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वित्त मंत्रालय ने कहा, किसी सरकारी बैंक ने सेवा शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक द्वारा सेवा शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गई है, यहां तक ​​कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने प्रति माह बैंक खाते में मुफ्त नकद जमा लेनदेन की संख्या के संबंध में किए गए बदलावों को वापस लेने का फैसला किया है.

वित्त मंत्रालय ने किया स्पष्ट, किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने नहीं की सेवा शुल्क में वृद्धि
वित्त मंत्रालय ने किया स्पष्ट, किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने नहीं की सेवा शुल्क में वृद्धि
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Published : Nov 3, 2020, 5:06 PM IST

Updated : Nov 3, 2020, 6:20 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक ने सेवा शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की है.

मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक ने सेवा शुल्क नहीं बढ़ाया है. यहां तक कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक बैंक खाते में प्रत्येक महीने में नि:शुल्क नकद जमा लेनदेन से संबंधित बदलावों को भी वापस लेने का फैसला किया है.

मंत्रालय ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक नवंबर, 2020 से प्रत्येक महीने मुफ्त नकद जमा और निकासी की संख्या में कुछ बदलाव किया था. बैंक ने प्रत्येक महीने में पांच-पांच नि:शुल्क जमा और निकासी लेनदेन को घटाकर तीन-तीन कर दिया था.

बैंक ने मुफ्त लेनदेन की संख्या से अधिक लेनदेन के लिए शुल्कों में कोई बदलाव नहीं किया था.

मंत्रालय ने कहा, "अब बैंक ऑफ बड़ौदा ने सूचित किया है कि मौजूदा कोविड-19 से संबंधित स्थिति के मद्देनजर उसने इन बदलावों को वापस लेने का फैसला किया है. इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के किसी अन्य बैंक ने शुल्कों में कोई वृद्धि नहीं की है."

ये भी पढ़ें: फ्रैंकलिन टेंपलटन एमएफ की छह बंद योजनाओं को 438 करोड़ रुपये प्राप्त हुए

रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक को अपनी सेवाओं के लिए उचित, पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से शुल्क लगाने की अनुमति होती है.

बैंक ये शुल्क लागत के आधार पर लगा सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों ने भी सूचित किया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर उनका निकट भविष्य में शुल्कों में वृद्धि का कोई इरादा नहीं है.

मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खातों के बारे में मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के 60.04 खातों पर किसी तरह का सेवा शुल्क लागू नहीं है. इनमें 41.13 करोड़ जन धन खाते भी शामिल हैं.

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक ने सेवा शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की है.

मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक ने सेवा शुल्क नहीं बढ़ाया है. यहां तक कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक बैंक खाते में प्रत्येक महीने में नि:शुल्क नकद जमा लेनदेन से संबंधित बदलावों को भी वापस लेने का फैसला किया है.

मंत्रालय ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक नवंबर, 2020 से प्रत्येक महीने मुफ्त नकद जमा और निकासी की संख्या में कुछ बदलाव किया था. बैंक ने प्रत्येक महीने में पांच-पांच नि:शुल्क जमा और निकासी लेनदेन को घटाकर तीन-तीन कर दिया था.

बैंक ने मुफ्त लेनदेन की संख्या से अधिक लेनदेन के लिए शुल्कों में कोई बदलाव नहीं किया था.

मंत्रालय ने कहा, "अब बैंक ऑफ बड़ौदा ने सूचित किया है कि मौजूदा कोविड-19 से संबंधित स्थिति के मद्देनजर उसने इन बदलावों को वापस लेने का फैसला किया है. इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के किसी अन्य बैंक ने शुल्कों में कोई वृद्धि नहीं की है."

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रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक को अपनी सेवाओं के लिए उचित, पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से शुल्क लगाने की अनुमति होती है.

बैंक ये शुल्क लागत के आधार पर लगा सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों ने भी सूचित किया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर उनका निकट भविष्य में शुल्कों में वृद्धि का कोई इरादा नहीं है.

मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खातों के बारे में मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के 60.04 खातों पर किसी तरह का सेवा शुल्क लागू नहीं है. इनमें 41.13 करोड़ जन धन खाते भी शामिल हैं.

Last Updated : Nov 3, 2020, 6:20 PM IST
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