ETV Bharat / business

सरकार को गैर-जीएसटी राजस्व 2022-23 में भारी वृद्धि का अनुमान

इसी समयावधि के दौरान कुल जीएसटी संग्रह 9,80,807 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जोकि वर्ष 2020-21 और 2021-22 के क्रमश: 21.1 फीसदी और 12.3 फीसदी की तुलना मे महज 2.3 फीसदी है.

सरकार को गैर-जीएसटी राजस्व 2022-23 में भारी वृद्धि का अनुमान
author img

By

Published : May 27, 2019, 9:14 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार का अनुमान है कि 2022-23 के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से इतर कर संग्रह (गैर-जीएसटी) में 26.6 फीसदी की वृद्धि होगी.

इसी समयावधि के दौरान कुल जीएसटी संग्रह 9,80,807 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जोकि वर्ष 2020-21 और 2021-22 के क्रमश: 21.1 फीसदी और 12.3 फीसदी की तुलना मे महज 2.3 फीसदी है.

सरकार का अनुमान है कि 2019-20 के दौरान जीएसटी संग्रह 7.61 लाख करोड़ रुपये होगा.

ये भी पढ़ें: नई सरकार के लिये 100 दिवसीय एजेंडा: निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज का प्रस्ताव

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के आंतरिक अनुमान के अनुसार, जीएसटी मुआवजा उपकर जून 2022 तक लगाया जाएगा और करीब 80 फीसदी राशि केंद्रीय उत्पाद/अन्य शुल्क के जरिए संग्रह किया जाएगा. इसके बाद जुलाई 2022 के आगे 20 फीसदी राशि सीजीएसटी/एसजीएसटी में स्थानांरित की जाएगी.

जीएसटी कानून 2017 की धारा-7 (राज्यों का मुआवजा) के तहत राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई की जाती है. इसमें जीएसटी लागू होने के शुरुआती पांच साल तक राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई करने का प्रावधान है.

नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था यानी जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू हुई. कुल जीएसटी राजस्व संग्रह मासिक आधार पर बढ़कर इस साल अप्रैल में सर्वाधिक 1,13,865 करोड़ रुपये हो गया.

सीबीआईसी की रिपोर्ट का आईएएनएस ने पुनरीक्षण किया है. रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि क्या सरकार कुछ मदों पर दरों में वृद्धि करेगी या नए क्षेत्र को जीएसटी के दायरे में शामिल किया जाएगा.

एक वरिष्ठ कर पार्टनर ने कहा कि मुआवजा कर समाप्त होने के बाद केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क में वृद्धि की जा सकती है.

मुआवजा उपकर लगाने की पांच साल की अवधि अगर नहीं बढ़ाई जाती है तो कई वस्तुएं खासतौर से कार, शीतल पेय काफी सस्ती हो जाएंगी.

सरकार इस समय कार पर 28 फीसदी की दर जीएसटी वसूल करती है और मुआवजा उपकर 15 फीसदी तक है. अगर, मुआवजा उपकर समाप्त कर दिया जाएगा तो कारें सस्ती हो जाएंगी.

हालांकि विशेषज्ञों ने बताया कि सरकार को खजाने में राजस्व का नुकसान मंजूर नहीं होगा और वह कानून में प्रदत्त ऊपरी सीमा के अनुसार जीएसटी की दरों में 40 फीसदी तक की वृद्धि कर सकती है.

पीडब्ल्यूसी इंडिया पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, "क्या होगा इसके बारे में भविष्यवाणी करना काफी मुश्किल है। लेकिन मुआवजा उपकर का प्रावधान समाप्त होने पर जीएसटी की दर में वृद्धि की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है"

नई दिल्ली: केंद्र सरकार का अनुमान है कि 2022-23 के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से इतर कर संग्रह (गैर-जीएसटी) में 26.6 फीसदी की वृद्धि होगी.

इसी समयावधि के दौरान कुल जीएसटी संग्रह 9,80,807 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जोकि वर्ष 2020-21 और 2021-22 के क्रमश: 21.1 फीसदी और 12.3 फीसदी की तुलना मे महज 2.3 फीसदी है.

सरकार का अनुमान है कि 2019-20 के दौरान जीएसटी संग्रह 7.61 लाख करोड़ रुपये होगा.

ये भी पढ़ें: नई सरकार के लिये 100 दिवसीय एजेंडा: निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज का प्रस्ताव

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के आंतरिक अनुमान के अनुसार, जीएसटी मुआवजा उपकर जून 2022 तक लगाया जाएगा और करीब 80 फीसदी राशि केंद्रीय उत्पाद/अन्य शुल्क के जरिए संग्रह किया जाएगा. इसके बाद जुलाई 2022 के आगे 20 फीसदी राशि सीजीएसटी/एसजीएसटी में स्थानांरित की जाएगी.

