नई दिल्ली : संकटग्रस्त जेट एयरवेज के अपना परिचालन बुधवार मध्यरात्रि से स्थगित करने की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही सरकार ने कहा कि वह एयरलाइन की समाधान प्रक्रिया का मौजूदा नियामकीय ढांचे के दायरे में समर्थन करेगी. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और दूसरे नियामक सावधानीपूर्वक स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.
नियामक देख रहे हैं कि यात्रियों को उनका रिफंड, निरस्तीकरण और वैकल्पिक बुकिंग संबंधी सभी काम पूरी सख्ती के साथ मौजूदा नियमों के अनुरूप हों. जेट एयरवेज ने बुधवार को घोषणा की है कि मध्यरात्रि को वह अपनी आखरी उड़ान का परिचालन करेगा. उसके बाद अस्थाई तौर पर उसका परिचालन बंद रहेगा.
ऋणदाता बैंकों की ओर से एयरलाइन को परिचालन जारी रखने के लिये आपात ऋण सहायता उपलब्ध नहीं कराये जाने का फैसला करने के बाद जेट एयरवेज ने यह घोषणा की है. जेट एयरवेज के मंगलवार को केवल पांच विमानों ने उड़ान भरी. कई ट्वीट के जरिये नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि एयरलाइन ने अपने परिचालन को अस्थाई तौर पर बंद करने के बारे में उसे सूचित किया है.
मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा है, "बैंकों के समूह द्वारा चलाई जा रही समाधान प्रक्रिया अभी भी जारी है और इसके 10 मई तक समाप्त होने की उम्मीद है. इस दौरान मंत्रालय मौजूदा संवैधानिक और नियामकीय दायरे में उसकी समाधान प्रक्रिया का समर्थन करेगा."
नागरिक उड्डयन ने कहा इस दौरान उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता उड्डयन व्यवस्था की सुरक्षा, सुविधा और सक्षमता को लेकर रहेगी. उसने कहा कि कोई भी यात्री शिकायत को तुरंत एयरसेवा पोर्टल अथवा मोबाइल एप पर डाला जाना चाहिये. मंत्रालय इस पर तुरंत गौर करेगा.
नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला बृहस्पतिवार को हवाईअड्डों और एयरलाइन कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ अलग अलग बैठक करेंगे. बैठक में वह कोई भी सामने आने वाली समस्याओं के मामले में समन्वय स्थापित किये जाने संबंधी बातचीत करेगे.
जेट एयरवेज ने बुधवार को कहा कि उसकी आखिरी उड़ान आज मध्यरात्रि को अमृतसर से नयी दिल्ली के लिये उड़ान भरेगी. इसके साथ ही करीब ढाई दशक से चल रही निजी क्षेत्र की इस एयरलाइन का परिचालन फिलहाल स्थगित हो जायेगा.
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