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राज्यों के लिये अतिरिक्त उधारी का लाभ लेने को लेकर सुधारों को लागू करने की समय सीमा बढ़ी

वित्त मंत्रालय ने कहा कि व्यय विभाग ने लोगों से जुड़े सुधारों को लागू करने को लेकर राज्यों के लिये समयसीमा बढ़ा दी है. इसके तहत अगर इन सुधारों के क्रियान्वयन को लेकर संबंधित नोडल मंत्रालय से सूचना 15 फरवरी, 2021 तक मिलती है, राज्य सुधार से जुड़े लाभ के लिये पात्र होंगे.

राज्यों के लिये अतिरिक्त उधारी का लाभ लेने को लेकर सुधारों को लागू करने की समयसीमा बढ़ी
राज्यों के लिये अतिरिक्त उधारी का लाभ लेने को लेकर सुधारों को लागू करने की समयसीमा बढ़ी
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Published : Dec 16, 2020, 5:49 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में अतिरिक्त बाजार कर्ज जुटाने की छूट के लिये राज्यों की पात्रता को लेकर एक देश, एक राशन कार्ड और बिजली क्षेत्र समेत अन्य सुधारों को क्रियान्वित करने की समयसीमा 15 फरवरी तक के लिये बढ़ा दी है. मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी.

केंद्र ने कोविड-19 महामारी के कारण राज्यों के लिये अतिरिक्त कोष की जरूरत को पूरा करने के लिये मई में प्रदेशों की उधारी सीमा उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 2 प्रतिशत के बाराबर बढ़ाने का निर्णय किया था.

यह राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून के तहत निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा के अलावा है.

हालांकि राज्यों को अतिरिक्त उधारी का लाभ लेने के लिये चार प्रमुख सुधारों, एक देश, एक राशन कार्ड, कारोबार सुगमता सुधार, शहरी स्थानीय निकाय/उपयोगी सेवाओं और बिजली क्षेत्र में सुधारों को 31 दिसंबर, 2020 तक क्रियान्वित करना था.

प्रत्येक सुधार को क्रियान्वित करने पर राज्यों को उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी की सुविधा मिलती. इस सुविधा के तहत सभी चारों सुधारों को लागू करने पर राज्यों को कुल मिला कर 2.14 लाख करोड़ रुपये तक के अतिरिक्त कर्ज का लाभ उपलब्ध कराया गया है.

ये भी पढ़ें: एलपीजी सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ी, एटीएफ की कीमतों में भी 6.3 फीसदी की वृद्धि

वित्त मंत्रालय ने कहा, "व्यय विभाग ने लोगों से जुड़े सुधारों को लागू करने को लेकर राज्यों के लिये समयसीमा बढ़ा दी है. इसके तहत अगर इन सुधारों के क्रियान्वयन को लेकर संबंधित नोडल मंत्रालय से सूचना 15 फरवरी, 2021 तक मिलती है, राज्य सुधार से जुड़े लाभ के लिये पात्र होंगे."

अबतक नौ राज्यों ने एक देश, एक राशन कार्ड प्रणाली लागू की है जबकि चार राज्यों ने कारोबार सुगमता सुधारों तथा एक राज्य ने शहरी स्थानीय निकाय/ उपयोगी सेवाओं से जुड़े सुधारों को लागू किया है.

मंत्रालय के अनुसार, "इन राज्यों के लिये 40,251 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की मंजूरी दी गयी है. सुधारों को लागू करने की समयसीमा बढ़ाये जाने से राज्य सुधार प्रक्रिया को पूरा करने और उससे जुड़े वित्तीय लाभ लेने को लेकर प्रेरित हो सकते हैं."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में अतिरिक्त बाजार कर्ज जुटाने की छूट के लिये राज्यों की पात्रता को लेकर एक देश, एक राशन कार्ड और बिजली क्षेत्र समेत अन्य सुधारों को क्रियान्वित करने की समयसीमा 15 फरवरी तक के लिये बढ़ा दी है. मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी.

केंद्र ने कोविड-19 महामारी के कारण राज्यों के लिये अतिरिक्त कोष की जरूरत को पूरा करने के लिये मई में प्रदेशों की उधारी सीमा उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 2 प्रतिशत के बाराबर बढ़ाने का निर्णय किया था.

यह राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून के तहत निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा के अलावा है.

हालांकि राज्यों को अतिरिक्त उधारी का लाभ लेने के लिये चार प्रमुख सुधारों, एक देश, एक राशन कार्ड, कारोबार सुगमता सुधार, शहरी स्थानीय निकाय/उपयोगी सेवाओं और बिजली क्षेत्र में सुधारों को 31 दिसंबर, 2020 तक क्रियान्वित करना था.

प्रत्येक सुधार को क्रियान्वित करने पर राज्यों को उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी की सुविधा मिलती. इस सुविधा के तहत सभी चारों सुधारों को लागू करने पर राज्यों को कुल मिला कर 2.14 लाख करोड़ रुपये तक के अतिरिक्त कर्ज का लाभ उपलब्ध कराया गया है.

ये भी पढ़ें: एलपीजी सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ी, एटीएफ की कीमतों में भी 6.3 फीसदी की वृद्धि

वित्त मंत्रालय ने कहा, "व्यय विभाग ने लोगों से जुड़े सुधारों को लागू करने को लेकर राज्यों के लिये समयसीमा बढ़ा दी है. इसके तहत अगर इन सुधारों के क्रियान्वयन को लेकर संबंधित नोडल मंत्रालय से सूचना 15 फरवरी, 2021 तक मिलती है, राज्य सुधार से जुड़े लाभ के लिये पात्र होंगे."

अबतक नौ राज्यों ने एक देश, एक राशन कार्ड प्रणाली लागू की है जबकि चार राज्यों ने कारोबार सुगमता सुधारों तथा एक राज्य ने शहरी स्थानीय निकाय/ उपयोगी सेवाओं से जुड़े सुधारों को लागू किया है.

मंत्रालय के अनुसार, "इन राज्यों के लिये 40,251 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की मंजूरी दी गयी है. सुधारों को लागू करने की समयसीमा बढ़ाये जाने से राज्य सुधार प्रक्रिया को पूरा करने और उससे जुड़े वित्तीय लाभ लेने को लेकर प्रेरित हो सकते हैं."

(पीटीआई-भाषा)

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