जीएसटी कानून 2017 की धारा-7 (राज्यों का मुआवजा) के तहत राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई की जाती है. इसमें जीएसटी लागू होने के शुरुआती पांच साल तक राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई करने का प्रावधान है.

नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था यानी जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू हुई. कुल जीएसटी राजस्व संग्रह मासिक आधार पर बढ़कर इस साल अप्रैल में सर्वाधिक 1,13,865 करोड़ रुपये हो गया.

सीबीआईसी की रिपोर्ट का आईएएनएस ने पुनरीक्षण किया है. रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि क्या सरकार कुछ मदों पर दरों में वृद्धि करेगी या नए क्षेत्र को जीएसटी के दायरे में शामिल किया जाएगा.

एक वरिष्ठ कर पार्टनर ने कहा कि मुआवजा कर समाप्त होने के बाद केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क में वृद्धि की जा सकती है.

मुआवजा उपकर लगाने की पांच साल की अवधि अगर नहीं बढ़ाई जाती है तो कई वस्तुएं खासतौर से कार, शीतल पेय काफी सस्ती हो जाएंगी.

सरकार इस समय कार पर 28 फीसदी की दर जीएसटी वसूल करती है और मुआवजा उपकर 15 फीसदी तक है. अगर, मुआवजा उपकर समाप्त कर दिया जाएगा तो कारें सस्ती हो जाएंगी.

हालांकि विशेषज्ञों ने बताया कि सरकार को खजाने में राजस्व का नुकसान मंजूर नहीं होगा और वह कानून में प्रदत्त ऊपरी सीमा के अनुसार जीएसटी की दरों में 40 फीसदी तक की वृद्धि कर सकती है.

पीडब्ल्यूसी इंडिया पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, "क्या होगा इसके बारे में भविष्यवाणी करना काफी मुश्किल है। लेकिन मुआवजा उपकर का प्रावधान समाप्त होने पर जीएसटी की दर में वृद्धि की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है"

Intro:Body:

नई दिल्ली: केंद्र सरकार का अनुमान है कि 2022-23 के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से इतर कर संग्रह (गैर-जीएसटी) में 26.6 फीसदी की वृद्धि होगी.

इसी समयावधि के दौरान कुल जीएसटी संग्रह 9,80,807 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जोकि वर्ष 2020-21 और 2021-22 के क्रमश: 21.1 फीसदी और 12.3 फीसदी की तुलना मे महज 2.3 फीसदी है.

सरकार का अनुमान है कि 2019-20 के दौरान जीएसटी संग्रह 7.61 लाख करोड़ रुपये होगा.

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के आंतरिक अनुमान के अनुसार, जीएसटी मुआवजा उपकर जून 2022 तक लगाया जाएगा और करीब 80 फीसदी राशि केंद्रीय उत्पाद/अन्य शुल्क के जरिए संग्रह किया जाएगा. इसके बाद जुलाई 2022 के आगे 20 फीसदी राशि सीजीएसटी/एसजीएसटी में स्थानांरित की जाएगी.

जीएसटी कानून 2017 की धारा-7 (राज्यों का मुआवजा) के तहत राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई की जाती है. इसमें जीएसटी लागू होने के शुरुआती पांच साल तक राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई करने का प्रावधान है.

नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था यानी जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू हुई. कुल जीएसटी राजस्व संग्रह मासिक आधार पर बढ़कर इस साल अप्रैल में सर्वाधिक 1,13,865 करोड़ रुपये हो गया.

सीबीआईसी की रिपोर्ट का आईएएनएस ने पुनरीक्षण किया है. रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि क्या सरकार कुछ मदों पर दरों में वृद्धि करेगी या नए क्षेत्र को जीएसटी के दायरे में शामिल किया जाएगा.

एक वरिष्ठ कर पार्टनर ने कहा कि मुआवजा कर समाप्त होने के बाद केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क में वृद्धि की जा सकती है.

मुआवजा उपकर लगाने की पांच साल की अवधि अगर नहीं बढ़ाई जाती है तो कई वस्तुएं खासतौर से कार, शीतल पेय काफी सस्ती हो जाएंगी.

सरकार इस समय कार पर 28 फीसदी की दर जीएसटी वसूल करती है और मुआवजा उपकर 15 फीसदी तक है. अगर, मुआवजा उपकर समाप्त कर दिया जाएगा तो कारें सस्ती हो जाएंगी.

हालांकि विशेषज्ञों ने बताया कि सरकार को खजाने में राजस्व का नुकसान मंजूर नहीं होगा और वह कानून में प्रदत्त ऊपरी सीमा के अनुसार जीएसटी की दरों में 40 फीसदी तक की वृद्धि कर सकती है.

पीडब्ल्यूसी इंडिया पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, "क्या होगा इसके बारे में भविष्यवाणी करना काफी मुश्किल है। लेकिन मुआवजा उपकर का प्रावधान समाप्त होने पर जीएसटी की दर में वृद्धि की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है"

ये भी पढ़ें:


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.