मुंबई: सरकार भारी छूट के साथ बाजार बिगाड़ने वाली कीमत पर उत्पादों को बेचे जाने के आरोपों को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों फ्लिपकार्ट और अमेजन की जांच कर रही है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि इन कंपनियों को विस्तृत सवाल भेजे गए हैं और उनके जवाब का इंतजार है. गोयल ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी तरह का उल्लंघन पाया जाता है तो कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मीडिया की खबरों में कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों ने पिछले एक पखवाड़े में अपने मंच से तीन अरब डॉलर का सामान बेचा है. आमतौर पर इन कंपनियों की सालाना बिक्री का आधा त्योहारी मौसम में ही बेचा जाता है.
गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, "ई-कॉमर्स कंपनियों को छूट या रियायत देने और बाजार बिगाड़ने वाली कीमत की पेशकश करने का कोई अधिकार नहीं है. सस्ता सामान बेचकर खुदरा क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने की कतई अनुमति नहीं दी जाएगी."
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उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपने पास उत्पाद रखकर उसकी बिक्री नहीं कर सकती हैं. गोयल ने कहा कि उनके मंत्रालय को व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) से इन कंपनियों के कथित उल्लंघन की शिकायत मिली है.
मंत्री ने कहा कि इन कंपनियों को विस्तृत सवाल भेजे गए हैं. आज या कल उन्हें अनुपूरक सवाल भी भेजे जाएंगे. गोयल ने याद दिलाया कि वह ई-कॉमर्स कंपनियों को पहले भी आगाह कर चुके हैं.
उन्होंने कहा, "यदि किसी तरह का उल्लंघन पाया जाता है तो उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. कानून स्पष्ट है. कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी."
व्यापारियों के संगठन कैट ने सोमवार को गोयल को पत्र लिखकर ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार मॉडल की जांच कराने की मांग की थी. कैट ने यह भी कहा था कि फ्लिपकार्ट और अमेजन दावा करती हैं कि यह छूट विभिन्न ब्रांडों द्वारा दिया जा रहा है. ऐसे में सचाई का पता लगाने के लिए प्रमुख ब्रांडों के साथ बैठक बुलाई जानी चाहिए.