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अमेरिका- चीन के बीच व्यापार युद्ध से भारत को फायदा: विशेषज्ञ - Business War

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका मुख्य रूप से चीन से खासतौर से मशीनरी और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में मध्यवर्ती उपकरणों पर निशाना साध रहा है जबकि दूसरी तरफ चीन ने अमेरिका से आटोमोटिव और सोयाबीन सहित कृषि उत्पादों को निशाने पर लिया है.

अमेरिका- चीन के बीच व्यापार युद्ध से भारत को फायदा: विशेषज्ञ
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Published : May 16, 2019, 10:17 PM IST

नई दिल्ली: विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध से भारत के लिए दोनों देशों में निर्यात अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी. भारत दोनों देशों में परिधान, कृषि, वाहन और मशीनरी के क्षेत्र में निर्यात अवसर हासिल कर सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका मुख्य रूप से चीन से खासतौर से मशीनरी और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में मध्यवर्ती उपकरणों पर निशाना साध रहा है जबकि दूसरी तरफ चीन ने अमेरिका से आटोमोटिव और सोयाबीन सहित कृषि उत्पादों को निशाने पर लिया है.

ये भी पढ़ें- पांच साल में भारत में कर्मचारियों की संख्या को दोगुना कर 4,000 करेगी मास्टरकार्ड

जोशी ने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत के लिये व्यापक संभावनायें हैं. भारत के लिये परिधानों और सिले सिलाये कपड़ों के क्षेत्र में मजबूत अवसर पैदा हो रहे हैं. क्योंकि चीन के बाद दुनिया में भारत ही ऐसा देश है जहां वैश्विक ग्राहकों को इतने बड़े पैमाने पर आपूर्ति की श्रंखला उपलब्ध हो सकती है. उन्होंने कहा कि भारत को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिये.

भारत को विशेषतौर पर सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना निर्यात बढ़ाना चाहिये. भारतीय निर्यातकों के संगठन फियो ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किये हैं. फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि 2018 में अमेरिका को होने वाले भारत के निर्यात में 11.2 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि चीन को हुये निर्यात में इस दौरान 31.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई.

उन्होंने कहा कि आज चीन पहले से कहीं अधिक भारतीय उत्पादों के लिये अपनी बाजार पहुंच बढ़ा रहा है. भारत से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के लिये बाजार पहुंच बेहतर हुई है. चीन अपने नागरिकों को यह साबित करना चाहेगा कि अमेरिका के साथ उसके व्यापार युद्ध का देश पर कोई असर नहीं हुआ है.

फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने भी कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव भारत के लिए 'भगवान से भेजे गये अवसर' के समान है. भारत के लिये चीन में काम कर रही कंपनियों से निवेश पाने का बेहतर अवसर साबित हो सकता है. अमेरिकी बाजार को ध्यान में रखते हुये जिन कंपनियों ने वहां निवेश किया है वह वहां से अन्यत्र जाना चाहेंगी और भारत इसके लिये बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.

लुधियाना स्थित निर्यातक और फियो के पूर्व अध्यक्ष एस सी रल्हन ने भी इस स्थिति को भारत के लिये फायदेमंद बताया. उनहोंने कहा कि दोनों देशों में इंजीनियरिंग और मशीनरी क्षेत्र में निर्यात के व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे और हमें इस स्थिति का फायदा उठाना चाहिए.

नई दिल्ली: विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध से भारत के लिए दोनों देशों में निर्यात अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी. भारत दोनों देशों में परिधान, कृषि, वाहन और मशीनरी के क्षेत्र में निर्यात अवसर हासिल कर सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका मुख्य रूप से चीन से खासतौर से मशीनरी और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में मध्यवर्ती उपकरणों पर निशाना साध रहा है जबकि दूसरी तरफ चीन ने अमेरिका से आटोमोटिव और सोयाबीन सहित कृषि उत्पादों को निशाने पर लिया है.

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जोशी ने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत के लिये व्यापक संभावनायें हैं. भारत के लिये परिधानों और सिले सिलाये कपड़ों के क्षेत्र में मजबूत अवसर पैदा हो रहे हैं. क्योंकि चीन के बाद दुनिया में भारत ही ऐसा देश है जहां वैश्विक ग्राहकों को इतने बड़े पैमाने पर आपूर्ति की श्रंखला उपलब्ध हो सकती है. उन्होंने कहा कि भारत को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिये.

