मुंबई: रिजर्व बैंक की फंसे कर्ज की पहचान को लेकर सख्ती के साथ यह प्रक्रिया करीब करीब पूरी होने को है और साथ ही बैंकों का सकल एनपीए (फंसा कर्ज) सितंबर 2019 में सुधर कर 9.1 प्रतिशत पर आ गया. वहीं वित्त वर्ष 2017-18 में यह 11.2 प्रतिशत था.
रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. सभी वाणिज्यिक बैंकों की शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 2018-19 में घटकर 3.7 प्रतिशत पर आ गयीं जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह अनुपात 6 प्रतिशत था.
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आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार, "लगातार सात साल बढ़ने के बाद सभी बैंकों का सकल एनपीए 2018-19 में घटा है. फंसे कर्ज को चिन्हित करने की प्रक्रिया पूरी होने के करीब पहुंचने के साथ इसमें कमी आयी है."
इसमें कहा गया है कि सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए अनुपात में गिरावट के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता सुधरी है.
बैंकों का फंसा कर्ज सितंबर में घट कर 9.1 प्रतिशत पर - Gross NPA ratio improves to 9.1 as of September end
रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. सभी वाणिज्यिक बैंकों की शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 2018-19 में घटकर 3.7 प्रतिशत पर आ गयीं जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह अनुपात 6 प्रतिशत था.
मुंबई: रिजर्व बैंक की फंसे कर्ज की पहचान को लेकर सख्ती के साथ यह प्रक्रिया करीब करीब पूरी होने को है और साथ ही बैंकों का सकल एनपीए (फंसा कर्ज) सितंबर 2019 में सुधर कर 9.1 प्रतिशत पर आ गया. वहीं वित्त वर्ष 2017-18 में यह 11.2 प्रतिशत था.
रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. सभी वाणिज्यिक बैंकों की शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 2018-19 में घटकर 3.7 प्रतिशत पर आ गयीं जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह अनुपात 6 प्रतिशत था.
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आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार, "लगातार सात साल बढ़ने के बाद सभी बैंकों का सकल एनपीए 2018-19 में घटा है. फंसे कर्ज को चिन्हित करने की प्रक्रिया पूरी होने के करीब पहुंचने के साथ इसमें कमी आयी है."
इसमें कहा गया है कि सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए अनुपात में गिरावट के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता सुधरी है.
बैंकों का फंसा कर्ज सितंबर में घट कर 9.1 प्रतिशत पर
मुंबई: रिजर्व बैंक की फंसे कर्ज की पहचान को लेकर सख्ती के साथ यह प्रक्रिया करीब करीब पूरी होने को है और साथ ही बैंकों का सकल एनपीए (फंसा कर्ज) सितंबर 2019 में सुधर कर 9.1 प्रतिशत पर आ गया. वहीं वित्त वर्ष 2017-18 में यह 11.2 प्रतिशत था.
रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. सभी वाणिज्यिक बैंकों की शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 2018-19 में घटकर 3.7 प्रतिशत पर आ गयीं जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में यह अनुपात 6 प्रतिशत था.
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आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार, "लगातार सात साल बढ़ने के बाद सभी बैंकों का सकल एनपीए 2018-19 में घटा है. फंसे कर्ज को चिन्हित करने की प्रक्रिया पूरी होने के करीब पहुंचने के साथ इसमें कमी आयी है."
इसमें कहा गया है कि सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए अनुपात में गिरावट के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता सुधरी है.
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