नई दिल्ली : देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 19 प्रतिशत बढ़कर 59.64 बिलियन यूएस डॉलर हो गया. उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि यह सरकार द्वारा नीतिगत सुधारों, निवेश सुविधा, और व्यापार करने में आसानी, वाणिज्य, और के मोर्चों पर किए गए उपायों के कारण हुआ है.
इक्विटी, फिर से निवेश की गई आय और पूंजी सहित कुल एफडीआई 2019-20 में 74.39 बिलियन यूएस डॉलर से 10 फीसदी तक बढ़कर 2020-21 में 81.72 बिलियन यूएस डॉलर के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, '2019-20 के 49.98 बिलियन यूएस डॉलर की तुलना में 19 फीसदी बढ़कर 2020-21 में 59.64 यूएस डॉलर रहा.
शीर्ष निवेशक देशों के मामले में सिंगापुर 29 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर है. इसके बाद पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका (23 फीसदी) और मॉरीशस (9 फीसदी) का स्थान रहा.
रिपोर्ट में कहा गया है, 'एफडीआई नीति सुधारों, निवेश सुगमता और कारोबार में सुगमता के मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से देश में एफडीआई का प्रवाह बढ़ा है.'
इसमें कहा गया है कि अंतर्वाह वैश्विक निवेशकों के बीच एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति का समर्थन है.
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र ने कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह के लगभग 44 प्रतिशत हिस्से के साथ उच्चतम प्रवाह को आकर्षित किया. इसके बाद क्रमशः निर्माण (बुनियादी ढांचे) गतिविधियों (13 प्रतिशत) और सेवा क्षेत्र (8 प्रतिशत) का स्थान रहा.
रिपोर्ट के अनुसार, '2020-21 के दौरान कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 37 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ गुजरात शीर्ष प्राप्तकर्ता राज्य है, इसके बाद महाराष्ट्र (27 प्रतिशत) और कर्नाटक (13 प्रतिशत) का स्थान है.'
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