नई दिल्ली: कतर एयरवेज ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह किसी भारतीय विमानन कंपनी के भागीदारी प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करेगी. कतर एयरवेज अस्थायी तौर पर भारतीय शहरों से दोहा की उड़ानों पर सीट क्षमता बढ़ाना चाहती है.
कतर में नाकेबंदी तथा दोहा से नयी दिल्ली और मुंबई के बीच 28 साप्ताहिक उड़ानों को वापस लिए जाने से कतर-भारत मार्ग पर सीट क्षमता को लेकर दबाव बढ़ रहा है.
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जेट एयरवेज ने नकदी संकट की वजह से 17 अप्रैल से अपना परिचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.
एयरलाइन ने बयान में कहा, "कतर एयरवेज हमेशा से अन्य एयरलाइंस, भारतीय विमानन कंपनियों सहित, के साथ भागीदारी के लिए तैयार रही है. हम भारतीय विमानन कंपनी से भागीदारी के किसी प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करेंगे."
खाड़ी की विमानन कंपनी ने भारतीय प्राधिकरणों से अस्थायी परिचालन परमिट के आधार पर अतिरिक्त क्षमता के लिए औपचारिक आग्रह किया है जिससे कतर-भारत मार्ग पर मांग को पूरा किया जा सके.
एयरलाइन के मुताबिक कतर पर जून 2017 में यूएई, सउदी, बहरीन और मिस्र द्वारा लगाई गई अवैध नाकेबंदी की वजह से न केवल कतर के लोगों को बल्कि कतर में रहने वाले भारतीयों के आवागमन पर भी असर पड़ा है.