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चीन की बीआरआई परियोजना की सूची से बीसीआईएम को हटाया

चीन ने अपनी लाखों अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजनाओं की सूची से से बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार (बीसीआईएम) आर्थिक गलियारा को हटा दिया है.

चीन की बीआरआई परियोजना की सूची से बीसीआईएम को हटाया
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Published : Apr 29, 2019, 11:33 AM IST

बीजिंग: चीन की अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजना में मूल रूप से सूचीबद्ध 'बांग्लादेश, चीन, भारत, म्यामांर आर्थिक गलियारा' (बीसीआईएम) यहां 'बेल्ट एंड रोड फोरम' की बैठक के समापन पर जारी नयी सूची से स्पष्ट रूप से गायब है.

चीन का दूसरा बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) यहां शनिवार को 64 अरब डॉलर के सौदों पर हस्ताक्षर होने के साथ संपन्न हुआ. साथ ही, चीन के अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के संदर्भ में संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान प्रकट किया गया, जो भारत की एक अहम मांग थी.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश पर पाबंदी से एयर इंडिया को 300 करोड़ रुपये का नुकसान

फोरम की बैठक में 37 राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों ने हिस्सा लिया. वर्ष 2017 की पहली बीआरएफ बैठक की तरह ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पर अपने ऐतराज के चलते भारत इस दूसरी बैठक से भी दूर रहा.

भारत ने बीसीआईएम का विरोध तो नहीं किया लेकिन इस परियोजना के प्रति ठंडी प्रतिक्रिया दी है क्योंकि देश की पूर्वी सीमा पर स्थित पड़ोसी देशों में चीन का बढ़ता वर्चस्व भारत के लिए चिंता का सबब है. भारत को यह भी आशंका है कि इस परियोजना से देश के पूर्वोत्तर के इलाकों को खतरा पैदा होगा.

सीपीईसी, नेपाल चीन ट्रांस हिमालय मल्टी डाइमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क (जिसमें नेपाल-चीन सीमापार रेलवे लाइन शामिल है) और चीन म्यामांर आर्थिक गलियारा का दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सूची में उल्लेख है. बांग्लादेश चीन भारत म्यामांर आर्थिक गलियारा (बीसीआईएमईसी) को बीआरआई की परियोजनाओं की नयी सूची में उल्लेखित 35 गलियारों में शामिल नहीं किया गया है. वर्ष 2013 में जब इस बीआरआई परियोजना को शुरू किया गया था, तब उसमें उसका भी उल्लेख किया गया था.

भारत बीआरआई के तहत आने वाले सीपीईसी का विरोध करता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है. 2800 किलोमीटर लंबे बीसीआईएमईसी में चीन के युनांन प्रांत के कुनमिंग को कोलकाता से जोड़ने का प्रस्ताव है. यह गलियारा म्यामांर के मांडले और बांग्लादेश के ढाका से गुजरेगा.

बता दें कि सीपीईसी की तरह बीसीआईएम भी बेल्ट एंड रोड परियोजना के छह प्रमुख गलियारों में शामिल था. इसका मकसद चीन के पूर्वी शहर कुन्मिंग को बांग्लादेश के ढाका और म्यांमार के मांडले समेत भारत के कोलकाता से जोड़ना था. चीन की सत्ता में आसीन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 22 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में बीसीआईएम को बेल्ट एंड रोड पहल के तहत एक परियोजना बताया था.

बीजिंग: चीन की अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजना में मूल रूप से सूचीबद्ध 'बांग्लादेश, चीन, भारत, म्यामांर आर्थिक गलियारा' (बीसीआईएम) यहां 'बेल्ट एंड रोड फोरम' की बैठक के समापन पर जारी नयी सूची से स्पष्ट रूप से गायब है.

चीन का दूसरा बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) यहां शनिवार को 64 अरब डॉलर के सौदों पर हस्ताक्षर होने के साथ संपन्न हुआ. साथ ही, चीन के अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के संदर्भ में संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान प्रकट किया गया, जो भारत की एक अहम मांग थी.

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फोरम की बैठक में 37 राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों ने हिस्सा लिया. वर्ष 2017 की पहली बीआरएफ बैठक की तरह ही चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पर अपने ऐतराज के चलते भारत इस दूसरी बैठक से भी दूर रहा.

भारत ने बीसीआईएम का विरोध तो नहीं किया लेकिन इस परियोजना के प्रति ठंडी प्रतिक्रिया दी है क्योंकि देश की पूर्वी सीमा पर स्थित पड़ोसी देशों में चीन का बढ़ता वर्चस्व भारत के लिए चिंता का सबब है. भारत को यह भी आशंका है कि इस परियोजना से देश के पूर्वोत्तर के इलाकों को खतरा पैदा होगा.

