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वित्त वर्ष 2018-19 की वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि सितंबर 2020 तक बढ़ी

सरकार ने उद्योग एवं व्यापार की सुविधा में लिये गये एक और फैसले में उद्योग एवं व्यावसाय को जीएसटी रिटर्न फाइलिंग और कर भुगतान की इलेक्ट्रानिक वेरीफिकेशन कोड (ईवीसी) के जरिये सत्यापित करने की अनुमति दे दी है. यह अनुमति 30 जून तक के लिये दी गई है.

वित्त वर्ष 2018-19 की वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि सितंबर 2020 तक बढ़ी
वित्त वर्ष 2018-19 की वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि सितंबर 2020 तक बढ़ी
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Published : May 6, 2020, 10:12 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने वित्त वर्ष 2018- 19 की वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को तीन माह बढ़ाकर सितंबर 2020 तक कर दिया है. उद्योग एवं व्यावसाय के पक्ष में लिये गये एक और निर्णय के तहत केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 24 मार्च को अथवा इससे पहले लिये गये ई-वे बिलों जिनकी वैघता अवधि 20 मार्च से 15 अप्रैल 2020 के बीच होने वाली थी उनकी वैधता अवधि को भी बढ़ा दिया है.

इसके साथ ही सरकार ने उद्योग एवं व्यापार की सुविधा में लिये गये एक और फैसले में उद्योग एवं व्यावसाय को जीएसटी रिटर्न फाइलिंग और कर भुगतान की इलेक्ट्रानिक वेरीफिकेशन कोड (ईवीसी) के जरिये सत्यापित करने की अनुमति दे दी है. यह अनुमति 30 जून तक के लिये दी गई है.

डिजिटल हस्ताक्षर की जरूरत को देखते हुये मासिक जीएसटी रिटर्न फाइल करने और कर भुगतान में हो रही देरी को देखते हुये सरकार ने कारोबारियों को ईवीसी के जरिये ही रिटर्न को सत्यापित करने की अनुमति दे दी है.

केन्द्रीय अप्रतयक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ट्वीट जारी कर कहा है कि वित्त वर्ष 2018- 19 की माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वार्षिक रिटर्न दाखिल करने और उसके मिलान वक्तव्य के लिये समय सीमा को 30 सितंबर 2020 तक बढ़ाने के बारे में एक अधिसूचना जारी की जा चुकी है.

ईवाई के कर भागीदारी अभिषेक जैन ने कहा, "देश का बड़ा हिस्सा पूरी तरह से लॉकडाउन में है या फिर आंशिक लॉकडाउन के तहत है ऐसे में उद्योगों के लिये जून अंत की समयसीमा को भीतर यह काम करना मुश्किल होता. ऐसे में सीबीआईसी की तरफ से समय सीमा को बढ़ाने का फैसला उद्योगों को काफी राहत देगा। साथ ही इससे सरकार की सामंजस्य बिठाने की मंशा का भी पता चलता है."

इसके साथ ही 24 मार्च को अथवा इससे पहले निकाले गये ई-वे बिलों जिनकी समयसीमा 20 मार्च से 15 अप्रैल 2020 के बीच समाप्त हो रही थी उनकी वैधता को भी आगे के लिये बढ़ा दिया गया है. वहीं सीबीआई से ने एक अन्य अधिसूचना में कहा है कि 21 अप्रैल 2020 से लेकर 30 जून 2020 के बीच किसी भी पंजीकृत व्यक्ति को यह अनुमति होगी कि वह धारा 39 के तहत फार्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न भरकर उसका इलेकट्रानिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के जरिये सत्यापन कर सकता है.

ये भी पढ़ें: ईपीएफओ ने नियोक्ताओं को ई-मेल के जरिये डिजिटल हस्ताक्षर पंजीकृत कराने की अनुमति दी

वर्तमान में कारोबारियों को अपनी मासिक जीएसटी रिटर्न भरने और कर का भुगतान करने के लिये जीएसटीआर-3बी फार्म में डिजिटल हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है.

बहरहाल लॉकडाउन की वजह से कार्यालयों के बंद होने के कारण कारोबारी डिजिटल हस्ताक्षर प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से रिटर्न दाखिल करने में देरी हो रही है. यह भी एक वजह हो सकती है कि सरकार को अप्रैल माह के जीएसटी प्राप्ति आंकड़े जारी करने का समय आगे टालना पड़ा.

