नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को भारतीय वायु क्षेत्र के उपयोग की पाबंदियों में ढील देने की घोषणा की जिससे विमान कंपनियों को सुविधा और बचत होगी.
सरकार का अनुमान है कि वायु क्षेत्र को अधिक खुला करने से नागर विमानन क्षेत्र को प्रति वर्ष लगभग 1,000 करोड़ रुपये का लाभ होगा.
वित्त मंत्री ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि भारतीय हवाई क्षेत्र का केवल 60 प्रतिशत स्वतंत्र रूप से उपयोग के लिये उपलब्ध है.
उन्होंने कहा कि अधिक वायु क्षेत्र मिलने से हवाई यात्रा का समय कम होगा और ईंधन की बचत होगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि निजी भागीदारी के लिये छह और हवाई अड्डों की नीलामी की जायेगी. इसके अलावा, पहले और दूसरे दौर में नीलाम किये गये 12 हवाई अड्डों में निजी कंपनियों के द्वारा 13,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया जायेगा.
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उन्होंने यह भी कहा कि विमानों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) के लिये कर व्यवस्था को युक्तिसंगत बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि विमानन कल-पुर्जों की मरम्मत और एयरफ्रेम रख-रखाव क्षेत्र के तीन साल में 800 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,000 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है.
(पीटीआई-भाषा)