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मैदानी क्षेत्रों की गर्मी से हिमाचल की जेब गर्म

आतिथि सत्कार उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि बर्फीले प्राकृतिक दृश्यों वाले नरकंडा, कल्पा, धर्मशाला, पालमपुर और मनाली जैसे शहरों में उत्तरी भारत से बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने आ रहे हैं.

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Published : Jun 11, 2019, 7:25 PM IST

मैदानी क्षेत्रों की गर्मी से हिमाचल की जेब गर्म

शिमला/मनाली: मैदानी क्षेत्रों की झुलसाने वाली गर्मी से बचने के लिए हजारों लोग हिमाचल प्रदेश की ठंडी व शांत वादियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे प्रदेश की आय बढ़ रही है.

आतिथि सत्कार उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि बर्फीले प्राकृतिक दृश्यों वाले नरकंडा, कल्पा, धर्मशाला, पालमपुर और मनाली जैसे शहरों में उत्तरी भारत से बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने आ रहे हैं.

मनाली के ट्रैवेल एजेंट नकुल ठाकुर ने आईएएनएस को बताया, "बर्फीले दृश्य वाला रोहतांग पास यात्रियों को कभी भी निराश नहीं करता है. मनाली में प्रतिदिन आने वाले पर्यटकों की औसतन संख्या 20-30 हजार के आसपास है. सप्ताहांत में यह संख्या 40 हजार से भी अधिक होती है."

ये भी पढ़ें: भारतीय रेलवे स्टेशनों का विकास करेगी फ्रांस रेलवे

उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले की 13,050 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग पास के फिर से खुलने की वजह से पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी हुई है.

यह पास, जहां अभी भी बर्फ की मोटी चादर फैली है, उसे छह महीने बाद दोबारा 1 जून से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है.

वहां के खुशनुमा माहौल के बारे में कॉर्पोरेट एक्जीक्यूटिव ईशा भटनागर ने कहा, "मैदानी क्षेत्रों की झुलसाने वाली स्थिति की तुलना में यहां का मौसम बहुत आनंदित करने वाला है."

हालांकि पर्यटकों की संख्या को देखते हुए यहां के ज्यादातर होटलों, अतिथि गृह और लॉज वालों ने टैरिफ को दोगुना बढ़ा दिया है.

वहीं इस पर्यटन मौसम में टैक्सी चालक और गाइड दाम बढ़ाकर खुलेआम पर्यटकों की जेब काट रहे हैं.

पहाड़ी गंतव्य, जैसे शिमला, कुफ्री, नरकंडा, कसौली, चैल, मनाली, डलहौजी, पालमपुर और धर्मशाला में यात्रियों की बाढ़ आ गई है.

खबरों के अनुसार, बीते साल के मुकाबले राज्य में पर्यटकों का आगमन करीब 40 से 45 प्रतिशत बढ़ा है.

शिमला/मनाली: मैदानी क्षेत्रों की झुलसाने वाली गर्मी से बचने के लिए हजारों लोग हिमाचल प्रदेश की ठंडी व शांत वादियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे प्रदेश की आय बढ़ रही है.

आतिथि सत्कार उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि बर्फीले प्राकृतिक दृश्यों वाले नरकंडा, कल्पा, धर्मशाला, पालमपुर और मनाली जैसे शहरों में उत्तरी भारत से बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने आ रहे हैं.

मनाली के ट्रैवेल एजेंट नकुल ठाकुर ने आईएएनएस को बताया, "बर्फीले दृश्य वाला रोहतांग पास यात्रियों को कभी भी निराश नहीं करता है. मनाली में प्रतिदिन आने वाले पर्यटकों की औसतन संख्या 20-30 हजार के आसपास है. सप्ताहांत में यह संख्या 40 हजार से भी अधिक होती है."

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उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले की 13,050 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग पास के फिर से खुलने की वजह से पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी हुई है.

यह पास, जहां अभी भी बर्फ की मोटी चादर फैली है, उसे छह महीने बाद दोबारा 1 जून से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है.

वहां के खुशनुमा माहौल के बारे में कॉर्पोरेट एक्जीक्यूटिव ईशा भटनागर ने कहा, "मैदानी क्षेत्रों की झुलसाने वाली स्थिति की तुलना में यहां का मौसम बहुत आनंदित करने वाला है."

हालांकि पर्यटकों की संख्या को देखते हुए यहां के ज्यादातर होटलों, अतिथि गृह और लॉज वालों ने टैरिफ को दोगुना बढ़ा दिया है.

वहीं इस पर्यटन मौसम में टैक्सी चालक और गाइड दाम बढ़ाकर खुलेआम पर्यटकों की जेब काट रहे हैं.

पहाड़ी गंतव्य, जैसे शिमला, कुफ्री, नरकंडा, कसौली, चैल, मनाली, डलहौजी, पालमपुर और धर्मशाला में यात्रियों की बाढ़ आ गई है.

खबरों के अनुसार, बीते साल के मुकाबले राज्य में पर्यटकों का आगमन करीब 40 से 45 प्रतिशत बढ़ा है.

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शिमला/मनाली: मैदानी क्षेत्रों की झुलसाने वाली गर्मी से बचने के लिए हजारों लोग हिमाचल प्रदेश की ठंडी व शांत वादियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे प्रदेश की आय बढ़ रही है.

आतिथि सत्कार उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि बर्फीले प्राकृतिक दृश्यों वाले नरकंडा, कल्पा, धर्मशाला, पालमपुर और मनाली जैसे शहरों में उत्तरी भारत से बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने आ रहे हैं.

मनाली के ट्रैवेल एजेंट नकुल ठाकुर ने आईएएनएस को बताया, "बर्फीले दृश्य वाला रोहतांग पास यात्रियों को कभी भी निराश नहीं करता है. मनाली में प्रतिदिन आने वाले पर्यटकों की औसतन संख्या 20-30 हजार के आसपास है. सप्ताहांत में यह संख्या 40 हजार से भी अधिक होती है."

उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले की 13,050 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग पास के फिर से खुलने की वजह से पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी हुई है.

यह पास, जहां अभी भी बर्फ की मोटी चादर फैली है, उसे छह महीने बाद दोबारा 1 जून से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है.

वहां के खुशनुमा माहौल के बारे में कॉर्पोरेट एक्जीक्यूटिव ईशा भटनागर ने कहा, "मैदानी क्षेत्रों की झुलसाने वाली स्थिति की तुलना में यहां का मौसम बहुत आनंदित करने वाला है."

हालांकि पर्यटकों की संख्या को देखते हुए यहां के ज्यादातर होटलों, अतिथि गृह और लॉज वालों ने टैरिफ को दोगुना बढ़ा दिया है.

वहीं इस पर्यटन मौसम में टैक्सी चालक और गाइड दाम बढ़ाकर खुलेआम पर्यटकों की जेब काट रहे हैं.

पहाड़ी गंतव्य, जैसे शिमला, कुफ्री, नरकंडा, कसौली, चैल, मनाली, डलहौजी, पालमपुर और धर्मशाला में यात्रियों की बाढ़ आ गई है.

खबरों के अनुसार, बीते साल के मुकाबले राज्य में पर्यटकों का आगमन करीब 40 से 45 प्रतिशत बढ़ा है.

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