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कॉरपोरेट मंत्रालय का डेटाबेस विश्वसनीय: अधिकारी

जीडीपी के आंकड़ों की गणना के लिए डेटा पर चिंता के बीच श्रीनिवास ने कहा कि मंत्रालय का एमसीए 21 पोर्टल एक 'भरोसा आधारित प्रणाली' है. यहां आने वाली सूचनाएं कंपनियों द्वारा किए गए खुलासे पर आधारित होती हैं.

कॉरपोरेट मंत्रालय का डेटाबेस विश्वसनीय: अधिकारी
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Published : May 9, 2019, 10:26 PM IST

नई दिल्ली: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय एक काफी विश्वसनीय डेटाबेस या आंकड़े रखता है और यह ब्लैक बॉक्स नहीं होता जिसको सामान्य तरीके से समझा न जा सके. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बृहस्पतिवार को यह बात कही.

श्रीनिवास ने कहा कि यह सांख्यिकी अधिकारियों को तय करना होता है कि कौन से आंकड़े सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की गणना के लिए हैं.

ये भी पढ़ें- वर्ष 2030 तक कुल वाहन बिक्री में प्राकृतिक गैस चालित वाहनों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होगी: रिपोर्ट

जीडीपी के आंकड़ों की गणना के लिए डेटा पर चिंता के बीच श्रीनिवास ने कहा कि मंत्रालय का एमसीए 21 पोर्टल एक 'भरोसा आधारित प्रणाली' है. यहां आने वाली सूचनाएं कंपनियों द्वारा किए गए खुलासे पर आधारित होती हैं.

राष्ट्रीय नमूना सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा सेवा क्षेत्र पर जारी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि एमसीए 21 प्रणाली में जीडीपी की गणना के लिए जिन कंपनियों का इस्तेमाल किया गया उनमें से 36 प्रतिशत या तो गायब हैं या उनका ठीक से वर्गीकरण नहीं किया गया है.

एमसीए 21 कॉरपोरेट की ओर से दाखिल सूचनाओं की इलेक्ट्रॉनिक रिपॉजिटरी है. श्रीनिवास ने पीटीआई भाषा से कहा, "एमसीए 21 पर डाली गई सूचनाएं कंपनियों द्वारा किया गया खुलासा होती हैं और कंपनियों को उनका अनुमोदन करना होता है. यह एक विश्वास आधारित प्रणाली है. हम डेटा या आंकड़ों की विश्वसनीयता से जुड़ी समस्या को जानते हैं और लगातार इसे उच्च विश्वसनीयता वाला बनाने का प्रयास कर रहे हैं."

कंपनी कानून के तहत को सूचनाओं को कॉरपोरेट मंत्रालय के पास एमसीए 21 प्रणाली के जरिये भेजा जाता है.

श्रीनिवास ने कहा, "जहां तक मंत्रालय का सवाल है, एमसीए 21 काफी हद तक विश्वसनीय डेटाबेस है और यह ब्लैक बॉक्स कतई नहीं है. यह काफी पारदर्शी मंच है और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है."

नई दिल्ली: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय एक काफी विश्वसनीय डेटाबेस या आंकड़े रखता है और यह ब्लैक बॉक्स नहीं होता जिसको सामान्य तरीके से समझा न जा सके. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बृहस्पतिवार को यह बात कही.

श्रीनिवास ने कहा कि यह सांख्यिकी अधिकारियों को तय करना होता है कि कौन से आंकड़े सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की गणना के लिए हैं.

ये भी पढ़ें- वर्ष 2030 तक कुल वाहन बिक्री में प्राकृतिक गैस चालित वाहनों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होगी: रिपोर्ट

जीडीपी के आंकड़ों की गणना के लिए डेटा पर चिंता के बीच श्रीनिवास ने कहा कि मंत्रालय का एमसीए 21 पोर्टल एक 'भरोसा आधारित प्रणाली' है. यहां आने वाली सूचनाएं कंपनियों द्वारा किए गए खुलासे पर आधारित होती हैं.

