वाशिंगटन: चीन के साथ एक साल से अधिक समय से चल रहे प्रशुल्क-युद्ध के कारण अमेरिका की कंपनियों को आयात के लिए भारत, थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया और तुर्की जैसे देशों की ओर झुकना पड़ा है जिन्हें अमेरिकी बाजार में शुल्क मुक्त या रियायती शुल्क पर निर्यात करने की एक सामान्य व्यवस्था का लाभ मिला हुआ है.
इस व्यवस्था के पक्ष में सक्रिय अमेरिकी कंपनियों और व्यापार संघों की मंगलावार को एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी कि भारत को जीएसपी का फायदा बंद करने से सिर्फ चीन को ही लाभ होगा. गौरतलब है कि ट्रम्प सरकार ने भारत को डब्ल्यूटीओ की जीएसपी व्यवस्था के तहत व्यापार में विशेष रियायती प्रशुल्क के लाभ से वंचित करने का नोटिस दे रखा है.
ये भी पढे़ं- आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी बने येस बैंक बोर्ड के अतिरिक्त निदेशक
अमेरिका की कंपनियों तथा व्यापार संगठनों के समूह 'जीएसपी के लिये गठजोड़' ने रिपोर्ट में कहा कि ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सामान्य तरजीही प्रणाली (जीएसपी) से मार्च में अमेरिकी कंपनियों को 10.50 करोड़ डॉलर की बचत हुई है. यह मार्च 2018 में हुई बचत की तुलना में 2.80 करोड़ डॉलर यानी 36 प्रतिशत अधिक है. यह किसी भी महीने में हुई बचत का दूसरा सर्वाधिक स्तर है.
वर्ष 2019 की पहली तिमाही में जीएसपी से अमेरिकी कंपनियों को 28.50 करोड़ डॉलर की बचत हुई है जो 2018 की पहली तिमाही की तुलना में 6.30 करोड़ डॉलर अधिक है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार मार्च को कहा था कि भारत को जीएसपी कार्यक्रम से बाहर किया जाएगा. इसके लिये 60 दिन की नोटिस अवधि तीन मई को समाप्त हो गयी है.
संगठन ने रिपोर्ट में कहा कि चीन के जो आयातित उत्पाद धारा301 के शुल्क से प्रभावित हुए हैं उनकी 2019 के जीएसपी आयात में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है. जीएसपी आयात में कुल वृद्धि 76 करोड़ डॉलर की हुई है जिसमें 67.2 करोड़ डॉलर के उत्पाद चीन पर लगे शुल्क के दायरे वाले हैं.
धारा 301 के तहत आने वाले उत्पादों का जीएसपी आयात 19 प्रतिशत बढ़ा है जबकि अन्य उत्पादों का आयात महज पांच प्रतिशत बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत को सबसे अधिक फायदा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, "भारत से होने वाले जीएसपी आयात में 97 प्रतिशत वृद्धि का कारण चीन के शुल्क प्रभावित उत्पाद हैं. ऐसे उत्पादों का भारत से आयात 19.30 करोड़ डॉलर यानी 18 प्रतिशत बढ़ा है जबकि अन्य उत्पादों का आयात महज 70 लाख डॉलर यानी दो प्रतिशत ही बढ़ा है."
संगठन ने एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि भारत को जीएसपी से बाहर किये जाने का सबसे अधिक फायदा चीन को होगा.
चीन के साथ व्यापार युद्ध से जीएसपी देशों को हुआ फायदा: रिपोर्ट - India WTO
अमेरिका की कंपनियों तथा व्यापार संगठनों के समूह 'जीएसपी के लिये गठजोड़' ने रिपोर्ट में कहा कि ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सामान्य तरजीही प्रणाली (जीएसपी) से मार्च में अमेरिकी कंपनियों को 10.50 करोड़ डॉलर की बचत हुई है.
वाशिंगटन: चीन के साथ एक साल से अधिक समय से चल रहे प्रशुल्क-युद्ध के कारण अमेरिका की कंपनियों को आयात के लिए भारत, थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया और तुर्की जैसे देशों की ओर झुकना पड़ा है जिन्हें अमेरिकी बाजार में शुल्क मुक्त या रियायती शुल्क पर निर्यात करने की एक सामान्य व्यवस्था का लाभ मिला हुआ है.
इस व्यवस्था के पक्ष में सक्रिय अमेरिकी कंपनियों और व्यापार संघों की मंगलावार को एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी कि भारत को जीएसपी का फायदा बंद करने से सिर्फ चीन को ही लाभ होगा. गौरतलब है कि ट्रम्प सरकार ने भारत को डब्ल्यूटीओ की जीएसपी व्यवस्था के तहत व्यापार में विशेष रियायती प्रशुल्क के लाभ से वंचित करने का नोटिस दे रखा है.
ये भी पढे़ं- आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी बने येस बैंक बोर्ड के अतिरिक्त निदेशक
अमेरिका की कंपनियों तथा व्यापार संगठनों के समूह 'जीएसपी के लिये गठजोड़' ने रिपोर्ट में कहा कि ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सामान्य तरजीही प्रणाली (जीएसपी) से मार्च में अमेरिकी कंपनियों को 10.50 करोड़ डॉलर की बचत हुई है. यह मार्च 2018 में हुई बचत की तुलना में 2.80 करोड़ डॉलर यानी 36 प्रतिशत अधिक है. यह किसी भी महीने में हुई बचत का दूसरा सर्वाधिक स्तर है.
