें बैंकिंग सुविधायें उपलब्ध कराने का काम किया है.

न्यूयार्क: भारत वृद्धि के रास्ते पर जिस तरह तेजी से आगे बढ़ रहा है उसमें वैश्विक हितधारकों के लिये भारत के साथ मिलकर ऊर्जा, बुनियादी ढांचा तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गठबंधन स्थापित करने की काफी संभावनायें हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में वाणिज्य दूत आशीष सिन्हा ने संयुक्त राष्ट्र मंच की एक बैठक में यह कहा.

सिन्हा ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के समक्ष कहा कि भारत वृद्धि का उपयोग ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकालने तथा समावेशी आधार पर जीवन को बेहतर बनाने में करना चाहता है. यह बैठक विकास कार्यों के वित्त पोषण और आगे की रणनीति को लेकर आयोजित की गई थी.

भारत ने दुनिया बनाए रखी है तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था की पहचान: सिन्हा
भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2019-20 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

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उन्होंने कहा, "भारत ने दुनिया की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का अपनी पहचान बनाये रखी है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर पिछले कई साल से 7 प्रतिशत से अधिक पर बनी हुई है और भविष्य के लिए भी इसका अनुमान मजबूत बना हुआ है."

सिन्हा ने कहा कि भारत की पिछले साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में स्थिति 23 पायदान सुधरी है. लगातार दूसरे साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग सुधरी है. दिवाला एवं ऋण शोधन, कराधान तथा अन्य क्षेत्रों में किये गये सुधारों से कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत का स्थान 23 पायदान चढ़कर 77वें स्थान पर पहुंच गया.

उन्होंने कहा, "भारत वृद्धि के रास्ते पर जिस तेज गति से आगे बढ़ रहा है वह वैश्विक हितधारकों के लिये ऊर्जा, प्राकृतिक संसाधन तथा अन्य बुनियादी ढांचा एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गठबंधन स्थापित करने को लेकर काफी संभावना वाला है."

सिन्हा ने कहा कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा वृद्धि उन्मुख निवेश को बढ़ावा देने के लिये अनुकूल नीतियों को आगे बढ़ाने पर जोर देता है.

इसी महीने विश्वबैंक ने निवेश खासकर निजी निवेश में वृद्धि, निर्यात प्रदर्शन में सुधार तथा खपत में वृद्धि को ध्यान में रखते हुये भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2019-20 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया.

उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले तीन साल के दौरान वित्तीय समावेश की दिशा में ठोस कदम उठाये हैं. सरकार ने इस दौरान 32 करोड़ बैंक खाते खोले हैं और जिन लोगों के अब तक बैंक खाते नहीं थे उन्हें बैंकिंग सुविधायें उपलब्ध कराने का काम किया है.

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भारत ने दुनिया बनाए रखी है तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था की पहचान: सिन्हा 

न्यूयार्क: भारत वृद्धि के रास्ते पर जिस तरह तेजी से आगे बढ़ रहा है उसमें वैश्विक हितधारकों के लिये भारत के साथ मिलकर ऊर्जा, बुनियादी ढांचा तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गठबंधन स्थापित करने की काफी संभावनायें हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में वाणिज्य दूत आशीष सिन्हा ने संयुक्त राष्ट्र मंच की एक बैठक में यह कहा.



सिन्हा ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के समक्ष कहा कि भारत वृद्धि का उपयोग ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को गरीबी से बाहर निकालने तथा समावेशी आधार पर जीवन को बेहतर बनाने में करना चाहता है. यह बैठक विकास कार्यों के वित्त पोषण और आगे की रणनीति को लेकर आयोजित की गई थी. 



उन्होंने कहा, "भारत ने दुनिया की तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का अपनी पहचान बनाये रखी है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर पिछले कई साल से 7 प्रतिशत से अधिक पर बनी हुई है और भविष्य के लिए भी इसका अनुमान मजबूत बना हुआ है." 



सिन्हा ने कहा कि भारत की पिछले साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में स्थिति 23 पायदान सुधरी है. लगातार दूसरे साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग सुधरी है. दिवाला एवं ऋण शोधन, कराधान तथा अन्य क्षेत्रों में किये गये सुधारों से कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत का स्थान 23 पायदान चढ़कर 77वें स्थान पर पहुंच गया.



उन्होंने कहा, "भारत वृद्धि के रास्ते पर जिस तेज गति से आगे बढ़ रहा है वह वैश्विक हितधारकों के लिये ऊर्जा, प्राकृतिक संसाधन तथा अन्य बुनियादी ढांचा एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गठबंधन स्थापित करने को लेकर काफी संभावना वाला है." 



सिन्हा ने कहा कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा वृद्धि उन्मुख निवेश को बढ़ावा देने के लिये अनुकूल नीतियों को आगे बढ़ाने पर जोर देता है.



इसी महीने विश्वबैंक ने निवेश खासकर निजी निवेश में वृद्धि, निर्यात प्रदर्शन में सुधार तथा खपत में वृद्धि को ध्यान में रखते हुये भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2019-20 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया. 



उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले तीन साल के दौरान वित्तीय समावेश की दिशा में ठोस कदम उठाये हैं. सरकार ने इस दौरान 32 करोड़ बैंक खाते खोले हैं और जिन लोगों के अब तक बैंक खाते नहीं थे उन्हें बैंकिंग सुविधायें उपलब्ध कराने का काम किया है.


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