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पुख्ता राष्ट्रीय खुदरा नीति से 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन होगा: सीआईआई

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Published : Nov 24, 2020, 7:12 PM IST

सीआईआई की खुदरा पर राष्ट्रीय समिति ने कहा है कि एक मजबूत या पुख्ता राष्ट्रीय खुदरा नीति से क्षेत्र का पुनरोद्धार होगा और इससे देश में 2024 तक 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन होगा.

पुख्ता राष्ट्रीय खुदरा नीति से 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन होगा: सीआईआई
पुख्ता राष्ट्रीय खुदरा नीति से 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन होगा: सीआईआई

नई दिल्ली: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की खुदरा पर राष्ट्रीय समिति ने कहा है कि एक मजबूत या पुख्ता राष्ट्रीय खुदरा नीति से क्षेत्र का पुनरोद्धार होगा और इससे देश में 2024 तक 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन होगा.

समिति के चेयरमैन शास्वत गोयनका ने सीआईआई इंडिया खुदरा शिखर सम्मेलन-2020 को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खुदरा नीति से यह क्षेत्र उबर सकेगा और आगामी वर्षों में जोरदार वृद्धि दर्ज कर सकेगा. गोयनका आरपी-संजीव गोयनका समूह के प्रमुख-खुदरा और एफएमसीजी भी हैं.

उद्योग के अनुमान के अनुसार देश के संगठित खुदरा क्षेत्र में पांच करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है.

सुधार प्रक्रिया तेज करने के लिए नए मॉडल पर हो चर्चा

उन्होंने कहा, "आगे चलकर जब उद्योग अपने निचले स्तर से उबरेगा, ऐसे समय में सुधार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए नए और उभरते मॉडल पर चर्चा करने की जरूरत होगी. उद्योग अब भी मांग में कमी की वजह से हुए नुकसान से उबर नहीं पाया है. ऐसे में उपभोक्ताओं का भरोसा कायम करने के लिए अग्रसारी कदमों की जरूरत होगी."

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विभिन्न फॉर्मेट में चुनौतियों और अड़चनों को दूर करने के लिए सीआईआई के तहत खुदरा क्षेत्र के लोगों का मानना है कि सरकार को एक मजबूत आदर्श खुदरा नीति लानी चाहिए.

2024 तक 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन संभव

गोयनका ने कहा, "आज पहले की तुलना में कहीं अधिक राष्ट्रीय खुदरा नीति के साथ अनुकूल वातावरण पैदा करने की जरूरत है. सरकार पुख्ता खुदरा नीति का क्रियान्वयन कर क्षेत्र की वृद्धि को आगे बढ़ा सकती है. इससे 2024 तक 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन हो सकता है. इसके अलावा संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार के अप्रत्यक्ष अवसर भी पैदा किए जा सकते हैं."

उन्होंने बताया कि शोध से पता चलता है कि खुदरा से संबंधित बुनियादी ढांचे मसलन भंडारगृह और शीत भंडार गृह आदि में सिर्फ 6,500 करोड़ रुपये के निवेश से दो से तीन लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं.

इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि सरकार खुदरा नीति पर काम कर रही है. "हमने खुदरा नीति पर परिचर्चा पत्र तैयार किया है. हम इसे और बेहतर कर रहे है. मुझे भरोसा है कि आज पेश रिपोर्ट के ब्योरे से हमें कुछ अच्छी जानकारी मिलेगी और हम खुदरा नीति को बेहतर कर सकेंगे."

(पीटीआई-भाषा)

ये भी पढ़ें: अब एक जनवरी से लैंडलाइन से मोबाइल पर सभी कॉल में नंबर से पहले लगाना होगा शून्य

नई दिल्ली: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की खुदरा पर राष्ट्रीय समिति ने कहा है कि एक मजबूत या पुख्ता राष्ट्रीय खुदरा नीति से क्षेत्र का पुनरोद्धार होगा और इससे देश में 2024 तक 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन होगा.

समिति के चेयरमैन शास्वत गोयनका ने सीआईआई इंडिया खुदरा शिखर सम्मेलन-2020 को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खुदरा नीति से यह क्षेत्र उबर सकेगा और आगामी वर्षों में जोरदार वृद्धि दर्ज कर सकेगा. गोयनका आरपी-संजीव गोयनका समूह के प्रमुख-खुदरा और एफएमसीजी भी हैं.

उद्योग के अनुमान के अनुसार देश के संगठित खुदरा क्षेत्र में पांच करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है.

सुधार प्रक्रिया तेज करने के लिए नए मॉडल पर हो चर्चा

उन्होंने कहा, "आगे चलकर जब उद्योग अपने निचले स्तर से उबरेगा, ऐसे समय में सुधार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए नए और उभरते मॉडल पर चर्चा करने की जरूरत होगी. उद्योग अब भी मांग में कमी की वजह से हुए नुकसान से उबर नहीं पाया है. ऐसे में उपभोक्ताओं का भरोसा कायम करने के लिए अग्रसारी कदमों की जरूरत होगी."

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विभिन्न फॉर्मेट में चुनौतियों और अड़चनों को दूर करने के लिए सीआईआई के तहत खुदरा क्षेत्र के लोगों का मानना है कि सरकार को एक मजबूत आदर्श खुदरा नीति लानी चाहिए.

2024 तक 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन संभव

गोयनका ने कहा, "आज पहले की तुलना में कहीं अधिक राष्ट्रीय खुदरा नीति के साथ अनुकूल वातावरण पैदा करने की जरूरत है. सरकार पुख्ता खुदरा नीति का क्रियान्वयन कर क्षेत्र की वृद्धि को आगे बढ़ा सकती है. इससे 2024 तक 30 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का सृजन हो सकता है. इसके अलावा संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार के अप्रत्यक्ष अवसर भी पैदा किए जा सकते हैं."

उन्होंने बताया कि शोध से पता चलता है कि खुदरा से संबंधित बुनियादी ढांचे मसलन भंडारगृह और शीत भंडार गृह आदि में सिर्फ 6,500 करोड़ रुपये के निवेश से दो से तीन लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं.

इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि सरकार खुदरा नीति पर काम कर रही है. "हमने खुदरा नीति पर परिचर्चा पत्र तैयार किया है. हम इसे और बेहतर कर रहे है. मुझे भरोसा है कि आज पेश रिपोर्ट के ब्योरे से हमें कुछ अच्छी जानकारी मिलेगी और हम खुदरा नीति को बेहतर कर सकेंगे."

(पीटीआई-भाषा)

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