ETV Bharat / business

सही नीतियों से कोरोना वायरस संकट से उबर सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था: आईएमएफ अधिकारी

आईएमएफ ने अपने अनुमानों में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020 के दौरान 10.3 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है. इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा कि 2021 में भारत की वृद्धि दर प्रभावशाली सुधार दर्ज करते हुए 8.8 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच सकती है, लेकिन इसके लिए देश को विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रयासों को तेज करना होगा.

सही नीतियों से कोरोना वायरस संकट से उबर सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था: आईएमएफ अधिकारी
सही नीतियों से कोरोना वायरस संकट से उबर सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था: आईएमएफ अधिकारी
author img

By

Published : Oct 14, 2020, 7:56 PM IST

वॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आई भारतीय अर्थव्यवस्था को इस "भयानक संकट" से उबारने के लिए सरकार को राजकोषीय और मौद्रिक उपायों के साथ ही संरचनात्मक उपाय भी करने होंगे.

आईएमएफ ने अपने अनुमानों में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020 के दौरान 10.3 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है. इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा कि 2021 में भारत की वृद्धि दर प्रभावशाली सुधार दर्ज करते हुए 8.8 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच सकती है, लेकिन इसके लिए देश को विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रयासों को तेज करना होगा.

आईएमएफ के शोध विभाग के प्रभाग प्रमुख मल्हार श्याम नाबर ने यहां आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की वार्षिक बैठक के मौके पर कहा कि निश्चित रूप से आगे जो बातें की जा सकती हैं, उनमें राजकोषीय उपाय शामिल हैं, लेकिन आईएमएफ का मानना है कि इस महामारी से प्रभावित हुए परिवारों और कंपनियों को मदद पहुंचाना अधिक जरूरी है.

ये भी पढ़ें: होंडा ने अमेज का विशेष संस्करण उतारा, कीमत 7 लाख से 9.10 लाख रुपये

उन्होंने आगे कहा कि प्रत्यक्ष खर्च और कर राहत उपायों पर अधिक जोर देने की जरूरत है, और नकदी समर्थन, ऋण गारंटी जैसे उपायों पर थोड़ा कम भरोसा करने की आवश्यकता है, हालांकि ये अर्थव्यवस्था में ऋण प्रावधान बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

उन्होंने कहा कि इस तरह के उपायों पर अधिक जोर दिया गया, लेकिन आईएमएफ को लगता है कि प्रत्यक्ष राहत और व्यय समर्थन अधिक मात्रा में मुहैया कराने की जरूरत है.

(पीटीआई-भाषा)

वॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आई भारतीय अर्थव्यवस्था को इस "भयानक संकट" से उबारने के लिए सरकार को राजकोषीय और मौद्रिक उपायों के साथ ही संरचनात्मक उपाय भी करने होंगे.

आईएमएफ ने अपने अनुमानों में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020 के दौरान 10.3 प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है. इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा कि 2021 में भारत की वृद्धि दर प्रभावशाली सुधार दर्ज करते हुए 8.8 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच सकती है, लेकिन इसके लिए देश को विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रयासों को तेज करना होगा.

आईएमएफ के शोध विभाग के प्रभाग प्रमुख मल्हार श्याम नाबर ने यहां आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की वार्षिक बैठक के मौके पर कहा कि निश्चित रूप से आगे जो बातें की जा सकती हैं, उनमें राजकोषीय उपाय शामिल हैं, लेकिन आईएमएफ का मानना है कि इस महामारी से प्रभावित हुए परिवारों और कंपनियों को मदद पहुंचाना अधिक जरूरी है.

ये भी पढ़ें: होंडा ने अमेज का विशेष संस्करण उतारा, कीमत 7 लाख से 9.10 लाख रुपये

उन्होंने आगे कहा कि प्रत्यक्ष खर्च और कर राहत उपायों पर अधिक जोर देने की जरूरत है, और नकदी समर्थन, ऋण गारंटी जैसे उपायों पर थोड़ा कम भरोसा करने की आवश्यकता है, हालांकि ये अर्थव्यवस्था में ऋण प्रावधान बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

उन्होंने कहा कि इस तरह के उपायों पर अधिक जोर दिया गया, लेकिन आईएमएफ को लगता है कि प्रत्यक्ष राहत और व्यय समर्थन अधिक मात्रा में मुहैया कराने की जरूरत है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.