ETV Bharat / business

वित्त मंत्रालय की बजट टीम में दो महत्वपूर्ण अधिकारियों की कमी

आम बजट एक फरवरी, 2020 को पेश किया जाना है. इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें हैं. इंतजार हो रहा है कि इसमें ऐसे संरचनात्मक सुधारों का दूसरा दौर शुरू होगा जिससे अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है.

business news, finance minister, nirmala sitharaman, general budget 2020, कारोबार न्यूज, वित्त मंत्रालय, निर्मला सीतारमण, आम बजट
वित्त मंत्रालय की बजट टीम में दो महत्वपूर्ण अधिकारियों की कमी
author img

By

Published : Dec 8, 2019, 6:16 PM IST

नई दिल्ली: ऐसे समय जब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे आम बजट की तैयारी का काम जोर पकड़ चुका है, वित्त मंत्रालय की बजट टीम में दो महत्वपूर्ण अधिकारियों की कमी बनी हुई है. इनमें एक पूर्णकालिक व्यय सचिव का पद खाली है, जबकि संयुक्त सचिव (बजट) का पद भी पिछले तीन माह से खाली पड़ा है.

आम बजट एक फरवरी, 2020 को पेश किया जाना है. इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें हैं. इंतजार हो रहा है कि इसमें ऐसे संरचनात्मक सुधारों का दूसरा दौर शुरू होगा जिससे अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है. व्यय सचिव के अलावा संयुक्त सचिव (बजट) का पद भी पिछले तीन माह से खाली है.

पूरी बजट बनाने की प्रक्रिया में संयुक्त सचिव (बजट) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. जी सी मुर्मू को नवगठित संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद से व्यय सचिव का पद खाली है. मुर्मू ने 29 अक्टूबर को व्यय सचिव का पद छोड़ा था. उसके बाद अतनु चक्रवर्ती को व्यय विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

गुजरात कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चक्रवर्ती वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव हैं. निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) में एक साल के कार्यकाल के बाद चक्रवर्ती को इस साल जुलाई में आर्थिक मामलों का सचिव नियुक्त किया गया था. वित्त मंत्रालय ने 2020-21 का वार्षिक बजट तैयार करने की प्रक्रिया 14 अक्टूबर को बजट पूर्व-संशोधित अनुमान बैठकों के साथ की है.

ये भी पढ़ें: भारत आर्थिक सुस्ती के चंगुल में, पीएमओ के अधीन सभी शक्तियां होना अर्थव्यवस्था के लिये ठीक नहीं: राजन

विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ बैठकों का सिलसिला पिछले महीने ही पूरा हुआ है. व्यय सचिव द्वारा अन्य सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ विचार विमर्श पूरा होने के बाद 2020- 21 के बजट अनुमानों को अस्थायी रूप से अंतिम रूप दिया गया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह दूसरा बजट होगा. इसे इस दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि यह ऐसे समय आ रहा है जबकि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है. भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी पिछली मौद्रिक समीक्षा में 2019-20 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है.

अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री ने कहा है कि सुधारों का सिलसिला जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने आगामी आम बजट में व्यक्तिगत आयकर में भी बदलाव का संकेत दिया है. सरकार व्यक्तिगत आयकर के बारे में प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) की समीक्षा कर रही है. उपभोग बढ़ाने के लिए सरकार व्यक्तिगत आयकर की दरों को सुसंगत करने पर विचार कर रही है.

नई दिल्ली: ऐसे समय जब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे आम बजट की तैयारी का काम जोर पकड़ चुका है, वित्त मंत्रालय की बजट टीम में दो महत्वपूर्ण अधिकारियों की कमी बनी हुई है. इनमें एक पूर्णकालिक व्यय सचिव का पद खाली है, जबकि संयुक्त सचिव (बजट) का पद भी पिछले तीन माह से खाली पड़ा है.

आम बजट एक फरवरी, 2020 को पेश किया जाना है. इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें हैं. इंतजार हो रहा है कि इसमें ऐसे संरचनात्मक सुधारों का दूसरा दौर शुरू होगा जिससे अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है. व्यय सचिव के अलावा संयुक्त सचिव (बजट) का पद भी पिछले तीन माह से खाली है.

पूरी बजट बनाने की प्रक्रिया में संयुक्त सचिव (बजट) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. जी सी मुर्मू को नवगठित संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद से व्यय सचिव का पद खाली है. मुर्मू ने 29 अक्टूबर को व्यय सचिव का पद छोड़ा था. उसके बाद अतनु चक्रवर्ती को व्यय विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

गुजरात कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चक्रवर्ती वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव हैं. निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) में एक साल के कार्यकाल के बाद चक्रवर्ती को इस साल जुलाई में आर्थिक मामलों का सचिव नियुक्त किया गया था. वित्त मंत्रालय ने 2020-21 का वार्षिक बजट तैयार करने की प्रक्रिया 14 अक्टूबर को बजट पूर्व-संशोधित अनुमान बैठकों के साथ की है.

ये भी पढ़ें: भारत आर्थिक सुस्ती के चंगुल में, पीएमओ के अधीन सभी शक्तियां होना अर्थव्यवस्था के लिये ठीक नहीं: राजन

विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ बैठकों का सिलसिला पिछले महीने ही पूरा हुआ है. व्यय सचिव द्वारा अन्य सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ विचार विमर्श पूरा होने के बाद 2020- 21 के बजट अनुमानों को अस्थायी रूप से अंतिम रूप दिया गया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह दूसरा बजट होगा. इसे इस दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि यह ऐसे समय आ रहा है जबकि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है. भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी पिछली मौद्रिक समीक्षा में 2019-20 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है.

अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री ने कहा है कि सुधारों का सिलसिला जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने आगामी आम बजट में व्यक्तिगत आयकर में भी बदलाव का संकेत दिया है. सरकार व्यक्तिगत आयकर के बारे में प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) की समीक्षा कर रही है. उपभोग बढ़ाने के लिए सरकार व्यक्तिगत आयकर की दरों को सुसंगत करने पर विचार कर रही है.

Intro:Body:

 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.