नई दिल्ली: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण 2017-2018 के परिणाम डेटा गुणवत्ता के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए जारी नहीं किए जाएंगे.
मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उसने एनएसएस द्वारा उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के बारे में मीडिया रिपोर्टों को यह कहते हुए देखा था कि उपभोक्ता खर्च गिर रहा है और रिपोर्ट को इसके 'प्रतिकूल' निष्कर्षों के कारण रोक दिया गया है.
मंत्रालय का कहना है, "हम सशक्त रूप से बताना चाहेंगे कि डेटा और रिपोर्ट को वीटो करने के लिए एक कठोर प्रक्रिया है, जो सर्वेक्षण के माध्यम से बनाई जाती है. ऐसी सभी प्रस्तुतियां प्रकृति में मसौदा हैं और अंतिम रिपोर्ट नहीं मानी जा सकती है."
इसने कहा कि राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी संबंधी सलाहकार समिति ने भी अलग से सिफारिश की है कि जीडीपी श्रृंखला के पुन: प्रकाशन के लिए, 2017-18 नए आधार वर्ष के रूप में उपयोग किए जाने के लिए उपयुक्त वर्ष नहीं है.
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विज्ञप्ति में कहा गया है, "डेटा गुणवत्ता के मुद्दों के मद्देनजर, मंत्रालय ने 2017-2018 के उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण परिणाम जारी नहीं करने का फैसला किया है."
इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने जुलाई 2017 से जून 2018 की अवधि के दौरान 75 वें दौर में घरेलू उपभोग व्यय पर एक अखिल भारतीय सर्वेक्षण किया.