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अप्रैल महीने की खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा जारी नहीं, लॉकडाउन के चलते आंकड़ा संग्रह प्रभावित - कोरोना वायरस

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि हालांकि सीपीआई के जो आंकड़े टेलीफोन पर एकत्रित किये जा सके उन्हें जारी किया गया है.सामान्य तौर पर कीमत आंकड़ा चयनित 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 ग्रामीण क्षेत्रों से लिये जाते हैं.

अप्रैल महीने की खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा जारी नहीं, लॉकडाउन के चलते आंकड़ा संग्रह प्रभावित
अप्रैल महीने की खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा जारी नहीं, लॉकडाउन के चलते आंकड़ा संग्रह प्रभावित
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Published : May 12, 2020, 11:52 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को अप्रैल महीने का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा जारी नहीं किया। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये जारी लॉकडाउन है. इससे अधिकारी विभिन्न केंद्रों से कीमत आंकड़ा एकत्रित नहीं कर पाये.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि हालांकि सीपीआई के जो आंकड़े टेलीफोन पर एकत्रित किये जा सके उन्हें जारी किया गया है.सामान्य तौर पर कीमत आंकड़ा चयनित 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 ग्रामीण क्षेत्रों से लिये जाते हैं.

ये आंकड़े एनएसओ के फील्ड ऑपरेशन इकाई के कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से जा कर साप्ताहिक आधार पर लेते हैं. टेलीफोन के जरिये एकत्रित आंकड़ों से पता चलता है कि दूध उत्पादों, फल और सब्जियों जैसे कुछ महत्वपूर्ण खाने-पीने के सामानों के दाम मार्च की तुलना में अप्रैल में बढ़े हैं.

हालांकि प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "अप्रैल महीने के लिये सामान्य सीपीआई और राज्य/केंद्र शसित प्रदेशों के स्तर पर सूचकांक जारी नहीं किया जा रहा है."

एहतियाती उपायों और कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये देशव्यापी बंद के कारण व्यक्तिगत रूप से जाकर आंकड़ा लेने का काम 19 मार्च 2020 से ही रोक दिया गया था.

ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने दी देश को 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की सौगात

इसी बीच, मार्च महीने की खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े को मामूली रूप से संशोधित कर 5.84 प्रतिशत किया गया जबकि पूर्व में इसके 5.91 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को अप्रैल महीने का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा जारी नहीं किया। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये जारी लॉकडाउन है. इससे अधिकारी विभिन्न केंद्रों से कीमत आंकड़ा एकत्रित नहीं कर पाये.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि हालांकि सीपीआई के जो आंकड़े टेलीफोन पर एकत्रित किये जा सके उन्हें जारी किया गया है.सामान्य तौर पर कीमत आंकड़ा चयनित 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 ग्रामीण क्षेत्रों से लिये जाते हैं.

ये आंकड़े एनएसओ के फील्ड ऑपरेशन इकाई के कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से जा कर साप्ताहिक आधार पर लेते हैं. टेलीफोन के जरिये एकत्रित आंकड़ों से पता चलता है कि दूध उत्पादों, फल और सब्जियों जैसे कुछ महत्वपूर्ण खाने-पीने के सामानों के दाम मार्च की तुलना में अप्रैल में बढ़े हैं.

हालांकि प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "अप्रैल महीने के लिये सामान्य सीपीआई और राज्य/केंद्र शसित प्रदेशों के स्तर पर सूचकांक जारी नहीं किया जा रहा है."

एहतियाती उपायों और कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये देशव्यापी बंद के कारण व्यक्तिगत रूप से जाकर आंकड़ा लेने का काम 19 मार्च 2020 से ही रोक दिया गया था.

ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने दी देश को 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की सौगात

इसी बीच, मार्च महीने की खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े को मामूली रूप से संशोधित कर 5.84 प्रतिशत किया गया जबकि पूर्व में इसके 5.91 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी.

(पीटीआई-भाषा)

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