राष्ट्रीय नमूना सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा सेवा क्षेत्र पर जारी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि एमसीए 21 प्रणाली में जीडीपी की गणना के लिए जिन कंपनियों का इस्तेमाल किया गया उनमें से 36 प्रतिशत या तो गायब हैं या उनका ठीक से वर्गीकरण नहीं किया गया है.

एमसीए 21 कॉरपोरेट की ओर से दाखिल सूचनाओं की इलेक्ट्रॉनिक रिपॉजिटरी है. श्रीनिवास ने पीटीआई भाषा से कहा, "एमसीए 21 पर डाली गई सूचनाएं कंपनियों द्वारा किया गया खुलासा होती हैं और कंपनियों को उनका अनुमोदन करना होता है. यह एक विश्वास आधारित प्रणाली है. हम डेटा या आंकड़ों की विश्वसनीयता से जुड़ी समस्या को जानते हैं और लगातार इसे उच्च विश्वसनीयता वाला बनाने का प्रयास कर रहे हैं."

कंपनी कानून के तहत को सूचनाओं को कॉरपोरेट मंत्रालय के पास एमसीए 21 प्रणाली के जरिये भेजा जाता है.

श्रीनिवास ने कहा, "जहां तक मंत्रालय का सवाल है, एमसीए 21 काफी हद तक विश्वसनीय डेटाबेस है और यह ब्लैक बॉक्स कतई नहीं है. यह काफी पारदर्शी मंच है और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है."

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कॉरपोरेट मंत्रालय का डेटाबेस विश्वसनीय : अधिकारी

नई दिल्ली: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय एक काफी विश्वसनीय डेटाबेस या आंकड़े रखता है और यह ब्लैक बॉक्स नहीं होता जिसको सामान्य तरीके से समझा न जा सके. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. 

श्रीनिवास ने कहा कि यह सांख्यिकी अधिकारियों को तय करना होता है कि कौन से आंकड़े सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की गणना के लिए हैं. 

जीडीपी के आंकड़ों की गणना के लिए डेटा पर चिंता के बीच श्रीनिवास ने कहा कि मंत्रालय का एमसीए 21 पोर्टल एक 'भरोसा आधारित प्रणाली' है. यहां आने वाली सूचनाएं कंपनियों द्वारा किए गए खुलासे पर आधारित होती हैं. 

राष्ट्रीय नमूना सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा सेवा क्षेत्र पर जारी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि एमसीए 21 प्रणाली में जीडीपी की गणना के लिए जिन कंपनियों का इस्तेमाल किया गया उनमें से 36 प्रतिशत या तो गायब हैं या उनका ठीक से वर्गीकरण नहीं किया गया है. 

एमसीए 21 कॉरपोरेट की ओर से दाखिल सूचनाओं की इलेक्ट्रॉनिक रिपॉजिटरी है. श्रीनिवास ने पीटीआई भाषा से कहा, "एमसीए 21 पर डाली गई सूचनाएं कंपनियों द्वारा किया गया खुलासा होती हैं और कंपनियों को उनका अनुमोदन करना होता है. यह एक विश्वास आधारित प्रणाली है. हम डेटा या आंकड़ों की विश्वसनीयता से जुड़ी समस्या को जानते हैं और लगातार इसे उच्च विश्वसनीयता वाला बनाने का प्रयास कर रहे हैं." 

कंपनी कानून के तहत को सूचनाओं को कॉरपोरेट मंत्रालय के पास एमसीए 21 प्रणाली के जरिये भेजा जाता है. 

श्रीनिवास ने कहा, "जहां तक मंत्रालय का सवाल है, एमसीए 21 काफी हद तक विश्वसनीय डेटाबेस है और यह ब्लैक बॉक्स कतई नहीं है. यह काफी पारदर्शी मंच है और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है." 


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