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इस साल 5 प्रतिशत अधिक भरे गये आयकर रिटर्न - आयकर विभाग

आयकर विभाग के अनुसार 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये 10 जनवरी 2021 तक 5.95 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये. व्यक्तिगत तौर पर आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 10 जनवरी तक थी जबकि कंपनियों के लिये यह 15 फरवरी है.

इस साल 5 प्रतिशत अधिक भरे गये आयकर रिटर्न
इस साल 5 प्रतिशत अधिक भरे गये आयकर रिटर्न
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Published : Jan 12, 2021, 6:20 PM IST

नई दिल्ली : इस साल आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या करीब 5 प्रतिशत बढ़कर लगभग 6 करोड़ तक पहुंच गयी. ज्यादा संख्या में कंपनियों और इकाइयों द्वारा भरे गये रिटर्न के कारण आयकर रिटर्न की संख्या बढ़ी है.

आयकर विभाग के अनुसार 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये 10 जनवरी 2021 तक 5.95 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये. व्यक्तिगत तौर पर आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 10 जनवरी तक थी जबकि कंपनियों के लिये यह 15 फरवरी है.

कर विभाग ने ट्विटर पर लिखा है कि आकलन वर्ष 2020-21 के लिये 10 जनवरी, 2021 तक 5.95 करोड़ आईटीआर भरे गये. वहीं पिछले आकलन वर्ष के लिये 10 सितंबर, 2019 तक 5.67 करोड़ आईटीआर भरे गये थे.

वित्त वर्ष 2019-20 के लिये कुल रिटर्न पिछले वर्ष के मुकाबले 33.5 लाख अधिक दाखिल किये गये. पिछले साल आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2019 तक 5.61 करोड़ आईटीआर भरे गये थे.

आयकर विभाग ने करदाताओं और कर पेशेवरों का आभार जताया है और कहा कि आकलन वर्ष 2020-21 के लिये आईटीआर के जो आंकड़े दिये गये हैं, वह 10 जनवरी, 2021 तक के हैं.

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2019-20 के लिये व्यक्तिगत तौर पर भरे गये कर रिटर्न की रफ्तार धीमी रही है जबकि कंपनियों तथा ट्रस्ट द्वारा भरे गये रिटर्न की संख्या बढ़ी है.

आयकर विभाग के अनुसार इस साल 10 जनवरी तक व्यक्तिगत रिटर्न के तौर पर 2.99 करोड़ से अधिक आईटीआर-1 भरे गये जो 10 सितंबर, 2019 तक भरे गये 3.11 करोड़ के मुकाबले कम है.

वहीं 10 जनवरी तक 1.49 करोड़ आईटीआर-4 भरे गये हैं जो 10 सितंबर, 2019 तक 1.29 करोड़ थे. आईटीआर-1 सहज फॉर्म है जिसे कोई भी सामान्य निवासी जिसकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है, अपनी व्यक्तिगत आय के बारे में जानकारी देते हुये भर सकता है.

ये भी पढ़ें : नीति में बदलाव से संदेशों की गोपनीयता पर असर नहीं होगा : वॉट्सएप

वहीं आईटीआर- 4 सुगम फॉर्म को ऐसे निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म (एलएलपी को छोड़कर) द्वारा भरा जा सकता है जिनकी व्यवसाय और किसी पेशे से अनुमानित आय 50 लाख रुपये तक है.

आंकड़े के अनुसार 46.12 लाख आईटीआर-2, 10 जनवरी तक भरे गये. जबकि 10.50 लाख आईटीआर-5 और 4.72 लाख आईटीआर-6 भरे गये. पिछले साल 10 सितंबर, 2019 तक 49,398 आईटीआर-6 और 5.89 लाख आईटीआर-5 भरे गये थे.

वहीं 10 जनवरी, 2021 तक 1.46 लाख आईटीआर- 7 भरे गये जबकि पिछले साल यह संख्या 65,298 रही थी.

आईटीआर- 6 व्यवसायियों के लिये, आईटीआर- 2 आवासीय संपत्ति, पूंजी लाभ और विदेशी संपत्ति से आय प्राप्त करने वाले लोगों द्वारा भरा जाता है.

