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भारत-चीन व्यापार 100 अरब डॉलर के पार चला जाएगा: भारतीय राजदूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पिछले साल वुहान में हुई अनौपचारिक शिखर वार्ता बड़ी उपलब्धि थी और इसने हमारे रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई है. इसके बाद से दोनों शीर्ष नेता अलग-अलग शिखर वार्ताओं से इतर चार बार मिल चुके हैं.

भारत-चीन व्यापार 100 अरब डॉलर के पार चला जाएगा: भारतीय राजदूत
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Published : Jun 6, 2019, 7:45 PM IST

बीजिंग: चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिश्री ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार इस साल 100 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा. कोच्चि की एक कंपनी सिनथाइट इंडस्ट्रीज के चीन में तीसरी विनिर्माण इकाई के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही. कार्यक्रम में मिश्री के साथ चीन सरकार के स्थानीय अधिकारी भी मौजूद रहे.

मिश्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पिछले साल वुहान में हुई अनौपचारिक शिखर वार्ता बड़ी उपलब्धि थी और इसने हमारे रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई है. इसके बाद से दोनों शीर्ष नेता अलग-अलग शिखर वार्ताओं से इतर चार बार मिल चुके हैं.

ये भी पढ़ें: कारों और दोपहिया वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम 16 जून से होगा महंगा

उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक जुड़ाव द्विपक्षीय संबंधों के साथ द्विपक्षीय व्यापार का एक प्रमुख घटक है. द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल के 95 अरब डॉलर से बढ़कर इस साल 100 अरब डॉलर पर पहुंचने के लिए तैयार है.

मिश्री ने बताया, "भारत में चीन के निवेश और चीन में भारतीय निवेश में पिछले कुछ सालों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है. श्याओमी, हायर, ओप्पो जैसी कंपनियां ने भारत में घरेलू कंपनियों की तरह पहचान बना ली है. मुझे यह बताने में गर्व महसूस हो रहा कि करीब 125 भारतीय कंपनियां चीन में परिचालन कर रही हैं. ये कंपनियां सूचना प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण जैसी क्षेत्रों से जुड़ी हैं."

बीजिंग: चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिश्री ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार इस साल 100 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा. कोच्चि की एक कंपनी सिनथाइट इंडस्ट्रीज के चीन में तीसरी विनिर्माण इकाई के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही. कार्यक्रम में मिश्री के साथ चीन सरकार के स्थानीय अधिकारी भी मौजूद रहे.

मिश्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पिछले साल वुहान में हुई अनौपचारिक शिखर वार्ता बड़ी उपलब्धि थी और इसने हमारे रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई है. इसके बाद से दोनों शीर्ष नेता अलग-अलग शिखर वार्ताओं से इतर चार बार मिल चुके हैं.

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उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक जुड़ाव द्विपक्षीय संबंधों के साथ द्विपक्षीय व्यापार का एक प्रमुख घटक है. द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल के 95 अरब डॉलर से बढ़कर इस साल 100 अरब डॉलर पर पहुंचने के लिए तैयार है.

मिश्री ने बताया, "भारत में चीन के निवेश और चीन में भारतीय निवेश में पिछले कुछ सालों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है. श्याओमी, हायर, ओप्पो जैसी कंपनियां ने भारत में घरेलू कंपनियों की तरह पहचान बना ली है. मुझे यह बताने में गर्व महसूस हो रहा कि करीब 125 भारतीय कंपनियां चीन में परिचालन कर रही हैं. ये कंपनियां सूचना प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण जैसी क्षेत्रों से जुड़ी हैं."

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बीजिंग: चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिश्री ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार इस साल 100 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा. कोच्चि की एक कंपनी सिनथाइट इंडस्ट्रीज के चीन में तीसरी विनिर्माण इकाई के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही. कार्यक्रम में मिश्री के साथ चीन सरकार के स्थानीय अधिकारी भी मौजूद रहे.

मिश्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पिछले साल वुहान में हुई अनौपचारिक शिखर वार्ता बड़ी उपलब्धि थी और इसने हमारे रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई है. इसके बाद से दोनों शीर्ष नेता अलग-अलग शिखर वार्ताओं से इतर चार बार मिल चुके हैं.

उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक जुड़ाव द्विपक्षीय संबंधों के साथ द्विपक्षीय व्यापार का एक प्रमुख घटक है. द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल के 95 अरब डॉलर से बढ़कर इस साल 100 अरब डॉलर पर पहुंचने के लिए तैयार है.

मिश्री ने बताया, "भारत में चीन के निवेश और चीन में भारतीय निवेश में पिछले कुछ सालों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है. श्याओमी, हायर, ओप्पो जैसी कंपनियां ने भारत में घरेलू कंपनियों की तरह पहचान बना ली है. मुझे यह बताने में गर्व महसूस हो रहा कि करीब 125 भारतीय कंपनियां चीन में परिचालन कर रही हैं. ये कंपनियां सूचना प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण जैसी क्षेत्रों से जुड़ी हैं."

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