नई दिल्ली : मॉर्निंगस्टार की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार यह लगातार 13वीं तिमाही है जबकि निवेशकों ने इन कोषों से निकासी की है. मार्च 2021 को समाप्त तिमाही में इन कोषों से 37.6 करोड़ डॉलर की निकासी हुई थी.
विदेशी निवेशक जिन प्रमुख निवेश माध्यमों के जरिए भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करते हैं, उनमें भारत केंद्रित अंतरराष्ट्रीय कोष और ईटीएफ काफी महत्वपूर्ण हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जून, 2021 को समाप्त तिमाही में भारत केंद्रित अंतरराष्ट्रीय कोषों से 1.7 अरब डॉलर की निकासी हुई. इससे पिछली तिमाही में इन कोषों से 1.1 अरब डॉलर की निकासी हुई थी.
हालांकि जून 2021 को समाप्त तिमाही में ऑफशोर ईटीएफ खंड में शुद्ध रूप से 15.3 करोड़ डॉलर का प्रवाह देखने को मिला. यह लगातार तीसरी तिमाही है जबकि ईटीएफ खंड में निवेश का प्रवाह सकारात्मक रहा है. मार्च तिमाही में इस खंड में शुद्ध रूप से 76.7 करोड़ डॉलर और दिसंबर तिमाही में 88.2 करोड़ डॉलर का निवेश आया था.
भारत केंद्रित अंतरराष्ट्रीय कोषों में निवेश को सामान्य तौर पर दीर्घावधि का निवेश माना जाता है. वहीं ऑफशोर ईटीएफ में निवेश को लघु अवधि का माना जाता है. भारत केंद्रित अंतरराष्ट्रीय कोषों तथा ऑफशोर ईटीएफ से निवेशक फरवरी 2018 से लगातार पूंजी की शुद्ध निकासी कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें-अगले साल की शुरुआत में नीतिगत दर में वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक: विश्लेषक
मार्च 2020 की तिमाही में यह आंकड़ा अपने उच्चस्तर पर पहुंचा था. उस समय इन कोषों से पांच अरब डॉलर की निकासी हुई थी. यह इस श्रेणी में अबतक की सबसे ऊंची निकासी है. फरवरी 2018 से जून 2021 के दौरान भारत केंद्रित अंतरराष्ट्रीय कोषों से शुद्ध रूप से 20.8 अरब डॉलर की निकासी हुई है. वहीं इस दौरान भारत केंद्रित ऑफशोर ईटीएफ से शुद्ध रूप से 2.6 अरब डॉलर निकाले गए हैं.
(पीटीआई-भाषा)