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विदेशी कंपनियों को ई-कॉमर्स मंच का इस्तेमाल बाजार बिगाड़ू दाम के लिए नहीं करना चाहिये: गोयल

भारत आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ई-कॉमर्स मंच को बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य या बड़े पैमाने पर सस्ती पूंजी लगाकर सामन की बिक्री पर भारी छूट देकर ऐसा काम नहीं करना चाहिये जो कि एक मायने में छोटे दुकानदारों को बाजार से दरकिनार करने के समान है. हमारी सोच इस मामले में स्पष्ट है.

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Published : Oct 3, 2019, 9:55 PM IST

विदेशी कंपनियों को ई-कॉमर्स मंच का इस्तेमाल बाजार बिगाड़ू दाम के लिए नहीं करना चाहिये: गोयल

नई दिल्ली: भारत ने कहा है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में काम कर रही विदेशी कंपनियों को छोटे खुदरा व्यापारियों का ध्यान रखना चाहिये और उन्हें अपने मंच का इस्तेमाल भारी छूट देते हुये बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य पर सामान की बिक्री करने वाले मंच के तौर पर नहीं करना चाहिये.

भारत आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "ई-कॉमर्स मंच को बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य या बड़े पैमाने पर सस्ती पूंजी लगाकर सामन की बिक्री पर भारी छूट देकर ऐसा काम नहीं करना चाहिये जो कि एक मायने में छोटे दुकानदारों को बाजार से दरकिनार करने के समान है. हमारी सोच इस मामले में स्पष्ट है."

गोयल का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि सरकार और छोटे कारोबारी ई-कॉमर्स क्षेत्र की कुछ कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के उल्लंघन को लेकर चिंता जा चुके हैं. गोयल ने कहा कि उन्होंने इन मुद्दों को समझने के लिए भारतीय और अमेरिका सहित विभिन्न विदेशी कंपनियों के साथ बैठक की है.

ये भी पढ़ें: यूनाइटेड बैंक ने चोकसी, गीतांजलि जेम्स को 'जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने' वाला घोषित किया

उन्होंने कहा कि जहां तक ई-कॉमर्स का सवाल है तो भारत के रुख में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है. वास्तव में भारत एक काफी स्थिर और सुगम नियामकीय ढांचा उपलब्ध कराता है.

गोयल ने कहा, "घरेलू राजनीतिक प्रतिबद्धता के चलते भारत का रुख साफ है. पांच से छह करोड़ छोटी खुदरा दुकानों पर 12 से 13 करोड़ लोग आश्रित हैं. इन दुकानों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है. देश की आधी आबादी इस पर निर्भर है. यह छोटा खुदरा क्षेत्र काफी संवेदनशील विषय है."

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भाजपा का रुख साफ है. छोटे खुदरा क्षेत्र को समाप्त नहीं किया जा सकता. यही वजह है कि बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को 49 प्रतिशत पर सीमित रखा गया है.

गोयल ने कहा, "ई-कॉमर्स को एक निराकार भाव वाला मंच होना चाहिए. यह व्यापार का मंच है, जो क्रेता-विक्रेताओं को निराकार भाव से अवसर उपलब्ध कराता है जिससे वे साथ मिलकर काम कर सकें."

इस मौके पर अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा, "हम छोटे खुदर विक्रेताओं, किसानों और अन्य समूहों की राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशीलता को समझते हैं."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि सवाल यह है कि चीजें कितनी तेजी से बदल रही हैं. यदि आज से सौ साल बाद भी भारत में छोटे दुकानदारों की संख्या आज जितनी ही होगी, इससे देश की वृद्धि काफी रुक जाएगी."

रॉस ने कहा, "ई-कॉमर्स के जरिये ग्राहकों के लिए खुदरा उत्पादों की लागत घटती है. भारत जैसे कम उपभोक्ता आय वाले देश में कुछ संरचनात्मक मुद्दे हैं जिनकी वजह से भारतीय उपभोक्ता को ऊंची कीमत चुकानी पड़ती है."

मीडिया रपटों का हवाला देते हुए रॉस ने कहा कि अमेजन को भारत में एक साल पहले की तुलना में एक-तिहाई खर्च करना पड़ रहा है.

रॉस ने कहा, "यदि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि कुछ नीतियों की वजह से भारत में उनकी वृद्धि कम हो रही है, तो वे संभवत: यहां और अधिक निवेश करते. ऐसे में नीति की वजह से भी भारत में इसमें कमी आ रही है. अंत में भारत सरकार को यह फैसला करना है कि वह इन समीकरणों से कैसे संतुलन बैठाएगी."

रॉस की बात का जवाब देते हुए गोयल ने कहा, "जहां तक अमेजन के निवेश का सवाल है, इसकी कई वजहें हो सकती हैं. ऐसा हो सकता है कि उन्होंने पिछले वर्षों में कुछ अधिक निवेश कर दिया हो. मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मैं उनका कारोबार नहीं चला रहा हूं."

नई दिल्ली: भारत ने कहा है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में काम कर रही विदेशी कंपनियों को छोटे खुदरा व्यापारियों का ध्यान रखना चाहिये और उन्हें अपने मंच का इस्तेमाल भारी छूट देते हुये बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य पर सामान की बिक्री करने वाले मंच के तौर पर नहीं करना चाहिये.

भारत आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "ई-कॉमर्स मंच को बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य या बड़े पैमाने पर सस्ती पूंजी लगाकर सामन की बिक्री पर भारी छूट देकर ऐसा काम नहीं करना चाहिये जो कि एक मायने में छोटे दुकानदारों को बाजार से दरकिनार करने के समान है. हमारी सोच इस मामले में स्पष्ट है."

गोयल का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि सरकार और छोटे कारोबारी ई-कॉमर्स क्षेत्र की कुछ कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के उल्लंघन को लेकर चिंता जा चुके हैं. गोयल ने कहा कि उन्होंने इन मुद्दों को समझने के लिए भारतीय और अमेरिका सहित विभिन्न विदेशी कंपनियों के साथ बैठक की है.

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उन्होंने कहा कि जहां तक ई-कॉमर्स का सवाल है तो भारत के रुख में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है. वास्तव में भारत एक काफी स्थिर और सुगम नियामकीय ढांचा उपलब्ध कराता है.

गोयल ने कहा, "घरेलू राजनीतिक प्रतिबद्धता के चलते भारत का रुख साफ है. पांच से छह करोड़ छोटी खुदरा दुकानों पर 12 से 13 करोड़ लोग आश्रित हैं. इन दुकानों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है. देश की आधी आबादी इस पर निर्भर है. यह छोटा खुदरा क्षेत्र काफी संवेदनशील विषय है."

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भाजपा का रुख साफ है. छोटे खुदरा क्षेत्र को समाप्त नहीं किया जा सकता. यही वजह है कि बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को 49 प्रतिशत पर सीमित रखा गया है.

गोयल ने कहा, "ई-कॉमर्स को एक निराकार भाव वाला मंच होना चाहिए. यह व्यापार का मंच है, जो क्रेता-विक्रेताओं को निराकार भाव से अवसर उपलब्ध कराता है जिससे वे साथ मिलकर काम कर सकें."

इस मौके पर अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा, "हम छोटे खुदर विक्रेताओं, किसानों और अन्य समूहों की राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशीलता को समझते हैं."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि सवाल यह है कि चीजें कितनी तेजी से बदल रही हैं. यदि आज से सौ साल बाद भी भारत में छोटे दुकानदारों की संख्या आज जितनी ही होगी, इससे देश की वृद्धि काफी रुक जाएगी."

रॉस ने कहा, "ई-कॉमर्स के जरिये ग्राहकों के लिए खुदरा उत्पादों की लागत घटती है. भारत जैसे कम उपभोक्ता आय वाले देश में कुछ संरचनात्मक मुद्दे हैं जिनकी वजह से भारतीय उपभोक्ता को ऊंची कीमत चुकानी पड़ती है."

मीडिया रपटों का हवाला देते हुए रॉस ने कहा कि अमेजन को भारत में एक साल पहले की तुलना में एक-तिहाई खर्च करना पड़ रहा है.

रॉस ने कहा, "यदि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि कुछ नीतियों की वजह से भारत में उनकी वृद्धि कम हो रही है, तो वे संभवत: यहां और अधिक निवेश करते. ऐसे में नीति की वजह से भी भारत में इसमें कमी आ रही है. अंत में भारत सरकार को यह फैसला करना है कि वह इन समीकरणों से कैसे संतुलन बैठाएगी."

रॉस की बात का जवाब देते हुए गोयल ने कहा, "जहां तक अमेजन के निवेश का सवाल है, इसकी कई वजहें हो सकती हैं. ऐसा हो सकता है कि उन्होंने पिछले वर्षों में कुछ अधिक निवेश कर दिया हो. मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मैं उनका कारोबार नहीं चला रहा हूं."

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नई दिल्ली: भारत ने कहा है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में काम कर रही विदेशी कंपनियों को छोटे खुदरा व्यापारियों का ध्यान रखना चाहिये और उन्हें अपने मंच का इस्तेमाल भारी छूट देते हुये बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य पर सामान की बिक्री करने वाले मंच के तौर पर नहीं करना चाहिये.

भारत आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "ई-कॉमर्स मंच को बाजार बिगाड़ने वाले मूल्य या बड़े पैमाने पर सस्ती पूंजी लगाकर सामन की बिक्री पर भारी छूट देकर ऐसा काम नहीं करना चाहिये जो कि एक मायने में छोटे दुकानदारों को बाजार से दरकिनार करने के समान है. हमारी सोच इस मामले में स्पष्ट है."

गोयल का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि सरकार और छोटे कारोबारी ई-कॉमर्स क्षेत्र की कुछ कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के उल्लंघन को लेकर चिंता जा चुके हैं. गोयल ने कहा कि उन्होंने इन मुद्दों को समझने के लिए भारतीय और अमेरिका सहित विभिन्न विदेशी कंपनियों के साथ बैठक की है.

उन्होंने कहा कि जहां तक ई-कॉमर्स का सवाल है तो भारत के रुख में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है. वास्तव में भारत एक काफी स्थिर और सुगम नियामकीय ढांचा उपलब्ध कराता है.

गोयल ने कहा, "घरेलू राजनीतिक प्रतिबद्धता के चलते भारत का रुख साफ है. पांच से छह करोड़ छोटी खुदरा दुकानों पर 12 से 13 करोड़ लोग आश्रित हैं. इन दुकानों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है. देश की आधी आबादी इस पर निर्भर है. यह छोटा खुदरा क्षेत्र काफी संवेदनशील विषय है."

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भाजपा का रुख साफ है. छोटे खुदरा क्षेत्र को समाप्त नहीं किया जा सकता. यही वजह है कि बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को 49 प्रतिशत पर सीमित रखा गया है.

गोयल ने कहा, "ई-कॉमर्स को एक निराकार भाव वाला मंच होना चाहिए. यह व्यापार का मंच है, जो क्रेता-विक्रेताओं को निराकार भाव से अवसर उपलब्ध कराता है जिससे वे साथ मिलकर काम कर सकें."

इस मौके पर अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा, "हम छोटे खुदर विक्रेताओं, किसानों और अन्य समूहों की राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशीलता को समझते हैं."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि सवाल यह है कि चीजें कितनी तेजी से बदल रही हैं. यदि आज से सौ साल बाद भी भारत में छोटे दुकानदारों की संख्या आज जितनी ही होगी, इससे देश की वृद्धि काफी रुक जाएगी."

रॉस ने कहा, "ई-कॉमर्स के जरिये ग्राहकों के लिए खुदरा उत्पादों की लागत घटती है. भारत जैसे कम उपभोक्ता आय वाले देश में कुछ संरचनात्मक मुद्दे हैं जिनकी वजह से भारतीय उपभोक्ता को ऊंची कीमत चुकानी पड़ती है."

मीडिया रपटों का हवाला देते हुए रॉस ने कहा कि अमेजन को भारत में एक साल पहले की तुलना में एक-तिहाई खर्च करना पड़ रहा है.

रॉस ने कहा, "यदि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि कुछ नीतियों की वजह से भारत में उनकी वृद्धि कम हो रही है, तो वे संभवत: यहां और अधिक निवेश करते. ऐसे में नीति की वजह से भी भारत में इसमें कमी आ रही है. अंत में भारत सरकार को यह फैसला करना है कि वह इन समीकरणों से कैसे संतुलन बैठाएगी."

रॉस की बात का जवाब देते हुए गोयल ने कहा, "जहां तक अमेजन के निवेश का सवाल है, इसकी कई वजहें हो सकती हैं. ऐसा हो सकता है कि उन्होंने पिछले वर्षों में कुछ अधिक निवेश कर दिया हो. मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं उनका कारोबार नहीं चला रहा हूं."

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