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चालू खाते का घाटा 2018-19 में बढ़कर जीडीपी का 2.1 प्रतिशत

केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में मार्च तिमाही में घाटा कम होकर जीडीपी का 0.7 प्रतिशत यानी 4.6 अरब डालर रहने के बावजूद पूरे वित्त वर्ष का घाटा बढ़ा. वहीं मार्च 2018 तिमाही में 13 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.8 प्रतिशत था.

चालू खाते का घाटा 2018-19 में बढ़कर जीडीपी का 2.1 प्रतिशत
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Published : Jun 28, 2019, 9:30 PM IST

मुंबई: चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 57.2 अरब डॉलर रहा जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.1 प्रतिशत है. इससे पिछले साल यह 1.8 प्रतिशत था. आरबीआई ने शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए. किसी निश्चित अवधि में शुद्ध विदेशी मुद्रा की आवक और निकासी का अंतर चालू खाते का घाटा होता है. वर्ष 2017-18 में 48.7 अरब डॉलर था.

केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में मार्च तिमाही में घाटा कम होकर जीडीपी का 0.7 प्रतिशत यानी 4.6 अरब डालर रहने के बावजूद पूरे वित्त वर्ष का घाटा बढ़ा. वहीं मार्च 2018 तिमाही में 13 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.8 प्रतिशत था.

ये भी पढ़ें- बजट 2019: नोटबंदी और जीएसटी की मार के बाद आशा भरी नजरों से सरकार की ओर देख रहा है डायमंड इंडस्ट्री

मार्च तिमाही में कैड की कमी मुख्य रूप से व्यापार घाटा (वाणिज्यिक निर्यात की तुलना में आयात के आधिक्य) के कारण रहा. आरबीआई के अनुसार इस बार मार्च तिमाही में व्यापार घाटा 35.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 41.6 अरब डॉलर था.

इसके कारण कैड में कमी आई. लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में व्यापार घाटा बढ़कर 180.3 अरब डॉलर रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 160 अरब डॉलर था. इससे 2018-19 में कैड बढ़ा. शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मार्च तिमाही में 6.4 अरब डॉलर रहा जो 2017-18 की इसी तिमाही के बराबर है.

पूरे साल 2018-19 में यह मामूली रूप से बढ़कर 30.7 अरब डॉलर रहा. बाह्य वाणिज्यिक उधारी के कारण शुद्ध प्रवाह उछलकर मार्च, 2018 को समाप्त तिमाही में 7.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में एक अरब डॉलर था. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आलोच्य वर्ष में कुल मिला कर 3.3 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई.

मुंबई: चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 57.2 अरब डॉलर रहा जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.1 प्रतिशत है. इससे पिछले साल यह 1.8 प्रतिशत था. आरबीआई ने शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए. किसी निश्चित अवधि में शुद्ध विदेशी मुद्रा की आवक और निकासी का अंतर चालू खाते का घाटा होता है. वर्ष 2017-18 में 48.7 अरब डॉलर था.

केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में मार्च तिमाही में घाटा कम होकर जीडीपी का 0.7 प्रतिशत यानी 4.6 अरब डालर रहने के बावजूद पूरे वित्त वर्ष का घाटा बढ़ा. वहीं मार्च 2018 तिमाही में 13 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.8 प्रतिशत था.

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मार्च तिमाही में कैड की कमी मुख्य रूप से व्यापार घाटा (वाणिज्यिक निर्यात की तुलना में आयात के आधिक्य) के कारण रहा. आरबीआई के अनुसार इस बार मार्च तिमाही में व्यापार घाटा 35.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 41.6 अरब डॉलर था.

इसके कारण कैड में कमी आई. लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में व्यापार घाटा बढ़कर 180.3 अरब डॉलर रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 160 अरब डॉलर था. इससे 2018-19 में कैड बढ़ा. शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मार्च तिमाही में 6.4 अरब डॉलर रहा जो 2017-18 की इसी तिमाही के बराबर है.

पूरे साल 2018-19 में यह मामूली रूप से बढ़कर 30.7 अरब डॉलर रहा. बाह्य वाणिज्यिक उधारी के कारण शुद्ध प्रवाह उछलकर मार्च, 2018 को समाप्त तिमाही में 7.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में एक अरब डॉलर था. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आलोच्य वर्ष में कुल मिला कर 3.3 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई.

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चालू खाते का घाटा 2018-19 में बढ़कर जीडीपी का 2.1 प्रतिशत

मुंबई: चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर 57.2 अरब डॉलर रहा जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.1 प्रतिशत है. इससे पिछले साल यह 1.8 प्रतिशत था. आरबीआई ने शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए. किसी निश्चित अवधि में शुद्ध विदेशी मुद्रा की आवक और निकासी का अंतर चालू खाते का घाटा होता है. वर्ष 2017-18 में 48.7 अरब डॉलर था. 

केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में मार्च तिमाही में घाटा कम होकर जीडीपी का 0.7 प्रतिशत यानी 4.6 अरब डालर रहने के बावजूद पूरे वित्त वर्ष का घाटा बढ़ा. वहीं मार्च 2018 तिमाही में 13 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.8 प्रतिशत था. 

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मार्च तिमाही में कैड की कमी मुख्य रूप से व्यापार घाटा (वाणिज्यिक निर्यात की तुलना में आयात के आधिक्य) के कारण रहा. आरबीआई के अनुसार इस बार मार्च तिमाही में व्यापार घाटा 35.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 41.6 अरब डॉलर था.

इसके कारण CAD में कमी आई. लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में व्यापार घाटा बढ़कर 180.3 अरब डॉलर रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 160 अरब डॉलर था. इससे 2018-19 में CAD बढ़ा. शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मार्च तिमाही में 6.4 अरब डॉलर रहा जो 2017-18 की इसी तिमाही के बराबर है. 

पूरे साल 2018-19 में यह मामूली रूप से बढ़कर 30.7 अरब डॉलर रहा. बाह्य वाणिज्यिक उधारी के कारण शुद्ध प्रवाह उछलकर मार्च, 2018 को समाप्त तिमाही में 7.2 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में एक अरब डॉलर था. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आलोच्य वर्ष में कुल मिला कर 3.3 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई. 


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