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बजट 2019: विषेशज्ञ ने कहा- स्टार्टअप के लिए फंडिंग बढ़ाने की जरूरत

सिगमा वेंचर्स के प्रबंध भागीदार और सह-संस्थापक एन भूषण ने कहा कि स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये शुरूआती पूंजी और इक्विटी वित्त पोषण के लिये सुविधा बढ़ाने की मांग की.

बजट 2019: विषेशज्ञ ने कहा- स्टार्टअप के लिए फंडिंग बढ़ाने की जरूरत
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Published : Jul 3, 2019, 5:17 PM IST

नई दिल्ली: आगामी आम बजट से पहले कंपनियों ने स्टार्ट अप के लिये वित्त पोषण और विनिर्माण क्षेत्र की मदद के लिये प्रोत्साहन आधारित कर्ज सुविधा जैसे उपायों पर जोर दिया है.

धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों को लेकर उद्योग की बढ़ी उम्मीदों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सप्ताह शुक्रवार को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी.

सिगमा वेंचर्स के प्रबंध भागीदार और सह-संस्थापक एन भूषण ने कहा कि स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये शुरूआती पूंजी और इक्विटी वित्त पोषण के लिये सुविधा बढ़ाने, विनिर्माण क्षेत्र को गति देने के लिये सरलीकृत और प्रोत्साहन आधारित कर्ज सुविधाएं नीति निर्माताओं के लिये शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- बजट 2019: जानिए! आखिर एक साल में दो बजट क्यों पेश कर रही है मोदी सरकार

भूषण ने कहा, "इससे नवप्रवर्तन और उद्यमिता को गति मिलेगी." अमेजन समर्थित टोन टैग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा सह-संस्थापक कुमार अभिषेक ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया योजना से आसान लाइसेंस मंजूरी, कर में कटौती तथा न्यूनतम नियामकीय हस्तक्षेप के रूप में निश्चित रूप से स्टार्ट को कई लाभ मिले हैं, पर इसके बावजूद कई सुधारात्मक नीतियों की जरूरत है.

इंडिफी टेक्नोलॉजीज के सीईओ और सह-संस्थापक आलोक मित्तल ने कहा कि एमएसएमई के लिये आसान कर्ज सुविधा आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा रोजगार सृजन के लिहाज से जरूरी है. उन्होंने कहा कि आने वाले बजट में वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने की दिशा में ठोस कदमों को स्पष्ट किया जायेगा. इसके साथ ही फिनटेक कंपनियों को भी अधिक सशक्त बनाया जायेगा.

नई दिल्ली: आगामी आम बजट से पहले कंपनियों ने स्टार्ट अप के लिये वित्त पोषण और विनिर्माण क्षेत्र की मदद के लिये प्रोत्साहन आधारित कर्ज सुविधा जैसे उपायों पर जोर दिया है.

धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों को लेकर उद्योग की बढ़ी उम्मीदों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सप्ताह शुक्रवार को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी.

सिगमा वेंचर्स के प्रबंध भागीदार और सह-संस्थापक एन भूषण ने कहा कि स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये शुरूआती पूंजी और इक्विटी वित्त पोषण के लिये सुविधा बढ़ाने, विनिर्माण क्षेत्र को गति देने के लिये सरलीकृत और प्रोत्साहन आधारित कर्ज सुविधाएं नीति निर्माताओं के लिये शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल होनी चाहिए.

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भूषण ने कहा, "इससे नवप्रवर्तन और उद्यमिता को गति मिलेगी." अमेजन समर्थित टोन टैग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा सह-संस्थापक कुमार अभिषेक ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया योजना से आसान लाइसेंस मंजूरी, कर में कटौती तथा न्यूनतम नियामकीय हस्तक्षेप के रूप में निश्चित रूप से स्टार्ट को कई लाभ मिले हैं, पर इसके बावजूद कई सुधारात्मक नीतियों की जरूरत है.

इंडिफी टेक्नोलॉजीज के सीईओ और सह-संस्थापक आलोक मित्तल ने कहा कि एमएसएमई के लिये आसान कर्ज सुविधा आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा रोजगार सृजन के लिहाज से जरूरी है. उन्होंने कहा कि आने वाले बजट में वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने की दिशा में ठोस कदमों को स्पष्ट किया जायेगा. इसके साथ ही फिनटेक कंपनियों को भी अधिक सशक्त बनाया जायेगा.

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बजट 2019: विषेशज्ञ ने कहा- स्टार्टअप के लिए फंडिंग बढ़ाने की जरूरत 

नई दिल्ली: आगामी आम बजट से पहले कंपनियों ने स्टार्ट अप के लिये वित्त पोषण और विनिर्माण क्षेत्र की मदद के लिये प्रोत्साहन आधारित कर्ज सुविधा जैसे उपायों पर जोर दिया है.    

धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों को लेकर उद्योग की बढ़ी उम्मीदों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सप्ताह शुक्रवार को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी. 

सिगमा वेंचर्स के प्रबंध भागीदार और सह-संस्थापक एन भूषण ने कहा कि स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये शुरूआती पूंजी और इक्विटी वित्त पोषण के लिये सुविधा बढ़ाने, विनिर्माण क्षेत्र को गति देने के लिये सरलीकृत और प्रोत्साहन आधारित कर्ज सुविधाएं नीति निर्माताओं के लिये शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल होनी चाहिए.    

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भूषण ने कहा, "इससे नवप्रवर्तन और उद्यमिता को गति मिलेगी."    अमेजन समर्थित टोन टैग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा सह-संस्थापक कुमार अभिषेक ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया योजना से आसान लाइसेंस मंजूरी, कर में कटौती तथा न्यूनतम नियामकीय हस्तक्षेप के रूप में निश्चित रूप से स्टार्ट को कई लाभ मिले हैं, पर इसके बावजूद कई सुधारात्मक नीतियों की जरूरत है.    

इंडिफी टेक्नोलॉजीज के सीईओ और सह-संस्थापक आलोक मित्तल ने कहा कि एमएसएमई के लिये आसान कर्ज सुविधा आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा रोजगार सृजन के लिहाज से जरूरी है. उन्होंने कहा कि आने वाले बजट में वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने की दिशा में ठोस कदमों को स्पष्ट किया जायेगा. इसके साथ ही फिनटेक कंपनियों को भी अधिक सशक्त बनाया जायेगा.


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