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भारतीय सेना से मिले ऑर्डर के बदौलत नाइकी, एडिडास और रीबोक को पीछे छोड़ देगा ये देशी ब्रांड

बेंगलुरू की कंपनी वाइल्डक्राफ्ट का कारोबार सालाना 35 से 40 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी ने 500 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. अब कंपनी ने 2020-21 में इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है. भारतीय सेना से मिले ऑर्डर के बलबूते वाइल्डक्राफ्ट को नाइकी, एडीडास, रीबोक और प्यूमा जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड को पीछे छोड़ने की उम्मीद है.

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Published : Jun 7, 2020, 7:32 PM IST

भारतीय सेना से मिले ऑर्डर के बदौलत नाइकी, एडिडास और रीबोक को पीछे छोड़ देगा ये देशी ब्रांड
भारतीय सेना से मिले ऑर्डर के बदौलत नाइकी, एडिडास और रीबोक को पीछे छोड़ देगा ये देशी ब्रांड

नई दिल्ली: साहसिक यात्रा से जुड़े जरूरी सामान बैग इत्यादि बनाने वाली घरेलू कंपनी वाइल्डक्राफ्ट की योजना इस साल देश की सबसे बड़ी लाइफस्टाइल कंपनी बनने का है.

भारतीय सेना से मिले ऑर्डर के बलबूते कंपनी को नाइकी, एडीडास, रीबोक और प्यूमा जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड को पीछे छोड़ने की उम्मीद है.

कंपनी के संस्थापक गौरव डबलिश और सिद्धार्थ सूद ने कहा कि भारतीय सेना को बैग और अन्य सामान की आपूर्ति के साथ अपने मौजूदा कारोबार से उसे इस साल 1,000 करोड़ रुपये की आय की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें- प्रीपेड ग्राहकों को एक साल की डिज्नी प्लस और हॉटस्टार वीआईपी सेवा मुफ्त देगी जियो

कंपनी कोविड-19 के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देना चाहती है. डबलिश ने कहा, "हमें सेना के ऑर्डर पूरे करने हैं, जो हमारे सबसे बड़े ऑर्डरों में से एक है. पिछले साल अंतत: हमें भारतीय जवानों के लिए बैग की आपूर्ति करने का ऑर्डर मिल गया. हमने इस ठेके को हासिल किया और अब हम इसका उत्पादन करने जा रहे हैं."

उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमने हाल ही में निजी सुरक्षा से जुड़े उत्पाद मसलन मास्क, निजी सुरक्षा किट इत्यादि के बाजार में प्रवेश किया है. कंपनी ने 'सुपरमास्क' ब्रांड नाम से मास्क बाजार में उतारे हैं.

डबलिश ने कहा, "आज वाइल्डक्राफ्ट का मौखिक प्रचार एक बड़े स्तर तक बढ़ चुका है. हमारी नजर देश की सबसे बड़ी लाइफस्टाइल कंपनी बनने पर है. उम्मीद है कि 2020-21 में हम नाइकी, एडिडास और रीबोक से आगे निकल जाएं और संभव है कि प्यूमा को भी पीछे छोड़ दें."

बेंगलुरू की कंपनी वाइल्डक्राफ्ट का कारोबार सालाना 35 से 40 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2016-17 में कंपनी ने 400 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. 2017-18 में यह 500 करोड़ रुपये रहा. अब कंपनी ने 2020-21 में इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है.

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते कंपनी की योजनाओं के बदलाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में सूद ने कहा, "हम सही रास्ते पर हैं, इस साल हम 1,000 करोड़ रुपये का कारोबार पार कर लेंगे."

डबलिश ने कहा कि अभी उन्होंने वह कारोबार करना शुरू भी नहीं किया है जो वह आमतौर पर करते हैं. उसके बावजूद उनके कारखाने ऑर्डरों से लद गए हैं. कंपनी की योजना अपने विनिर्माण और वितरण नेटवर्क में करीब एक लाख लोगों को रोजगार देने की है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: साहसिक यात्रा से जुड़े जरूरी सामान बैग इत्यादि बनाने वाली घरेलू कंपनी वाइल्डक्राफ्ट की योजना इस साल देश की सबसे बड़ी लाइफस्टाइल कंपनी बनने का है.

भारतीय सेना से मिले ऑर्डर के बलबूते कंपनी को नाइकी, एडीडास, रीबोक और प्यूमा जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड को पीछे छोड़ने की उम्मीद है.

कंपनी के संस्थापक गौरव डबलिश और सिद्धार्थ सूद ने कहा कि भारतीय सेना को बैग और अन्य सामान की आपूर्ति के साथ अपने मौजूदा कारोबार से उसे इस साल 1,000 करोड़ रुपये की आय की उम्मीद है.

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कंपनी कोविड-19 के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देना चाहती है. डबलिश ने कहा, "हमें सेना के ऑर्डर पूरे करने हैं, जो हमारे सबसे बड़े ऑर्डरों में से एक है. पिछले साल अंतत: हमें भारतीय जवानों के लिए बैग की आपूर्ति करने का ऑर्डर मिल गया. हमने इस ठेके को हासिल किया और अब हम इसका उत्पादन करने जा रहे हैं."

उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमने हाल ही में निजी सुरक्षा से जुड़े उत्पाद मसलन मास्क, निजी सुरक्षा किट इत्यादि के बाजार में प्रवेश किया है. कंपनी ने 'सुपरमास्क' ब्रांड नाम से मास्क बाजार में उतारे हैं.

डबलिश ने कहा, "आज वाइल्डक्राफ्ट का मौखिक प्रचार एक बड़े स्तर तक बढ़ चुका है. हमारी नजर देश की सबसे बड़ी लाइफस्टाइल कंपनी बनने पर है. उम्मीद है कि 2020-21 में हम नाइकी, एडिडास और रीबोक से आगे निकल जाएं और संभव है कि प्यूमा को भी पीछे छोड़ दें."

बेंगलुरू की कंपनी वाइल्डक्राफ्ट का कारोबार सालाना 35 से 40 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2016-17 में कंपनी ने 400 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. 2017-18 में यह 500 करोड़ रुपये रहा. अब कंपनी ने 2020-21 में इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है.

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते कंपनी की योजनाओं के बदलाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में सूद ने कहा, "हम सही रास्ते पर हैं, इस साल हम 1,000 करोड़ रुपये का कारोबार पार कर लेंगे."

डबलिश ने कहा कि अभी उन्होंने वह कारोबार करना शुरू भी नहीं किया है जो वह आमतौर पर करते हैं. उसके बावजूद उनके कारखाने ऑर्डरों से लद गए हैं. कंपनी की योजना अपने विनिर्माण और वितरण नेटवर्क में करीब एक लाख लोगों को रोजगार देने की है.

(पीटीआई-भाषा)

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