भारत को विशेषतौर पर सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना निर्यात बढ़ाना चाहिये. भारतीय निर्यातकों के संगठन फियो ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किये हैं. फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि 2018 में अमेरिका को होने वाले भारत के निर्यात में 11.2 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि चीन को हुये निर्यात में इस दौरान 31.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई.

उन्होंने कहा कि आज चीन पहले से कहीं अधिक भारतीय उत्पादों के लिये अपनी बाजार पहुंच बढ़ा रहा है. भारत से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के लिये बाजार पहुंच बेहतर हुई है. चीन अपने नागरिकों को यह साबित करना चाहेगा कि अमेरिका के साथ उसके व्यापार युद्ध का देश पर कोई असर नहीं हुआ है.

फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने भी कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव भारत के लिए 'भगवान से भेजे गये अवसर' के समान है. भारत के लिये चीन में काम कर रही कंपनियों से निवेश पाने का बेहतर अवसर साबित हो सकता है. अमेरिकी बाजार को ध्यान में रखते हुये जिन कंपनियों ने वहां निवेश किया है वह वहां से अन्यत्र जाना चाहेंगी और भारत इसके लिये बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.

लुधियाना स्थित निर्यातक और फियो के पूर्व अध्यक्ष एस सी रल्हन ने भी इस स्थिति को भारत के लिये फायदेमंद बताया. उनहोंने कहा कि दोनों देशों में इंजीनियरिंग और मशीनरी क्षेत्र में निर्यात के व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे और हमें इस स्थिति का फायदा उठाना चाहिए.

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अमेरिका- चीन के बीच व्यापार युद्ध से भारत को फायदा: विशेषज्ञ

नई दिल्ली: विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध से भारत के लिए दोनों देशों में निर्यात अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी. भारत दोनों देशों में परिधान, कृषि, वाहन और मशीनरी के क्षेत्र में निर्यात अवसर हासिल कर सकता है. 

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका मुख्य रूप से चीन से खासतौर से मशीनरी और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में मध्यवर्ती उपकरणों पर निशाना साध रहा है जबकि दूसरी तरफ चीन ने अमेरिका से आटोमोटिव और सोयाबीन सहित कृषि उत्पादों को निशाने पर लिया है. 

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जोशी ने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत के लिये व्यापक संभावनायें हैं. भारत के लिये परिधानों और सिले सिलाये कपड़ों के क्षेत्र में मजबूत अवसर पैदा हो रहे हैं. क्योंकि चीन के बाद दुनिया में भारत ही ऐसा देश है जहां वैश्विक ग्राहकों को इतने बड़े पैमाने पर आपूर्ति की श्रंखला उपलब्ध हो सकती है. उन्होंने कहा कि भारत को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिये. 

भारत को विशेषतौर पर सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना निर्यात बढ़ाना चाहिये. भारतीय निर्यातकों के संगठन फियो ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किये हैं. फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि 2018 में अमेरिका को होने वाले भारत के निर्यात में 11.2 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि चीन को हुये निर्यात में इस दौरान 31.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई. 

उन्होंने कहा कि आज चीन पहले से कहीं अधिक भारतीय उत्पादों के लिये अपनी बाजार पहुंच बढ़ा रहा है. भारत से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के लिये बाजार पहुंच बेहतर हुई है. चीन अपने नागरिकों को यह साबित करना चाहेगा कि अमेरिका के साथ उसके व्यापार युद्ध का देश पर कोई असर नहीं हुआ है. 

फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने भी कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव भारत के लिए 'भगवान से भेजे गये अवसर' के समान है. भारत के लिये चीन में काम कर रही कंपनियों से निवेश पाने का बेहतर अवसर साबित हो सकता है. अमेरिकी बाजार को ध्यान में रखते हुये जिन कंपनियों ने वहां निवेश किया है वह वहां से अन्यत्र जाना चाहेंगी और भारत इसके लिये बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. 

लुधियाना स्थित निर्यातक और फियो के पूर्व अध्यक्ष एस सी रल्हन ने भी इस स्थिति को भारत के लिये फायदेमंद बताया. उनहोंने कहा कि दोनों देशों में इंजीनियरिंग और मशीनरी क्षेत्र में निर्यात के व्यापक अवसर उपलब्ध होंगे और हमें इस स्थिति का फायदा उठाना चाहिये.


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