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ईपीएफओ ने कंपनियों को बकाये के भुगतान के बिना मासिक पीएफ रिटर्न जमा कराने की अनुमति दी

अभी नियोक्ताओं को पीएफ रिटर्न दाखिल करने के साथ-साथ बकाये का भुगतान भी करना होता है. पीएफ रिटर्न में ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कर्मचारी और नियोक्ता के योगदान का ब्योरा होता है.

ईपीएफओ ने कंपनियों को बकाये के भुगतान के बिना मासिक पीएफ रिटर्न जमा कराने की अनुमति दी
ईपीएफओ ने कंपनियों को बकाये के भुगतान के बिना मासिक पीएफ रिटर्न जमा कराने की अनुमति दी
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Published : May 1, 2020, 12:08 AM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नियोक्ताओं को बकाये का साथ-साथ भुगतान किये बिना मासिक भविष्य निधि (पीएफ) रिटर्न जमा कराने की अनुमति दे दी है. इस कदम से कोविड-19 संकट की वजह से लागू लॉकडाडन के बीच करीब छह लाख कंपनियों को राहत मिलेगी.

अभी नियोक्ताओं को पीएफ रिटर्न दाखिल करने के साथ-साथ बकाये का भुगतान भी करना होता है. पीएफ रिटर्न में ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कर्मचारी और नियोक्ता के योगदान का ब्योरा होता है.

श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि मौजूदा बंद की वजह से कंपनियां सामान्य तरीके से कामकाज नहीं कर पा रही हैं और उन्हें नकदी संकट से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में वे सांविधिक भुगतान नहीं कर पा रही हैं. हालांकि, उन्होंने कर्मचारियों को काम से नहीं हटाया है.

ये भी पढ़ें: पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिये बुनियादी ढांचा क्षेत्र का विकास महत्वपूर्ण: रिपोर्ट

बयान में कहा गया है कि इस स्थिति के मद्देनजर मासिक इलेक्ट्रॉनिक चालान-सह-रिटर्न को सांविधिक योगदान से अलग कर दिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नियोक्ताओं को बकाये का साथ-साथ भुगतान किये बिना मासिक भविष्य निधि (पीएफ) रिटर्न जमा कराने की अनुमति दे दी है. इस कदम से कोविड-19 संकट की वजह से लागू लॉकडाडन के बीच करीब छह लाख कंपनियों को राहत मिलेगी.

अभी नियोक्ताओं को पीएफ रिटर्न दाखिल करने के साथ-साथ बकाये का भुगतान भी करना होता है. पीएफ रिटर्न में ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कर्मचारी और नियोक्ता के योगदान का ब्योरा होता है.

श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि मौजूदा बंद की वजह से कंपनियां सामान्य तरीके से कामकाज नहीं कर पा रही हैं और उन्हें नकदी संकट से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में वे सांविधिक भुगतान नहीं कर पा रही हैं. हालांकि, उन्होंने कर्मचारियों को काम से नहीं हटाया है.

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बयान में कहा गया है कि इस स्थिति के मद्देनजर मासिक इलेक्ट्रॉनिक चालान-सह-रिटर्न को सांविधिक योगदान से अलग कर दिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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