आईटीआर- 5 फॉर्म एलएलपी और एसोसिएशन ऑफ पर्सन के लिये, वहीं आईटीआर- 7 उन लोगों के लिये है जिन्हें ट्रस्ट अथवा अन्य कानूनी दायित्वों के तहत रखी गई संपत्ति से आय प्राप्त होती है.

नई दिल्ली : इस साल आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या करीब 5 प्रतिशत बढ़कर लगभग 6 करोड़ तक पहुंच गयी. ज्यादा संख्या में कंपनियों और इकाइयों द्वारा भरे गये रिटर्न के कारण आयकर रिटर्न की संख्या बढ़ी है.

आयकर विभाग के अनुसार 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये 10 जनवरी 2021 तक 5.95 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये. व्यक्तिगत तौर पर आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 10 जनवरी तक थी जबकि कंपनियों के लिये यह 15 फरवरी है.

कर विभाग ने ट्विटर पर लिखा है कि आकलन वर्ष 2020-21 के लिये 10 जनवरी, 2021 तक 5.95 करोड़ आईटीआर भरे गये. वहीं पिछले आकलन वर्ष के लिये 10 सितंबर, 2019 तक 5.67 करोड़ आईटीआर भरे गये थे.

वित्त वर्ष 2019-20 के लिये कुल रिटर्न पिछले वर्ष के मुकाबले 33.5 लाख अधिक दाखिल किये गये. पिछले साल आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2019 तक 5.61 करोड़ आईटीआर भरे गये थे.

आयकर विभाग ने करदाताओं और कर पेशेवरों का आभार जताया है और कहा कि आकलन वर्ष 2020-21 के लिये आईटीआर के जो आंकड़े दिये गये हैं, वह 10 जनवरी, 2021 तक के हैं.

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2019-20 के लिये व्यक्तिगत तौर पर भरे गये कर रिटर्न की रफ्तार धीमी रही है जबकि कंपनियों तथा ट्रस्ट द्वारा भरे गये रिटर्न की संख्या बढ़ी है.

आयकर विभाग के अनुसार इस साल 10 जनवरी तक व्यक्तिगत रिटर्न के तौर पर 2.99 करोड़ से अधिक आईटीआर-1 भरे गये जो 10 सितंबर, 2019 तक भरे गये 3.11 करोड़ के मुकाबले कम है.

वहीं 10 जनवरी तक 1.49 करोड़ आईटीआर-4 भरे गये हैं जो 10 सितंबर, 2019 तक 1.29 करोड़ थे. आईटीआर-1 सहज फॉर्म है जिसे कोई भी सामान्य निवासी जिसकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है, अपनी व्यक्तिगत आय के बारे में जानकारी देते हुये भर सकता है.

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वहीं आईटीआर- 4 सुगम फॉर्म को ऐसे निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म (एलएलपी को छोड़कर) द्वारा भरा जा सकता है जिनकी व्यवसाय और किसी पेशे से अनुमानित आय 50 लाख रुपये तक है.

आंकड़े के अनुसार 46.12 लाख आईटीआर-2, 10 जनवरी तक भरे गये. जबकि 10.50 लाख आईटीआर-5 और 4.72 लाख आईटीआर-6 भरे गये. पिछले साल 10 सितंबर, 2019 तक 49,398 आईटीआर-6 और 5.89 लाख आईटीआर-5 भरे गये थे.

वहीं 10 जनवरी, 2021 तक 1.46 लाख आईटीआर- 7 भरे गये जबकि पिछले साल यह संख्या 65,298 रही थी.

आईटीआर- 6 व्यवसायियों के लिये, आईटीआर- 2 आवासीय संपत्ति, पूंजी लाभ और विदेशी संपत्ति से आय प्राप्त करने वाले लोगों द्वारा भरा जाता है.

आईटीआर- 5 फॉर्म एलएलपी और एसोसिएशन ऑफ पर्सन के लिये, वहीं आईटीआर- 7 उन लोगों के लिये है जिन्हें ट्रस्ट अथवा अन्य कानूनी दायित्वों के तहत रखी गई संपत्ति से आय प्राप्त होती है.

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