ETV Bharat / business

लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए सोच-समझकर रणनीति बनाने की जरूरत: रिपोर्ट - कोविड 19

बीते वित्त वर्ष की चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई है. कोरोना वायरस पर काबू के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. लॉकडाउन का चौथा चरण रविवार 31 मई तक है.

लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए सोच-समझकर रणनीति बनाने की जरूरत: रिपोर्ट
लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए सोच-समझकर रणनीति बनाने की जरूरत: रिपोर्ट
author img

By

Published : May 30, 2020, 3:08 PM IST

नई दिल्ली: भारत को वृद्धि दर में स्थिर गिरावट को रोकने के लिए लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति काफी सोच-विचार कर बनानी होगी. एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में यह बात कही गई है. बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रह गई है, जो इसका 11 साल का निचला स्तर है.

बीते वित्त वर्ष की चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई है. कोरोना वायरस पर काबू के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. लॉकडाउन का चौथा चरण रविवार 31 मई तक है.

एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है, "अब हमारा मानना है कि हमें समझदारी के साथ लॉकडाउन से निकलने की रणनीति बनानी चाहिए. राष्ट्रव्यापी बंद लंबा खिंचने से वृद्धि दर में गिरावट भी लंबे समय तक रहेगी."

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व के अनुभवों से पता चलता है कि मंदी से बाहर निकलने की रफ्तार काफी धीमी रहती है. आर्थिक गतिविधियों के पुराने स्तर पर पहुंचने में पांच से दस साल लग जाते हैं.

ये भी पढ़ें: न्यायालय का एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ मिस्त्री समूह की याचिका पर टाटा संस को नोटिस

शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों पर रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च के अंतिम कुछ दिनों में बंद की वजह से चौथी तिमाही की वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई.

रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों की बात की जाए, तो सिर्फ कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा. बीते वित्त वर्ष में कृषि और संबद्ध गतिविधियों की वृद्धि दर चार प्रतिशत रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में 2.4 प्रतिशत रही थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारत को वृद्धि दर में स्थिर गिरावट को रोकने के लिए लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति काफी सोच-विचार कर बनानी होगी. एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में यह बात कही गई है. बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रह गई है, जो इसका 11 साल का निचला स्तर है.

बीते वित्त वर्ष की चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई है. कोरोना वायरस पर काबू के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. लॉकडाउन का चौथा चरण रविवार 31 मई तक है.

एसबीआई की शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है, "अब हमारा मानना है कि हमें समझदारी के साथ लॉकडाउन से निकलने की रणनीति बनानी चाहिए. राष्ट्रव्यापी बंद लंबा खिंचने से वृद्धि दर में गिरावट भी लंबे समय तक रहेगी."

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व के अनुभवों से पता चलता है कि मंदी से बाहर निकलने की रफ्तार काफी धीमी रहती है. आर्थिक गतिविधियों के पुराने स्तर पर पहुंचने में पांच से दस साल लग जाते हैं.

ये भी पढ़ें: न्यायालय का एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ मिस्त्री समूह की याचिका पर टाटा संस को नोटिस

शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों पर रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च के अंतिम कुछ दिनों में बंद की वजह से चौथी तिमाही की वृद्धि दर 40 तिमाहियों के निचले स्तर 3.1 प्रतिशत पर आ गई.

रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों की बात की जाए, तो सिर्फ कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा. बीते वित्त वर्ष में कृषि और संबद्ध गतिविधियों की वृद्धि दर चार प्रतिशत रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में 2.4 प्रतिशत रही थी.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.