आमतौर पर पिछले महीने के जीएसटी संग्रह के आंकड़े नये महीने की शुरुआत में ही जारी कर दिये जाते हैं. लेकिन इस बार अप्रैल 2020 के जीएसटी प्राप्ति के आंकड़े जारी नहीं किये गये.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार ने वित्त वर्ष 2018- 19 की वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को तीन माह बढ़ाकर सितंबर 2020 तक कर दिया है. उद्योग एवं व्यावसाय के पक्ष में लिये गये एक और निर्णय के तहत केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 24 मार्च को अथवा इससे पहले लिये गये ई-वे बिलों जिनकी वैघता अवधि 20 मार्च से 15 अप्रैल 2020 के बीच होने वाली थी उनकी वैधता अवधि को भी बढ़ा दिया है.

इसके साथ ही सरकार ने उद्योग एवं व्यापार की सुविधा में लिये गये एक और फैसले में उद्योग एवं व्यावसाय को जीएसटी रिटर्न फाइलिंग और कर भुगतान की इलेक्ट्रानिक वेरीफिकेशन कोड (ईवीसी) के जरिये सत्यापित करने की अनुमति दे दी है. यह अनुमति 30 जून तक के लिये दी गई है.

डिजिटल हस्ताक्षर की जरूरत को देखते हुये मासिक जीएसटी रिटर्न फाइल करने और कर भुगतान में हो रही देरी को देखते हुये सरकार ने कारोबारियों को ईवीसी के जरिये ही रिटर्न को सत्यापित करने की अनुमति दे दी है.

केन्द्रीय अप्रतयक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने ट्वीट जारी कर कहा है कि वित्त वर्ष 2018- 19 की माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वार्षिक रिटर्न दाखिल करने और उसके मिलान वक्तव्य के लिये समय सीमा को 30 सितंबर 2020 तक बढ़ाने के बारे में एक अधिसूचना जारी की जा चुकी है.

ईवाई के कर भागीदारी अभिषेक जैन ने कहा, "देश का बड़ा हिस्सा पूरी तरह से लॉकडाउन में है या फिर आंशिक लॉकडाउन के तहत है ऐसे में उद्योगों के लिये जून अंत की समयसीमा को भीतर यह काम करना मुश्किल होता. ऐसे में सीबीआईसी की तरफ से समय सीमा को बढ़ाने का फैसला उद्योगों को काफी राहत देगा। साथ ही इससे सरकार की सामंजस्य बिठाने की मंशा का भी पता चलता है."

इसके साथ ही 24 मार्च को अथवा इससे पहले निकाले गये ई-वे बिलों जिनकी समयसीमा 20 मार्च से 15 अप्रैल 2020 के बीच समाप्त हो रही थी उनकी वैधता को भी आगे के लिये बढ़ा दिया गया है. वहीं सीबीआई से ने एक अन्य अधिसूचना में कहा है कि 21 अप्रैल 2020 से लेकर 30 जून 2020 के बीच किसी भी पंजीकृत व्यक्ति को यह अनुमति होगी कि वह धारा 39 के तहत फार्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न भरकर उसका इलेकट्रानिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के जरिये सत्यापन कर सकता है.

ये भी पढ़ें: ईपीएफओ ने नियोक्ताओं को ई-मेल के जरिये डिजिटल हस्ताक्षर पंजीकृत कराने की अनुमति दी

वर्तमान में कारोबारियों को अपनी मासिक जीएसटी रिटर्न भरने और कर का भुगतान करने के लिये जीएसटीआर-3बी फार्म में डिजिटल हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है.

बहरहाल लॉकडाउन की वजह से कार्यालयों के बंद होने के कारण कारोबारी डिजिटल हस्ताक्षर प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से रिटर्न दाखिल करने में देरी हो रही है. यह भी एक वजह हो सकती है कि सरकार को अप्रैल माह के जीएसटी प्राप्ति आंकड़े जारी करने का समय आगे टालना पड़ा.

आमतौर पर पिछले महीने के जीएसटी संग्रह के आंकड़े नये महीने की शुरुआत में ही जारी कर दिये जाते हैं. लेकिन इस बार अप्रैल 2020 के जीएसटी प्राप्ति के आंकड़े जारी नहीं किये गये.

(पीटीआई-भाषा)

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