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आर्थिक वृद्धि में जनवरी से सुधार की शुरुआत का अनुमान: आदित्य पुरी

आदित्य पुरी ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि अचानक से तेजी आयेगी या हम तुरंत ही छलांग लगाएंगे. मैं बस यह कह रहा हूं कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, वृद्धि अभी की तुलना में अधिक होती जाएगी. हम संभवत: निचले स्तर पर हैं.

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Published : Oct 6, 2019, 5:23 PM IST

आर्थिक वृद्धि में जनवरी से सुधार की शुरुआत का अनुमान: आदित्य पुरी

मुंबई: एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि संभवत: निचले स्थान पर आ चुकी है और अगले साल जनवरी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विस्तार होने लगेगा.

पुरी ने पीटीआई भाषा से एक साक्षात्कार में कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का संकट समाप्त हो चुका है. कुछ कंपनियां, खासकर जिन्होंने रियल्टी क्षेत्र में निवेश किया हुआ है, आने वाले समय में भी दिक्कतों से जूझ सकती हैं.

उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि अचानक से तेजी आयेगी या हम तुरंत ही छलांग लगाएंगे. मैं बस यह कह रहा हूं कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, वृद्धि अभी की तुलना में अधिक होती जाएगी. हम संभवत: निचले स्तर पर हैं."

उन्होंने कहा कि अधिक सरकारी खर्च, बुनियादी संरचना में निवेश, अर्थव्यवस्था में पैसे झोंकने के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कदम और अच्छे मानसून से वृद्धि को समर्थन मिलेगा. पुरी ने कहा कि देश का आकार बड़ा है इस कारण परिणाम सामने आने में समय लगेगा.

ये भी पढ़ें: सिर्फ 10 प्रतिशत मुख्य कार्यकारी कृत्रिम मेधा को लेकर आश्वस्त : पीडब्ल्यूसी

उन्होंने कहा कि जनवरी तक वृद्धि में सुधार की शुरुआत होने का अनुमान है. राजकोषीय स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका जायज है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि अधिक विनिवेश, आयकर व जीएसटी के बेहतर संग्रह से इसे पाट लिया जाएगा.

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संकट के बारे में उन्होंने कहा कि संकट खत्म हो चुका है लेकिन इसका कोई आसान समाधान नहीं है. चीजें सही होने में समय लगेगा.

राजकोषीय मोर्चे पर बढ़ती चिंता से जुड़े सवाल के जवाब में पुरी ने कहा कि राजकोषीय अंतर बढ़ने को लेकर चिंता 'जायज' है लेकिन उन्हें भरोसा है कि विनिवेश, बेहतर जीएसटी और आयकर संग्रह से अंतर को पूरा किया जा सकता है.

मुंबई: एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि संभवत: निचले स्थान पर आ चुकी है और अगले साल जनवरी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विस्तार होने लगेगा.

पुरी ने पीटीआई भाषा से एक साक्षात्कार में कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का संकट समाप्त हो चुका है. कुछ कंपनियां, खासकर जिन्होंने रियल्टी क्षेत्र में निवेश किया हुआ है, आने वाले समय में भी दिक्कतों से जूझ सकती हैं.

उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि अचानक से तेजी आयेगी या हम तुरंत ही छलांग लगाएंगे. मैं बस यह कह रहा हूं कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, वृद्धि अभी की तुलना में अधिक होती जाएगी. हम संभवत: निचले स्तर पर हैं."

उन्होंने कहा कि अधिक सरकारी खर्च, बुनियादी संरचना में निवेश, अर्थव्यवस्था में पैसे झोंकने के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कदम और अच्छे मानसून से वृद्धि को समर्थन मिलेगा. पुरी ने कहा कि देश का आकार बड़ा है इस कारण परिणाम सामने आने में समय लगेगा.

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उन्होंने कहा कि जनवरी तक वृद्धि में सुधार की शुरुआत होने का अनुमान है. राजकोषीय स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका जायज है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि अधिक विनिवेश, आयकर व जीएसटी के बेहतर संग्रह से इसे पाट लिया जाएगा.

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संकट के बारे में उन्होंने कहा कि संकट खत्म हो चुका है लेकिन इसका कोई आसान समाधान नहीं है. चीजें सही होने में समय लगेगा.

राजकोषीय मोर्चे पर बढ़ती चिंता से जुड़े सवाल के जवाब में पुरी ने कहा कि राजकोषीय अंतर बढ़ने को लेकर चिंता 'जायज' है लेकिन उन्हें भरोसा है कि विनिवेश, बेहतर जीएसटी और आयकर संग्रह से अंतर को पूरा किया जा सकता है.

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मुंबई: एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि संभवत: निचले स्थान पर आ चुकी है और अगले साल जनवरी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विस्तार होने लगेगा. पुरी ने पीटीआई भाषा से एक साक्षात्कार में कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का संकट समाप्त हो चुका है. कुछ कंपनियां, खासकर जिन्होंने रियल्टी क्षेत्र में निवेश किया हुआ है, आने वाले समय में भी दिक्कतों से जूझ सकती हैं.

उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि अचानक से तेजी आयेगी या हम तुरंत ही छलांग लगाएंगे. मैं बस यह कह रहा हूं कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, वृद्धि अभी की तुलना में अधिक होती जाएगी. हम संभवत: निचले स्तर पर हैं."

उन्होंने कहा कि अधिक सरकारी खर्च, बुनियादी संरचना में निवेश, अर्थव्यवस्था में पैसे झोंकने के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कदम और अच्छे मानसून से वृद्धि को समर्थन मिलेगा. पुरी ने कहा कि देश का आकार बड़ा है इस कारण परिणाम सामने आने में समय लगेगा.

उन्होंने कहा कि जनवरी तक वृद्धि में सुधार की शुरुआत होने का अनुमान है. राजकोषीय स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका जायज है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि अधिक विनिवेश, आयकर व जीएसटी के बेहतर संग्रह से इसे पाट लिया जाएगा.

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संकट के बारे में उन्होंने कहा कि संकट खत्म हो चुका है लेकिन इसका कोई आसान समाधान नहीं है. चीजें सही होने में समय लगेगा.

राजकोषीय मोर्चे पर बढ़ती चिंता से जुड़े सवाल के जवाब में पुरी ने कहा कि राजकोषीय अंतर बढ़ने को लेकर चिंता 'जायज' है लेकिन उन्हें भरोसा है कि विनिवेश, बेहतर जीएसटी और आयकर संग्रह से अंतर को पूरा किया जा सकता है.

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