नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में देश में नौकरियों के अवसर में सात प्रतिशत के आसपास वृद्धि होने का अनुमान है. आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती से रोजगार परिदृश्य पर असर पड़ा है.
टीमलीज की रोजगार परिदृश्य की दूसरी छमाही रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक सुधारों के चलते अक्टूबर-मार्च अवधि में 19 क्षेत्रों में से सात में नौकरी गतिविधियों में सुधार आने की उम्मीद है जबकि नौ क्षेत्रों में रोजगार परिदृश्य में कमी आने की आशंका है.
इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की मौजूदा छमाही में नौकरी के अवसरों में 7.12 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
स्वास्थ्य सेवाओं और औषधि, सूचना प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स एवं प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप, शैक्षिक सेवा, केपीओ, बिजली एवं ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में भर्ती गतिविधियों में सकारात्मक रुख बताया गया है. वहीं, विनिर्माण, इंजीनियरिंग एवं बुनियादी ढांचा, निर्माण एवं रीयल एस्टेट, वित्तीय सेवा, खुदरा, बीपीओ/सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवा, दूरसंचार, यात्रा एवं आतिथ्य, एफएमजीसी, कृषि एवं कृषिरसायन क्षेत्रों में भर्ती गतिविधियों में गिरावट आने का अनुमान है.
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टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष ऋतुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, "आर्थिक वृद्धि दर के कमजोर पड़ने से कुछ क्षेत्रों में रोजगार परिदृश्य में गिरावट आई है. हालांकि, सभी क्षेत्रों को मिलाकर नौकरी गतिविधियों में वृद्धि के संकेत आ रहे हैं."
उन्होंने कहा कि 19 में से 8 क्षेत्रों में रोजगार सृजन में दहाई अंक में वृद्धि होने की उम्मीद है. अक्टूबर-मार्च के दौरान अकेले लॉजिस्टिक्स एवं शैक्षिक सेवा क्षेत्र में 14.36 प्रतिशत अधिक नौकरियां सृजित होंगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां मुंबई, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई, बेंगलूरू, दिल्ली, गुणगांव और कोलकाता में धारणा सकारात्मक रही दिख रही है वहीं इंदौर, कोयम्बटूर, अहमदाबाद, कोच्चि और नागपुर में अप्रैल-सितंबर 2019- 20 के मुकाबले अक्टूबर-मार्च 2019- 20 के लिये धारणा अलग अलग स्तर पर नकारात्मक रही.
इसमें कहा गया है कि वैश्विक बाजारों में इस दौरान शुद्ध रोजगार परिदृश्य में गिरावट का रुख रहा है. सबसे ज्यादा गिरावट यूरोप के रोजगार परिदृश्य में दिखाई दी है इसके बाद अफ्रीका और अमेरिका के रोजगार परिदृश्य में गिरावट रही.