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भारत बेहतर रेटिंग का हकदार, देनदारी चुकाने की क्षमता, मंशा असंदिग्ध है: मुख्य आर्थिक सलाहकार

सु्ब्रमणियम ने एक तरह से भारत की साख को बेहतर किये जाने की वकालत करते हुए कहा कि भारत की देनदारी चुकाने की क्षमता, इच्छा असंदिग्ध है, यह सोने की तरह खरा है.

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Published : Jun 11, 2020, 7:23 PM IST

भारत बेहतर रेटिंग का हकदार, देनदारी चुकाने की क्षमता, मंशा असंदिग्ध है: मुख्य आर्थिक सलाहकार
भारत बेहतर रेटिंग का हकदार, देनदारी चुकाने की क्षमता, मंशा असंदिग्ध है: मुख्य आर्थिक सलाहकार

नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत को देखते हुए देश बेहतर क्रेडिट रेटिंग का हकदार है. उन्होंने यह बात दो अंतरराष्ट्रीय साख प्रमाणन एजेंसियों के भारत संबंधी हाल के निर्णयों को देखते हुए विशेष महत्व की है.

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जहां देश की साख कम की है वहीं एस एंड पी ने इसे निम्न निवेश स्तर पर बरकरार है.

सु्ब्रमणियम ने एक तरह से भारत की साख को बेहतर किये जाने की वकालत करते हुए कहा कि भारत की देनदारी चुकाने की क्षमता, इच्छा असंदिग्ध है, यह सोने की तरह खरा है.

सुब्रमणियम ने संतोष जताते हुए कहा कि भारत के सुधारों को रेटिंग एजेंसियों ने स्वीकार किया है और अगले साल उच्च आर्थिक वृद्धि दर के लिये ये महत्वपूर्ण तत्व हैं.

इस साल आर्थिक वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगी कि हालात कब ठीक होते हैं और पुनरूद्धार कब शुरू होता है. यह फिलहाल अनिश्चित है कि पुनरूद्धार दूसरी छमाही में शुरू होता है या फिर अगले साल.

ये भी पढ़ें: कंपनियों द्वारा निदेशकों को किया जाने वाला भुगतान अब जीएसटी के दायरे में

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि वित्त मंत्रालय इस साल के लिये आर्थिक वृद्धि के कई तरह के अनुमानों पर काम कर रहा है. वृद्धि में सुधार चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में शुरू होगा या अगले साल, उम्मीदें इस आधार पर भी निर्भर हैं.

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने घाटे के वित्त पोषण के लिये अतिरिक्त मुद्रा की छपाई जैसे विभिन्न विकल्पों के नफा-नुकसान पर गौर किया है.

"हम सभी उपायों पर विचार कर रहे हैं, उसका आकलन करेंगे"

निजीकरण की नीति के बारे में उन्होंने कहा कि बैंक रणनीतिक क्षेत्र का हिस्सा होगा और सरकार रणनीतिक तथा गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को चिन्हित करने की दिशा में काम कर रही है

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी ताकत को देखते हुए देश बेहतर क्रेडिट रेटिंग का हकदार है. उन्होंने यह बात दो अंतरराष्ट्रीय साख प्रमाणन एजेंसियों के भारत संबंधी हाल के निर्णयों को देखते हुए विशेष महत्व की है.

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जहां देश की साख कम की है वहीं एस एंड पी ने इसे निम्न निवेश स्तर पर बरकरार है.

सु्ब्रमणियम ने एक तरह से भारत की साख को बेहतर किये जाने की वकालत करते हुए कहा कि भारत की देनदारी चुकाने की क्षमता, इच्छा असंदिग्ध है, यह सोने की तरह खरा है.

सुब्रमणियम ने संतोष जताते हुए कहा कि भारत के सुधारों को रेटिंग एजेंसियों ने स्वीकार किया है और अगले साल उच्च आर्थिक वृद्धि दर के लिये ये महत्वपूर्ण तत्व हैं.

इस साल आर्थिक वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगी कि हालात कब ठीक होते हैं और पुनरूद्धार कब शुरू होता है. यह फिलहाल अनिश्चित है कि पुनरूद्धार दूसरी छमाही में शुरू होता है या फिर अगले साल.

ये भी पढ़ें: कंपनियों द्वारा निदेशकों को किया जाने वाला भुगतान अब जीएसटी के दायरे में

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि वित्त मंत्रालय इस साल के लिये आर्थिक वृद्धि के कई तरह के अनुमानों पर काम कर रहा है. वृद्धि में सुधार चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में शुरू होगा या अगले साल, उम्मीदें इस आधार पर भी निर्भर हैं.

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने घाटे के वित्त पोषण के लिये अतिरिक्त मुद्रा की छपाई जैसे विभिन्न विकल्पों के नफा-नुकसान पर गौर किया है.

"हम सभी उपायों पर विचार कर रहे हैं, उसका आकलन करेंगे"

निजीकरण की नीति के बारे में उन्होंने कहा कि बैंक रणनीतिक क्षेत्र का हिस्सा होगा और सरकार रणनीतिक तथा गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को चिन्हित करने की दिशा में काम कर रही है

(पीटीआई-भाषा)

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