नई दिल्ली: जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने मंगलवार को कहा कि वह 1.5 करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मुफ्त में लेखा-जोखा तथा बिल बनाने के साफ्टवेयर की पेशकश कर रहा है. इससे करीब 80 लाख छोटे उद्यमियों को लाभ होगा.
जीएसटीएन ने एक बयान में कहा कि यह साफ्टवेयर कंपनियों को बिल और उनके लेखा खातों का ब्योरा तैयार करने, भंडार के माल का प्रबंधन तथा जीएसटी रिटर्न तैयार करने में मदद करेगा.
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बयान के अनुसार साफ्टवेयर पोर्टल www.gst.gov.in पर दिये गये डाउनलोड विकल्प पर क्लिक कर प्राप्त किया जा सकता है.
इसमें कहा गया है, "जीएसटीएन ने एक वित्त वर्ष में 1.5 करोड़ रुपये से कम कारोबार करने वाले एमएसएमई को साफ्टवेयर उपलब्ध कराने के लिये बिल और एकाउंटिंग साफ्टवेयर विक्रेताओं के साथ गठजोड़ किया है. इसके लिये इन करदाताओं को कोई शुल्क नहीं देना होगा."
बयान के अनुसार करीब 80 लाख एमएसएमई ऐसे हैं जिसका कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से कम है. जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि इस पहल से एमएसएमई डिजिटल प्रणाली की ओर आगे बढ़ेंगे. इससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और अनुपालन बोझ कम करने में मदद मिलेगी.
छोटे उद्यमियों को बिल, लेखा-जोखा बनाने का साफ्टवेयर मुफ्त में उपलब्ध करा रहा है जीएसटीएन
जीएसटीएन ने एक बयान में कहा कि यह साफ्टवेयर कंपनियों को बिल और उनके लेखा खातों का ब्योरा तैयार करने, भंडार के माल का प्रबंधन तथा जीएसटी रिटर्न तैयार करने में मदद करेगा.
नई दिल्ली: जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने मंगलवार को कहा कि वह 1.5 करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मुफ्त में लेखा-जोखा तथा बिल बनाने के साफ्टवेयर की पेशकश कर रहा है. इससे करीब 80 लाख छोटे उद्यमियों को लाभ होगा.
जीएसटीएन ने एक बयान में कहा कि यह साफ्टवेयर कंपनियों को बिल और उनके लेखा खातों का ब्योरा तैयार करने, भंडार के माल का प्रबंधन तथा जीएसटी रिटर्न तैयार करने में मदद करेगा.
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बयान के अनुसार साफ्टवेयर पोर्टल www.gst.gov.in पर दिये गये डाउनलोड विकल्प पर क्लिक कर प्राप्त किया जा सकता है.
इसमें कहा गया है, "जीएसटीएन ने एक वित्त वर्ष में 1.5 करोड़ रुपये से कम कारोबार करने वाले एमएसएमई को साफ्टवेयर उपलब्ध कराने के लिये बिल और एकाउंटिंग साफ्टवेयर विक्रेताओं के साथ गठजोड़ किया है. इसके लिये इन करदाताओं को कोई शुल्क नहीं देना होगा."
बयान के अनुसार करीब 80 लाख एमएसएमई ऐसे हैं जिसका कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से कम है. जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि इस पहल से एमएसएमई डिजिटल प्रणाली की ओर आगे बढ़ेंगे. इससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और अनुपालन बोझ कम करने में मदद मिलेगी.
छोटे उद्यमियों को बिल, लेखा-जोखा बनाने का साफ्टवेयर मुफ्त में उपलब्ध करा रहा है जीएसटीएन
नई दिल्ली: जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने मंगलवार को कहा कि वह 1.5 करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मुफ्त में लेखा-जोखा तथा बिल बनाने के साफ्टवेयर की पेशकश कर रहा है. इससे करीब 80 लाख छोटे उद्यमियों को लाभ होगा.
जीएसटीएन ने एक बयान में कहा कि यह साफ्टवेयर कंपनियों को बिल और उनके लेखा खातों का ब्योरा तैयार करने, भंडार के माल का प्रबंधन तथा जीएसटी रिटर्न तैयार करने में मदद करेगा.
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बयान के अनुसार साफ्टवेयर पोर्टल www.gst.gov.in पर दिये गये डाउनलोड विकल्प पर क्लिक कर प्राप्त किया जा सकता है.
इसमें कहा गया है, "जीएसटीएन ने एक वित्त वर्ष में 1.5 करोड़ रुपये से कम कारोबार करने वाले एमएसएमई को साफ्टवेयर उपलब्ध कराने के लिये बिल और एकाउंटिंग साफ्टवेयर विक्रेताओं के साथ गठजोड़ किया है. इसके लिये इन करदाताओं को कोई शुल्क नहीं देना होगा."
बयान के अनुसार करीब 80 लाख एमएसएमई ऐसे हैं जिसका कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से कम है. जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि इस पहल से एमएसएमई डिजिटल प्रणाली की ओर आगे बढ़ेंगे. इससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और अनुपालन बोझ कम करने में मदद मिलेगी.
Conclusion: