नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में अब सुधार के संकेत दिखने लगे हैं. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट होगी या फिर शून्य के करीब रहेगी.
उन्होंने कहा कि 2020-21 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट आई है, जिससे पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर नकारात्मक या शून्य के करीब रहेगी.
वहीं इस पर ईटीवी भारत को प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि जब वह (निर्मला सीतारमण) कहती हैं कि 2020-21 में शून्य वृद्धि होगी और 2021-22 में पुनरुद्धार शुरू होगा, तो वह अंधेरे में तीर चला रही होती हैं. इस तरह के सुखदायक शब्द अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए इस सरकार की क्षमता में विश्वास को प्रेरित नहीं करते हैं.
वर्ष 2020-21 में बड़े पैमाने पर नकारात्मक वृद्धि (-10 प्रतिशत) दर्ज की जाएगी और अगर सरकार सही उपाय करे, तो सितंबर 2021 के बाद सकारात्मक वृद्धि देख सकेंगे.
सेरा वीक के भारत ऊर्जा मंच को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से 25 मार्च से सख्त लॉकडाउन लगाया था क्योंकि लोगों के जीवन को बचाना ज्यादा जरूरी था. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से ही हम महामारी से निपटने के लिए तैयारियां कर सके. वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को खोले जाने के साथ वृहद आर्थिक संकेतकों में सुधार दिखाई दे रहा है.
सीतारमण ने कहा कि त्योहारी सीजन से अर्थव्यवस्था को और रफ्तार मिलने की उम्मीद है. "इससे चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में वृद्धि दर सकारात्मक रहने की उम्मीद है."
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि दर नकारात्मक या शून्य के करीब रहेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष से वृद्धि दर में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि सरकार का जोर सार्वजनिक खर्च के जरिये आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने पर है.
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गौरतलब है कि आरबीआई के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.5 प्रतिशत गिरावट की आशंका है. अगले साल इसमें मजबूत पुनरूद्धार की उम्मीद है.
रिजर्व बैंक के अनुसार सकल मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नरम रहेगी. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसमें और कमी आने का अनुमान है.
मुद्रास्फीति जून से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. सरकार ने आरबीआई को महंगाई दर 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.
(पीटीआई-भाषा)