गोरखपुर: पूरे देश में ट्रेनें रोजाना ऐसे पुलों से होकर गुजरती हैं, जो 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं. ऐसे पुलों की संख्या लगभग 40 हजार है. पूर्वोत्तर रेलवे सीमा में पांच बड़े पुल 125 से 135 साल पुराने हैं. रेलवे ने पुलों की जर्जर हालत देखते हुए सर्वे कराने का निर्णय लिया है, ताकि इन पुलों की कमियों को दूर किया जा सके या फिर उनकी जगह पर नए पुलों का निर्माण किया जा सके.
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रेलवे विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार-
- पूर्वोत्तर रेलवे सीमा में 3986 पुल हैं.
- इनमें 25 महत्वपूर्ण और 387 बड़े पुल हैं.
- बाकी 3574 छोटे पुल हैं.
- 10 फीसदी पुल ऐसे हैं, जिनका रेलवे के पास कोई पुख्ता रिकॉर्ड नहीं है.
- कुछ पुल 1884 में बने तो कुछ 1894 और 1896 में बने हैं.
- रेलवे ने पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराने का निर्देश दिया है.
देश के पांच सबसे पुराने पुल
- यमुना नदी पर बना 554 नंबर का पुल मथुरा जिले में स्थित है, जो वर्ष 1884 में बना है.
- घाघरा नदी पर एल्गिन ब्रिज 123 साल पुराना है. पुल 391 नंबर से रिकॉर्ड में दर्ज है जो 1896 में बना है.
- पुल नंबर 409 मानपुर-नगरिया रूट पर स्थित है. जो 1894 में निर्मित है.
- पलिया कला रूट पर स्थित शारदा ब्रिज पुल 97 नंबर से दर्ज है, जो 1894 में निर्मित है.
- बलिया- बेल्थरा रूट पर 1909 में घाघरा नदी पर बनाया गया पुल नंबर 31 में दर्ज है.