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सरकार 2020-21 की दूसरी छमाही में 4.34 लाख रुपये कर्ज लेगी

आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपये के कर्ज जुटाने के लक्ष्य पर कायम है.

सरकार 2020-21 की दूसरी छमाही में 4.34 लाख रुपये कर्ज लेगी
सरकार 2020-21 की दूसरी छमाही में 4.34 लाख रुपये कर्ज लेगी
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Published : Oct 1, 2020, 2:47 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सरकार कोविड-19 संकट के बीच खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिये चालू वित्त वर्ष की दूसरी छामही में 4.64 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी.

आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपये के कर्ज जुटाने के लक्ष्य पर कायम है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सितंबर को समाप्त पहली छमाही में 7.66 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया और शेष 4.34 लाख करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लिये जाएंगे.

सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल 6.98 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में से 58 प्रतिशत दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिये जुटाने का लक्ष्य रखा था. इसके विपरीत सरकार ने अप्रैल-सितंबर के दौरान 7.66 लाख करोड़ रुपये कर्ज लिये.

ये भी पढ़ें: गतिविधियों में सुधार, सितंबर में विनिर्माण पीएमआई साढ़े आठ साल के उच्चस्तर पर

सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये जरूरी कोष को पूरा करने के लिये मई में उधार सीमा बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 में बाजार से कुल 7.80 लाख रुपये का कर्ज लेने का लक्ष्य रखा था. यह 2019-20 में लिये गये 7.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.

सरकार ने राजकोषीय को पूरा करने के लिये दिनांकित प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिलों के जरिये बाजार से कर्ज लेती है. बजट में राजकोषीय घाटा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 3.5 प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखा गया है जो पिछले वित्त वर्ष के 3.8 प्रतिशत के मुकाबले कम है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सरकार कोविड-19 संकट के बीच खर्च जरूरतों को पूरा करने के लिये चालू वित्त वर्ष की दूसरी छामही में 4.64 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी.

आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपये के कर्ज जुटाने के लक्ष्य पर कायम है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सितंबर को समाप्त पहली छमाही में 7.66 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया और शेष 4.34 लाख करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लिये जाएंगे.

सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल 6.98 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में से 58 प्रतिशत दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिये जुटाने का लक्ष्य रखा था. इसके विपरीत सरकार ने अप्रैल-सितंबर के दौरान 7.66 लाख करोड़ रुपये कर्ज लिये.

ये भी पढ़ें: गतिविधियों में सुधार, सितंबर में विनिर्माण पीएमआई साढ़े आठ साल के उच्चस्तर पर

सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये जरूरी कोष को पूरा करने के लिये मई में उधार सीमा बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 में बाजार से कुल 7.80 लाख रुपये का कर्ज लेने का लक्ष्य रखा था. यह 2019-20 में लिये गये 7.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.

सरकार ने राजकोषीय को पूरा करने के लिये दिनांकित प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिलों के जरिये बाजार से कर्ज लेती है. बजट में राजकोषीय घाटा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 3.5 प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखा गया है जो पिछले वित्त वर्ष के 3.8 प्रतिशत के मुकाबले कम है.

(पीटीआई-भाषा)

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