वर्ष 2019 की पहली तिमाही में जीएसपी से अमेरिकी कंपनियों को 28.50 करोड़ डॉलर की बचत हुई है जो 2018 की पहली तिमाही की तुलना में 6.30 करोड़ डॉलर अधिक है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार मार्च को कहा था कि भारत को जीएसपी कार्यक्रम से बाहर किया जाएगा. इसके लिये 60 दिन की नोटिस अवधि तीन मई को समाप्त हो गयी है.
संगठन ने रिपोर्ट में कहा कि चीन के जो आयातित उत्पाद धारा301 के शुल्क से प्रभावित हुए हैं उनकी 2019 के जीएसपी आयात में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है. जीएसपी आयात में कुल वृद्धि 76 करोड़ डॉलर की हुई है जिसमें 67.2 करोड़ डॉलर के उत्पाद चीन पर लगे शुल्क के दायरे वाले हैं.
धारा 301 के तहत आने वाले उत्पादों का जीएसपी आयात 19 प्रतिशत बढ़ा है जबकि अन्य उत्पादों का आयात महज पांच प्रतिशत बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत को सबसे अधिक फायदा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, "भारत से होने वाले जीएसपी आयात में 97 प्रतिशत वृद्धि का कारण चीन के शुल्क प्रभावित उत्पाद हैं. ऐसे उत्पादों का भारत से आयात 19.30 करोड़ डॉलर यानी 18 प्रतिशत बढ़ा है जबकि अन्य उत्पादों का आयात महज 70 लाख डॉलर यानी दो प्रतिशत ही बढ़ा है."
संगठन ने एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि भारत को जीएसपी से बाहर किये जाने का सबसे अधिक फायदा चीन को होगा.
चीन के साथ व्यापार युद्ध से जीएसपी देशों को हुआ फायदा: रिपोर्ट
वाशिंगटन: चीन के साथ एक साल से अधिक समय से चल रहे प्रशुल्क-युद्ध के कारण अमेरिका की कंपनियों को आयात के लिए भारत, थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया और तुर्की जैसे देशों की ओर झुकना पड़ा है जिन्हें अमेरिकी बाजार में शुल्क मुक्त या रियायती शुल्क पर निर्यात करने की एक सामान्य व्यवस्था का लाभ मिला हुआ है.
इस व्यवस्था के पक्ष में सक्रिय अमेरिकी कंपनियों और व्यापार संघों की मंगलावार को एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी कि भारत को जीएसपी का फायदा बंद करने से सिर्फ चीन को ही लाभ होगा. गौरतलब है कि ट्रम्प सरकार ने भारत को डब्ल्यूटीओ की जीएसपी व्यवस्था के तहत व्यापार में विशेष रियायती प्रशुल्क के लाभ से वंचित करने का नोटिस दे रखा है.
ये भी पढे़ं-
अमेरिका की कंपनियों तथा व्यापार संगठनों के समूह 'जीएसपी के लिये गठजोड़' ने रिपोर्ट में कहा कि ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सामान्य तरजीही प्रणाली (जीएसपी) से मार्च में अमेरिकी कंपनियों को 10.50 करोड़ डॉलर की बचत हुई है. यह मार्च 2018 में हुई बचत की तुलना में 2.80 करोड़ डॉलर यानी 36 प्रतिशत अधिक है. यह किसी भी महीने में हुई बचत का दूसरा सर्वाधिक स्तर है.
वर्ष 2019 की पहली तिमाही में जीएसपी से अमेरिकी कंपनियों को 28.50 करोड़ डॉलर की बचत हुई है जो 2018 की पहली तिमाही की तुलना में 6.30 करोड़ डॉलर अधिक है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चार मार्च को कहा था कि भारत को जीएसपी कार्यक्रम से बाहर किया जाएगा. इसके लिये 60 दिन की नोटिस अवधि तीन मई को समाप्त हो गयी है.
संगठन ने रिपोर्ट में कहा कि चीन के जो आयातित उत्पाद धारा301 के शुल्क से प्रभावित हुए हैं उनकी 2019 के जीएसपी आयात में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है. जीएसपी आयात में कुल वृद्धि 76 करोड़ डॉलर की हुई है जिसमें 67.2 करोड़ डॉलर के उत्पाद चीन पर लगे शुल्क के दायरे वाले हैं.
धारा 301 के तहत आने वाले उत्पादों का जीएसपी आयात 19 प्रतिशत बढ़ा है जबकि अन्य उत्पादों का आयात महज पांच प्रतिशत बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत को सबसे अधिक फायदा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, "भारत से होने वाले जीएसपी आयात में 97 प्रतिशत वृद्धि का कारण चीन के शुल्क प्रभावित उत्पाद हैं. ऐसे उत्पादों का भारत से आयात 19.30 करोड़ डॉलर यानी 18 प्रतिशत बढ़ा है जबकि अन्य उत्पादों का आयात महज 70 लाख डॉलर यानी दो प्रतिशत ही बढ़ा है."
संगठन ने एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि भारत को जीएसपी से बाहर किये जाने का सबसे अधिक फायदा चीन को होगा.
Conclusion: