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वित्त मंत्री ने लोक उपक्रमों के प्रमुखों से पूंजी व्यय में तेजी लाने को कहा

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Published : Jul 7, 2020, 10:45 PM IST

इन 23 केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) का 2020-21 में संयुक्त रूप से 1,65,510 करोड़ रुपये के पूंजी व्यय का लक्ष्य है.

वित्त मंत्री ने लोक उपक्रमों के प्रमुखों से पूंजी व्यय में तेजी लाने को कहा
वित्त मंत्री ने लोक उपक्रमों के प्रमुखों से पूंजी व्यय में तेजी लाने को कहा

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 23 केंद्रीय लोक उपक्रमों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों (सीएमडी) के साथ बैठक की और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये पूंजी व्यय में तेजी लाने को कहा.

इन 23 केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) का 2020-21 में संयुक्त रूप से 1,65,510 करोड़ रुपये के पूंजी व्यय का लक्ष्य है.

बैठक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये पेट्रोलियम, बिजली, केयला, खान और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिवों और इन मंत्रालयों के अधीन आने वाले केंद्रीय लोक उपक्रमों के 23 सीएमडी के साथ हुई.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कह, "वित्त मंत्री ने सचिवों से सीपीएसई के प्रदर्शन पर नजर रखने को कहा ताकि 2020-21 की दूसरी तिमाही में निर्धारित पूंजी व्यय का 50 प्रतिशत खर्च सुनिश्चित हो सके और इसके लिये योजना बनायी जा सके."

उन्होंने कहा कि फंसे हुए मामलों को तत्काल आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए)/लोक उपक्रम विभाग (डीपीई) के समक्ष रखा जाना चाहिए ताकि उसका तुंरत समाधान हो सके.

वित्त वर्ष 2019-20 में 23 सीपीएसई का वास्तविक पूंजी व्यय 1,66,029 करोड़ रुपये रहा जबकि लक्ष्य 1,64,822 करोड़ रुपये था.

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये सीपीएसई को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. वित्त मंत्री ने सीपीएसई को लक्ष्य हासिल करने के लिये बेहतर तरीके से कामकाज करने को कहा.

ये भी पढ़ें: 'आरोग्य संजीवनी' पॉलिसी के तहत अब कंपनियां दे सकती हैं पांच लाख से अधिक का बीमा कवर: इरडा

उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि 2020-21 के लिये जो पूंजी व्यय का लक्ष्य रखा गया है, वह समुचित रूप से और समय पर खर्च हो.

बयान के अनुसार वित्त मंत्री ने सीपीएसई को समय पर लक्ष्य हासिल करने के लिये प्रोत्साहित किया.

उन्होंने कहा कि सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को कोविड-19 संकट के प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी.

बयान के अनुसार बैठक में मंत्रालयों/सीपीएसई ने कोविड-19 के कारण समस्याओं पर चर्चा की. इसमें कार्यबल की उपलब्धता, आयात में देरी, वितरण कंपनियों द्वारा भुगतान में विलम्ब शामिल हैं.

वित्त मंत्री आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये विभिन्न पक्षों के साथ लगातार बैठक कर रही हैं. यह बैठक उसी के तहत हुई है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 23 केंद्रीय लोक उपक्रमों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों (सीएमडी) के साथ बैठक की और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये पूंजी व्यय में तेजी लाने को कहा.

इन 23 केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) का 2020-21 में संयुक्त रूप से 1,65,510 करोड़ रुपये के पूंजी व्यय का लक्ष्य है.

बैठक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये पेट्रोलियम, बिजली, केयला, खान और परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिवों और इन मंत्रालयों के अधीन आने वाले केंद्रीय लोक उपक्रमों के 23 सीएमडी के साथ हुई.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कह, "वित्त मंत्री ने सचिवों से सीपीएसई के प्रदर्शन पर नजर रखने को कहा ताकि 2020-21 की दूसरी तिमाही में निर्धारित पूंजी व्यय का 50 प्रतिशत खर्च सुनिश्चित हो सके और इसके लिये योजना बनायी जा सके."

उन्होंने कहा कि फंसे हुए मामलों को तत्काल आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए)/लोक उपक्रम विभाग (डीपीई) के समक्ष रखा जाना चाहिए ताकि उसका तुंरत समाधान हो सके.

वित्त वर्ष 2019-20 में 23 सीपीएसई का वास्तविक पूंजी व्यय 1,66,029 करोड़ रुपये रहा जबकि लक्ष्य 1,64,822 करोड़ रुपये था.

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये सीपीएसई को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. वित्त मंत्री ने सीपीएसई को लक्ष्य हासिल करने के लिये बेहतर तरीके से कामकाज करने को कहा.

ये भी पढ़ें: 'आरोग्य संजीवनी' पॉलिसी के तहत अब कंपनियां दे सकती हैं पांच लाख से अधिक का बीमा कवर: इरडा

उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि 2020-21 के लिये जो पूंजी व्यय का लक्ष्य रखा गया है, वह समुचित रूप से और समय पर खर्च हो.

बयान के अनुसार वित्त मंत्री ने सीपीएसई को समय पर लक्ष्य हासिल करने के लिये प्रोत्साहित किया.

उन्होंने कहा कि सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को कोविड-19 संकट के प्रभाव से उबरने में मदद मिलेगी.

बयान के अनुसार बैठक में मंत्रालयों/सीपीएसई ने कोविड-19 के कारण समस्याओं पर चर्चा की. इसमें कार्यबल की उपलब्धता, आयात में देरी, वितरण कंपनियों द्वारा भुगतान में विलम्ब शामिल हैं.

वित्त मंत्री आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये विभिन्न पक्षों के साथ लगातार बैठक कर रही हैं. यह बैठक उसी के तहत हुई है.

(पीटीआई-भाषा)

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