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बेहतर सुधार के चलते जीडीपी में संकुचन 7.4 प्रतिशत तक सीमित रहेगा: एसबीआई रिपोर्ट - एसबीआई

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जीडीपी के महामारी से पूर्व के स्तर पर दोबारा पहुंचने में वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही से सात तिमाहियों का वक्त लगेगा.

बेहतर सुधार के चलते जीडीपी में संकुचन 7.4 प्रतिशत तक सीमित रहेगा: एसबीआई रिपोर्ट
बेहतर सुधार के चलते जीडीपी में संकुचन 7.4 प्रतिशत तक सीमित रहेगा: एसबीआई रिपोर्ट
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Published : Dec 16, 2020, 1:29 PM IST

मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर सुधार के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर के ऋणात्मक 7.4 रहने का अनुमान है, जबकि पूर्व अनुमान के मुताबिक यह आंकड़ा ऋणात्मक 10.9 प्रतिशत था.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जीडीपी के महामारी से पूर्व के स्तर पर दोबारा पहुंचने में वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही से सात तिमाहियों का वक्त लगेगा.

एसबीआई की शोध रिपोर्ट - इकोरैप में कहा गया, "दूसरी तिमाही के बाद आरबीआई और बाजारों के संशोधित पूर्वानुमानों के बाद अब हम उम्मीद करते हैं कि पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए जीडीपी में गिरावट 7.4 प्रतिशत रहेगी (हमारे पहले के पूर्वानुमान ऋणात्मक 10.9 प्रतिशत की तुलना में)."

ये भी पढ़ें: सरकार ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक चिप संयंत्र स्थापित करने के प्रस्ताव मांगे

रिपोर्ट में कहा गया कि संशोधित जीडीपी अनुमान एसबीआई के 'नाउकास्टिंग मॉडल' पर आधारित है, जिसमें औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 उच्च आवृत्ति संकेतक शामिल हैं.

रिपोर्ट में कहा गया कि इस मॉडल के आधार पर तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत के करीब रह सकती है. इसमें कहा गया कि तीसरी तिमाही में 41 उच्च आवृत्ति वाले अग्रणी संकेतकों में 58 प्रतिशत तेजी दिखा रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर सुधार के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर के ऋणात्मक 7.4 रहने का अनुमान है, जबकि पूर्व अनुमान के मुताबिक यह आंकड़ा ऋणात्मक 10.9 प्रतिशत था.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जीडीपी के महामारी से पूर्व के स्तर पर दोबारा पहुंचने में वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही से सात तिमाहियों का वक्त लगेगा.

एसबीआई की शोध रिपोर्ट - इकोरैप में कहा गया, "दूसरी तिमाही के बाद आरबीआई और बाजारों के संशोधित पूर्वानुमानों के बाद अब हम उम्मीद करते हैं कि पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए जीडीपी में गिरावट 7.4 प्रतिशत रहेगी (हमारे पहले के पूर्वानुमान ऋणात्मक 10.9 प्रतिशत की तुलना में)."

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रिपोर्ट में कहा गया कि संशोधित जीडीपी अनुमान एसबीआई के 'नाउकास्टिंग मॉडल' पर आधारित है, जिसमें औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 उच्च आवृत्ति संकेतक शामिल हैं.

रिपोर्ट में कहा गया कि इस मॉडल के आधार पर तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत के करीब रह सकती है. इसमें कहा गया कि तीसरी तिमाही में 41 उच्च आवृत्ति वाले अग्रणी संकेतकों में 58 प्रतिशत तेजी दिखा रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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