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यात्री किराया और माल भाड़ा दरों को तर्कसंगत बनाया जाएगा: रेलवे बोर्ड चेयरमैन

आर्थिक नरमी से भारतीय रेल की आय प्रभावित हुई है. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेलवे की यात्री किराये से आमदनी वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 155 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से आय 3,901 करोड़ रुपये कम रही.

यात्री किराया और माल भाड़ा दरों को तर्कसंगत बनाया जाएगा: रेलवे बोर्ड चेयरमैन
यात्री किराया और माल भाड़ा दरों को तर्कसंगत बनाया जाएगा: रेलवे बोर्ड चेयरमैन
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Published : Dec 26, 2019, 7:10 PM IST

नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि रेलवे यात्री और माल भाड़ा दरों को तर्कसंगत बनाने की प्रकिया में है.

हालांकि, इस प्रक्रिया के तहत क्या किराया बढ़ाया जायेगा इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार किया. यादव ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं.

ये भी पढ़ें- अधिकारी के कैडर के आधार पर तय नहीं होंगे पद: गोयल

किराया बढ़ाना एक संवेदनशील मुद्दा है और अंतिम फैसला लेने से पहले इस पर लंबी चर्चा की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, "हम किराया और माल भाड़े की दरों को तर्कसंगत बना रहे हैं. इस पर सोच-विचार किया जा रहा है. मैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक संवेदनशील विषय है. चूंकि माल भाड़े का किराया पहले से अधिक है, हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा यातायात को सड़क से रेलवे की ओर लाना है."

आर्थिक नरमी से भारतीय रेल की आय प्रभावित हुई है. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेलवे की यात्री किराये से आमदनी वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 155 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से आय 3,901 करोड़ रुपये कम रही.

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में यात्री किराये से रेलवे को 13,398.92 करोड़ रुपये की आय हुई थी. दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में यह गिरकर 13,243.81 करोड़ रुपये रह गई.

नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि रेलवे यात्री और माल भाड़ा दरों को तर्कसंगत बनाने की प्रकिया में है.

हालांकि, इस प्रक्रिया के तहत क्या किराया बढ़ाया जायेगा इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार किया. यादव ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं.

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किराया बढ़ाना एक संवेदनशील मुद्दा है और अंतिम फैसला लेने से पहले इस पर लंबी चर्चा की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, "हम किराया और माल भाड़े की दरों को तर्कसंगत बना रहे हैं. इस पर सोच-विचार किया जा रहा है. मैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक संवेदनशील विषय है. चूंकि माल भाड़े का किराया पहले से अधिक है, हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा यातायात को सड़क से रेलवे की ओर लाना है."

आर्थिक नरमी से भारतीय रेल की आय प्रभावित हुई है. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेलवे की यात्री किराये से आमदनी वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 155 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से आय 3,901 करोड़ रुपये कम रही.

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में यात्री किराये से रेलवे को 13,398.92 करोड़ रुपये की आय हुई थी. दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में यह गिरकर 13,243.81 करोड़ रुपये रह गई.

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यात्री किराया और माल भाड़ा दरों को तर्कसंगत बनाया जाएगा: रेलवे बोर्ड चेयरमैन

नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी . के . यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि रेलवे यात्री और माल भाड़ा दरों को तर्कसंगत बनाने की प्रकिया में है. 

हालांकि, इस प्रक्रिया के तहत क्या किराया बढ़ाया जायेगा इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार किया. यादव ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. 

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किराया बढ़ाना एक संवेदनशील मुद्दा है और अंतिम फैसला लेने से पहले इस पर लंबी चर्चा की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, "हम किराया और माल भाड़े की दरों को तर्कसंगत बना रहे हैं. इस पर सोच-विचार किया जा रहा है. मैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक संवेदनशील विषय है. चूंकि माल भाड़े का किराया पहले से अधिक है, हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा यातायात को सड़क से रेलवे की ओर लाना है." 

आर्थिक नरमी से भारतीय रेल की आय प्रभावित हुई है. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेलवे की यात्री किराये से आमदनी वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 155 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से आय 3,901 करोड़ रुपये कम रही. 

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में यात्री किराये से रेलवे को 13,398.92 करोड़ रुपये की आय हुई थी. दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में यह गिरकर 13,243.81 करोड़ रुपये रह गई.


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