नई दिल्ली: 15वें वित्त आयोग के तहत गठित एक समिति बृहस्पतिवार को केन्द्र और राज्य सरकारों की राकोषीय सुदृढ़ करने की कार्ययोजना को लेकर चर्चा करेगी. एन.के. सिंह की अध्यक्षता वाले इस आयोग को 2021- 22 से लेकर 2025- 26 की अवधि के लिये राजकोषीय स्थित सुदृढ़ बनाने की कार्ययोजना तैयार करने का काम दिया गया है.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, "कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदा हुई अप्रत्याशित स्थिति और इसके परिणाम स्वरूप केन्द्र और राज्य सरकारों की राजकोषीय विवशताओं के चलते यह काम काफी कठिन हो गया है."
केन्द्र सरकार ने पहले ही राज्यों की उधार लेने की सीमा को उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया है. यह सुविधा उन्हें पहले से ही उपलब्ध है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आयोग न्यायसंगत, सक्षमता और पारदर्शिता के सिद्धांत पर चलते हुये ऊंची समावेशी वृद्धि के साथ रिण और घाटे को उचित स्तर पर रखने की जवाबदेही का पालन करने की स्थिति को ध्यान में रखते हुये केन्द्र और राज्यों की वित्तीय मजबूती के लिये कार्ययोजना के बारे में अपनी सिफारिशें सौंपेगा. इस स्थिति को देखते हुये 15वें वित्त आयोग ने 18 मार्च को सामान्य सरकार के वित्तीय मजबूती कार्ययोजना की समीक्षा के लिये एक समिति का गठन किया था.
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विज्ञप्ति के अनुसार, "उभरते नये वित्तीय परिवेश में स्थिति की समीक्षा करने और आगे का रास्ता तय करने के लिये वित्तीय मजबूती कार्ययोजना पर गठित समिति की कल एक आनलाइन बैठक बुलाई गई है."
बैठक में आयोग के चेयरमैन एन के सिंह, 15वें वित्त आयोग के सदस्यों अजय झा और अनूप सिंह, मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूति सुबमणियम, महालेखा नियंत्रक सोमा राय बर्मन और वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा के भाग लेने की उम्मीद है. इसके सासथ ही तमिलनाडु सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. कृष्णन, पंजाब सरकार के प्रधान सचिव अनिरुद्ध तिवारी और जान माने विश्लेषक साजिद जेड चिनॉय और प्राची मिश्रा के भी बैठक में भाग लेंगे.
(पीटीआई-भाषा)