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'राज्यों को अंतरण' के तहत दिए बजट से केंद्र के वैक्सीन खरीद पर कोई रोक नहीं : वित्त मंत्रालय

अप्रैल से शुरू चालू वित्त वर्ष के लिये अनुदान मांगों की संख्या 40 में प्रशासनिक सुविधाओं की दृष्टि से 'राज्यों को अंतरण' शीर्षक के तहत 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. एक सुविधा यह है कि इस पर व्यय के तिमाही नियंत्रण वाले प्रतिबंध लागू नहीं होते हैं.

Budget heading Transfers to States does not inhibit Centre from using Rs 35k Covid fund, said FinMin
Budget heading Transfers to States does not inhibit Centre from using Rs 35k Covid fund, said FinMin
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Published : May 10, 2021, 8:03 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 2021- 22 के बजट में 'राज्यों को अंतरण' शीर्षक के तहत टीकाकरण के लिए आवंटित 35,000 करोड़ रुपये को कोविड19 के टीके पर इस्तेमाल करने में केंद्र पर कोई रोक नहीं है.

अप्रैल से शुरू चालू वित्त वर्ष के लिये अनुदान मांगों की संख्या 40 में प्रशासनिक सुविधाओं की दृष्टि से 'राज्यों को अंतरण' शीर्षक के तहत 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. एक सुविधा यह है कि इस पर व्यय के तिमाही नियंत्रण वाले प्रतिबंध लागू नहीं होते हैं.

इससे यह भी फायदा रहता है कि केन्द्र टीके खरीदकर उन्हें राज्यों को अनुदान के रूप दे सकता है.

वित्त मंत्रालय ने ऐसी रपटों को खारिज किया है कि केन्द्र सरकार ने कोविड- 19 टीकाकरण के लिये कोई प्रावधान नहीं किया है.

मंत्रालय ने कहा है कि, 'वास्तव में टीकों की खरीद और उसके लिये भुगतान केन्द्र द्वारा इसी खाते (राज्यों को अंतरण के तहत अनुदान मांग संख्या 40) से किया जा रहा है.'

मंत्रालय ने कहा कि टीका खर्च केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की केन्द्र प्रायोजित सामान्य योजनाओं से हटकर एक बारगी खर्च है इसके लिये अलग धन रखा जाना इसकी बेहतर निगरानी और प्रबंधन में सहायक है. टीकाकरण मद में उपलब्ध कराई गई राशि को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा परिचालन में लाया जाता है. टीका खरीद कर उसे राज्यों को अनुदान के तौर पर उपलब्ध कराया जाता है जबकि टीके का वास्तविक प्रबंधन राज्यों द्वारा किया जाता है.

मंत्रालय ने कहा कि योजना की प्रकृति में बदलाव लाने को प्रशासनिक स्तर पर काफी लचीलापन है. इसके तहत वस्तु अथवा दूसरे रूप में अनुदान किया जा सकता है. इसमें 'राज्यों को स्थानांतरण' मद में रखी गई मांग का मतलब यह कतई नहीं है कि केन्द्र सरकार इसे खर्च नहीं कर सकती है.

ये भी पढ़ें : अप्रैल, मई में अर्थिक गतिविधियां घटीं, लेकिन 2020 से कम गंभीर असर : फिच

वर्तमान में 45 साल से अधिक आयु के लोगों को कोविड- 19 टीका केन्द्र सरकार द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके साथ ही डाक्टरों, नर्सों, अस्पताल कर्मियों, सुरक्षा बलों, पुलिस के जवानों जैसे आगे रहकर काम करने वालों को भी केन्द्र सरकार ने निशुलक टीका लगाया है. केन्द्र सरकार अब तक विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 17.56 करोड़ डोज वैक्सीन उपलब्ध करा चुकी है.

केन्द्र सरकार ने कोविशील्ड टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया को अब तक कुल 26.60 करोड़ डोज के लिये 3,639.67 करोड़ रुपये का आर्डर दिया है वहीं कोवेक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक को आठ करोड़ डोज टीकों के लिये 1,104.78 करोड़ रुपये का आर्डर दिया गया है.

भारत इस समय दुनिया में कोविड-19 महामारी के गंभीर संकट से गुजर रहा है. पिछले दो सप्ताह से रोजाना तीन लाख से अधिक नये मामले सामने आ रहे हैं. वायरस के संक्रमण से अब तक भारत में 2.46 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. संक्रमण के बढ़ते मरीजों के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवायें चरमरा गई हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में अस्पतालों, बिस्तरों, चिकित्सा आक्सीजन, दवाओं और टीकों की कमी की शिकायतें आ रही हैं.

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 2021- 22 के बजट में 'राज्यों को अंतरण' शीर्षक के तहत टीकाकरण के लिए आवंटित 35,000 करोड़ रुपये को कोविड19 के टीके पर इस्तेमाल करने में केंद्र पर कोई रोक नहीं है.

अप्रैल से शुरू चालू वित्त वर्ष के लिये अनुदान मांगों की संख्या 40 में प्रशासनिक सुविधाओं की दृष्टि से 'राज्यों को अंतरण' शीर्षक के तहत 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. एक सुविधा यह है कि इस पर व्यय के तिमाही नियंत्रण वाले प्रतिबंध लागू नहीं होते हैं.

इससे यह भी फायदा रहता है कि केन्द्र टीके खरीदकर उन्हें राज्यों को अनुदान के रूप दे सकता है.

वित्त मंत्रालय ने ऐसी रपटों को खारिज किया है कि केन्द्र सरकार ने कोविड- 19 टीकाकरण के लिये कोई प्रावधान नहीं किया है.

मंत्रालय ने कहा है कि, 'वास्तव में टीकों की खरीद और उसके लिये भुगतान केन्द्र द्वारा इसी खाते (राज्यों को अंतरण के तहत अनुदान मांग संख्या 40) से किया जा रहा है.'

मंत्रालय ने कहा कि टीका खर्च केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की केन्द्र प्रायोजित सामान्य योजनाओं से हटकर एक बारगी खर्च है इसके लिये अलग धन रखा जाना इसकी बेहतर निगरानी और प्रबंधन में सहायक है. टीकाकरण मद में उपलब्ध कराई गई राशि को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा परिचालन में लाया जाता है. टीका खरीद कर उसे राज्यों को अनुदान के तौर पर उपलब्ध कराया जाता है जबकि टीके का वास्तविक प्रबंधन राज्यों द्वारा किया जाता है.

मंत्रालय ने कहा कि योजना की प्रकृति में बदलाव लाने को प्रशासनिक स्तर पर काफी लचीलापन है. इसके तहत वस्तु अथवा दूसरे रूप में अनुदान किया जा सकता है. इसमें 'राज्यों को स्थानांतरण' मद में रखी गई मांग का मतलब यह कतई नहीं है कि केन्द्र सरकार इसे खर्च नहीं कर सकती है.

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वर्तमान में 45 साल से अधिक आयु के लोगों को कोविड- 19 टीका केन्द्र सरकार द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके साथ ही डाक्टरों, नर्सों, अस्पताल कर्मियों, सुरक्षा बलों, पुलिस के जवानों जैसे आगे रहकर काम करने वालों को भी केन्द्र सरकार ने निशुलक टीका लगाया है. केन्द्र सरकार अब तक विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 17.56 करोड़ डोज वैक्सीन उपलब्ध करा चुकी है.

केन्द्र सरकार ने कोविशील्ड टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया को अब तक कुल 26.60 करोड़ डोज के लिये 3,639.67 करोड़ रुपये का आर्डर दिया है वहीं कोवेक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक को आठ करोड़ डोज टीकों के लिये 1,104.78 करोड़ रुपये का आर्डर दिया गया है.

भारत इस समय दुनिया में कोविड-19 महामारी के गंभीर संकट से गुजर रहा है. पिछले दो सप्ताह से रोजाना तीन लाख से अधिक नये मामले सामने आ रहे हैं. वायरस के संक्रमण से अब तक भारत में 2.46 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. संक्रमण के बढ़ते मरीजों के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवायें चरमरा गई हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में अस्पतालों, बिस्तरों, चिकित्सा आक्सीजन, दवाओं और टीकों की कमी की शिकायतें आ रही हैं.

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