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200 रुपये के नोटों की नकल होती है सर्वाधिक, आरबीआई आंकड़ों में 151 फीसदी की उछाल

रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 200 रुपये के 31,969 नकली नोटों की प्राप्ति हुई. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 200 रुपये मूल्य के 12,728 नकली नोट पाए गए थे.

200 रुपये के नोटों की नकल होती है सर्वाधिक, आरबीआई आंकड़ों में 151 फीसदी की उछाल
200 रुपये के नोटों की नकल होती है सर्वाधिक, आरबीआई आंकड़ों में 151 फीसदी की उछाल
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Published : Aug 26, 2020, 9:30 PM IST

Updated : Aug 26, 2020, 10:35 PM IST

बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तमाम कोशिशों के बावजूद देश में नकली नोटों की समस्या अभी भी बनी हुई है. 2019-20 के दौरान 200 के नकली नोटों की प्राप्ति में 151.2 फीसदी की बढ़त देखी गई. रिजर्व बैंक की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 200 रुपये के 31,969 नकली नोटों की प्राप्ति हुई. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 200 रुपये मूल्य के 12,728 नकली नोट पाए गए थे.

वहीं 500 रुपये मूल्य के नकली नोटों की प्राप्ति में 37.5 फीसदी की वृद्धि देखी गई. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 500 रुपये के 30,054 नकली नोटों की प्राप्ति हुई. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 500 रुपये मूल्य के 21,865 नकली नोट पाए गए थे.

इसी प्रकार 10 रुपये के नकली नोटों में 144.6 फीसदी और 50 रुपये के नकली नोटों की प्राप्ति में 28.7 फीसदी की बढ़त देखी गई.

ये भी पढ़ें: ये कंपनी करेगी 25000 कर्मचारियों की छंटनी, नौकरी गंवाने वालों में भारतीय भी

रिपोर्ट ने बताया कि 2,000 मूल्य के नकली नोटों की प्राप्ति में 22.1 फीसदी की गिरावट देखी गई. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 2000 रुपये के 17,020 नकली नोटों की प्राप्ति हुई. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 2000 रुपये मूल्य के 21,847 नकली नोट पाए गए थे.

इसके अलावा 20 और 100 रुपये मूल्य वर्ग के नकली नोटों की प्राप्ति में क्रमश: 37.7 और 23.7 की कमी देखी गई.

रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान विभिन्न मूल्यवर्ग के कुल 2,96,695 नकली नोटों की प्राप्ति हुई. हालांकि यह वित्त वर्ष 2018-19 में प्राप्त 3,17,384 से कम है.

ज्यादातर नोट बैंकों ने किए प्राप्त

कुल प्राप्त नकली नोटों में से 95.4 फीसदी अन्य बैंकों द्वारा और 4.6 फीसदी नकली नोट आरबीआई द्वारा जब्त किए गए.

500 रुपये के नोट हैं सर्वाधिक प्रचलन में

रिपोर्ट के अनुसार 500 रुपये मूल्य के नोट सर्वाधिक 60.8 फीसदी प्रचलन में है, जिसकी कीमत तकरीबन 14,72,373 करोड़ रुपये है. इसके बाद 2000 रुपये के नोट तकरीबन 5,47,952 करोड़ रुपये के साथ प्रचलन का 22.6 फीसदी हिस्सा रखती है.

बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तमाम कोशिशों के बावजूद देश में नकली नोटों की समस्या अभी भी बनी हुई है. 2019-20 के दौरान 200 के नकली नोटों की प्राप्ति में 151.2 फीसदी की बढ़त देखी गई. रिजर्व बैंक की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 200 रुपये के 31,969 नकली नोटों की प्राप्ति हुई. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 200 रुपये मूल्य के 12,728 नकली नोट पाए गए थे.

वहीं 500 रुपये मूल्य के नकली नोटों की प्राप्ति में 37.5 फीसदी की वृद्धि देखी गई. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 500 रुपये के 30,054 नकली नोटों की प्राप्ति हुई. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 500 रुपये मूल्य के 21,865 नकली नोट पाए गए थे.

इसी प्रकार 10 रुपये के नकली नोटों में 144.6 फीसदी और 50 रुपये के नकली नोटों की प्राप्ति में 28.7 फीसदी की बढ़त देखी गई.

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रिपोर्ट ने बताया कि 2,000 मूल्य के नकली नोटों की प्राप्ति में 22.1 फीसदी की गिरावट देखी गई. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 2000 रुपये के 17,020 नकली नोटों की प्राप्ति हुई. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 2000 रुपये मूल्य के 21,847 नकली नोट पाए गए थे.

इसके अलावा 20 और 100 रुपये मूल्य वर्ग के नकली नोटों की प्राप्ति में क्रमश: 37.7 और 23.7 की कमी देखी गई.

रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान विभिन्न मूल्यवर्ग के कुल 2,96,695 नकली नोटों की प्राप्ति हुई. हालांकि यह वित्त वर्ष 2018-19 में प्राप्त 3,17,384 से कम है.

ज्यादातर नोट बैंकों ने किए प्राप्त

कुल प्राप्त नकली नोटों में से 95.4 फीसदी अन्य बैंकों द्वारा और 4.6 फीसदी नकली नोट आरबीआई द्वारा जब्त किए गए.

500 रुपये के नोट हैं सर्वाधिक प्रचलन में

रिपोर्ट के अनुसार 500 रुपये मूल्य के नोट सर्वाधिक 60.8 फीसदी प्रचलन में है, जिसकी कीमत तकरीबन 14,72,373 करोड़ रुपये है. इसके बाद 2000 रुपये के नोट तकरीबन 5,47,952 करोड़ रुपये के साथ प्रचलन का 22.6 फीसदी हिस्सा रखती है.

Last Updated : Aug 26, 2020, 10:35 PM IST
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