सीपीईसी, नेपाल चीन ट्रांस हिमालय मल्टी डाइमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क (जिसमें नेपाल-चीन सीमापार रेलवे लाइन शामिल है) और चीन म्यामांर आर्थिक गलियारा का दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सूची में उल्लेख है. बांग्लादेश चीन भारत म्यामांर आर्थिक गलियारा (बीसीआईएमईसी) को बीआरआई की परियोजनाओं की नयी सूची में उल्लेखित 35 गलियारों में शामिल नहीं किया गया है. वर्ष 2013 में जब इस बीआरआई परियोजना को शुरू किया गया था, तब उसमें उसका भी उल्लेख किया गया था.

भारत बीआरआई के तहत आने वाले सीपीईसी का विरोध करता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है. 2800 किलोमीटर लंबे बीसीआईएमईसी में चीन के युनांन प्रांत के कुनमिंग को कोलकाता से जोड़ने का प्रस्ताव है. यह गलियारा म्यामांर के मांडले और बांग्लादेश के ढाका से गुजरेगा.

बता दें कि सीपीईसी की तरह बीसीआईएम भी बेल्ट एंड रोड परियोजना के छह प्रमुख गलियारों में शामिल था. इसका मकसद चीन के पूर्वी शहर कुन्मिंग को बांग्लादेश के ढाका और म्यांमार के मांडले समेत भारत के कोलकाता से जोड़ना था. चीन की सत्ता में आसीन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 22 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में बीसीआईएम को बेल्ट एंड रोड पहल के तहत एक परियोजना बताया था.

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चीन की बीआरआई परियोजना की सूची से बीसीआईएम को हटाया

बीजिंग: चीन की अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजना में मूल रूप से सूचीबद्ध 'बांग्लादेश, चीन, भारत, म्यामांर आर्थिक गलियारा' (बीसीआईएम) यहां 'बेल्ट एंड रोड फोरम' की बैठक के समापन पर जारी नयी सूची से स्पष्ट रूप से गायब है. 

चीन का दूसरा बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) यहां शनिवार को 64 अरब डॉलर के सौदों पर हस्ताक्षर होने के साथ संपन्न हुआ. साथ ही, चीन के अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के संदर्भ में संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान प्रकट किया गया, जो भारत की एक अहम मांग थी. 

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भारत ने बीसीआईएम का विरोध तो नहीं किया लेकिन इस परियोजना के प्रति ठंडी प्रतिक्रिया दी है क्योंकि देश की पूर्वी सीमा पर स्थित पड़ोसी देशों में चीन का बढ़ता वर्चस्व भारत के लिए चिंता का सबब है. भारत को यह भी आशंका है कि इस परियोजना से देश के पूर्वोत्तर के इलाकों को खतरा पैदा होगा. 

सीपीईसी, नेपाल चीन ट्रांस हिमालय मल्टी डाइमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क (जिसमें नेपाल-चीन सीमापार रेलवे लाइन शामिल है) और चीन म्यामांर आर्थिक गलियारा का दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सूची में उल्लेख है.    बांग्लादेश चीन भारत म्यामांर आर्थिक गलियारा (बीसीआईएमईसी) को बीआरआई की परियोजनाओं की नयी सूची में उल्लेखित 35 गलियारों में शामिल नहीं किया गया है. वर्ष 2013 में जब इस बीआरआई परियोजना को शुरू किया गया था, तब उसमें उसका भी उल्लेख किया गया था.    

भारत बीआरआई के तहत आने वाले सीपीईसी का विरोध करता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है. 2800 किलोमीटर लंबे बीसीआईएमईसी में चीन के युनांन प्रांत के कुनमिंग को कोलकाता से जोड़ने का प्रस्ताव है. यह गलियारा म्यामांर के मांडले और बांग्लादेश के ढाका से गुजरेगा.



बता दें कि सीपीईसी की तरह बीसीआईएम भी बेल्ट एंड रोड परियोजना के छह प्रमुख गलियारों में शामिल था. इसका मकसद चीन के पूर्वी शहर कुन्मिंग को बांग्लादेश के ढाका और म्यांमार के मांडले समेत भारत के कोलकाता से जोड़ना था. चीन की सत्ता में आसीन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 22 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में बीसीआईएम को बेल्ट एंड रोड पहल के तहत एक परियोजना बताया था. 


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