नई दिल्ली: रीयल एस्टेट कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को रीयल्टी परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा छह महीने बढ़ाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून यानी रेरा कानून के तहत कोरोना वायरस महामारी को 'दैवीय आपदा' माना जाएगा.
आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के रीयल एस्टेट नियामकों को परामर्श जारी कर कोविड-19 को 'दैवीय आपदा' के रूप में लेने को कहेगा, जिससे रेरा कानून के तहत इसे 'मनुष्य के वश से बाहर की आपदा' माना जाएगा.
इससे बिल्डरों को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए और समय दिया जा सकेगा. यह राहत रेरा के तहत पंजीकृत उन सभी परियोजनाओं को मिलेगी जिनकी समयसीमा 25 मार्च या उसके बाद समाप्त हो रही है.
कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन 25 मार्च से ही शुरू हुआ है. रीयल एस्टेट क्षेत्र मांग कर रहा था कि परियोजनाओं को पूरा करन की समयसीमा को कम से कम छह महीने के लिए बढ़ाया जाए. उद्योग का कहना था राष्ट्रव्यापी स्तर पर लागू प्रतिबंधों की वजह से निर्माण कार्य पूरी तरह ठप है.
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इस फैसले की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय इस बारे में राज्यों और उनके नियामकीय प्राधिकरणों को कोविड-19 को रेरा के तहत 'अप्रत्याशित घटना' मानने के लिए परामर्श जारी करेगा.
उन्होंने कहा कि नियामक 25 मार्च या उसके बाद पूरी होने वाली सभी पंजीकृत परियोजनाओं के लिए स्वत: समयसीमा छह माह तक बढ़ा सकेंगे. जरूरत होने पर इन परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा तीन महीने और बढ़ाई जा सकेगी.
(पीटीआई-भाषा)