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ईपीएफओ पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाण जमा करने के लिये साझा सेवा केंद्रों का करेगा उपयोग

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के दायरे में आने वाले पेंशनभोगियों को खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान घर तक सेवा डिलिवरी देने के लिये ईपीएफओ ने सीएससी से भागीदारी की है. इसके जरिये पेंशनभोगी अपना डिजिटल जीवन प्रमाणन दे सकते हैं.

ईपीएफओ पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाण जमा करने के लिये साझा सेवा केंद्रों का करेगा उपयोग
ईपीएफओ पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाण जमा करने के लिये साझा सेवा केंद्रों का करेगा उपयोग
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Published : Jun 11, 2020, 9:17 PM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाण जमा करने के लिये साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) का उपयोग करेगा. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी. इसमें कहा गया है कि करीब 65 लाख पेंशनभोगी अपना जीवन प्रमाण 3.65 लाख से अधिक सीएससी के जरिये दे सकते हैं.

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के दायरे में आने वाले पेंशनभोगियों को खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान घर तक सेवा डिलिवरी देने के लिये ईपीएफओ ने सीएससी से भागीदारी की है. इसके जरिये पेंशनभोगी अपना डिजिटल जीवन प्रमाणन दे सकते हैं.

ईपीएस पेंशनभोगियों को पेंशन जारी रखने के लिये हर साल जीवन प्रमाण देना होता है. सीएससी के अलावा ईपीएस पेंशनभोगी 135 क्षेत्रीय कार्यालयों और 117 जिला कार्यालयों तथा पेंशन वितरण करने वाले बैंकों के जरिये जीवन प्रमाण जमा कर सकते हैं.

ईपीएफओ ने ईपीएस पेंशनभोगियों को राहत देने के लिये अपनी सुविधानुसार सेवा डिलिवरी एजेंसी के चयन का विकल्प दिया है. पेंशनभोगी अपनी सुविधा के अनुसार साल में कभी भी डिजिटल जीवन प्रमाण दे सकते हैं.

ये भी पढ़ें: बीमा कंपनियां टेलीमेडिसिन को दावा निपटान नीति में शामिल करें: बीमा नियामक

जीवन प्रमाण जमा करने की तारीख से एक साल तक वैध रहता है. इससे पहले, पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण नवंबर महीने में देने की जरूरत पड़ती थी. इससे कई बार पेंशनभोगियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था और पेंशन रूकने को लेकर बड़ी संख्या में शिकायतें आती थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाण जमा करने के लिये साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) का उपयोग करेगा. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी. इसमें कहा गया है कि करीब 65 लाख पेंशनभोगी अपना जीवन प्रमाण 3.65 लाख से अधिक सीएससी के जरिये दे सकते हैं.

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के दायरे में आने वाले पेंशनभोगियों को खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान घर तक सेवा डिलिवरी देने के लिये ईपीएफओ ने सीएससी से भागीदारी की है. इसके जरिये पेंशनभोगी अपना डिजिटल जीवन प्रमाणन दे सकते हैं.

ईपीएस पेंशनभोगियों को पेंशन जारी रखने के लिये हर साल जीवन प्रमाण देना होता है. सीएससी के अलावा ईपीएस पेंशनभोगी 135 क्षेत्रीय कार्यालयों और 117 जिला कार्यालयों तथा पेंशन वितरण करने वाले बैंकों के जरिये जीवन प्रमाण जमा कर सकते हैं.

ईपीएफओ ने ईपीएस पेंशनभोगियों को राहत देने के लिये अपनी सुविधानुसार सेवा डिलिवरी एजेंसी के चयन का विकल्प दिया है. पेंशनभोगी अपनी सुविधा के अनुसार साल में कभी भी डिजिटल जीवन प्रमाण दे सकते हैं.

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जीवन प्रमाण जमा करने की तारीख से एक साल तक वैध रहता है. इससे पहले, पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण नवंबर महीने में देने की जरूरत पड़ती थी. इससे कई बार पेंशनभोगियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था और पेंशन रूकने को लेकर बड़ी संख्या में शिकायतें आती थी.

(पीटीआई-भाषा)

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