वॉशिंगटन: चीन की दूरसंचार प्रौद्योगिकी कंपनी हुआवे के खिलाफ अमेरिका की ताजा कार्रवाई के लपेटे में भारत की उसकी अनुषंगी इकाई भी आ गयी है. अमेरिका ने हुआवे पर पाबंदी बढ़ा दी है ताकि वह अमेरिका के साथ कारोबर न कर सके.
ट्रम्प सरकार का मानना है कि चीन का नेतृत्व 5जी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के लिए चर्चित इस कंपनी का इस्तेमाल अपने सामरिक उद्येश्यों के लिए कर रहा है.
अमेरिकी संघीय पंजिका में मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में हुआवे और अमेरिका से बाहर की उसकी अनुषंगी कंपनियों को प्रतिबंधित सूची में रखा गया है.
अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि इन इकाइयों की गतिविधियों से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और उसकी विदेश नीति के लिए बड़ा खतरा है. इन कंपनियों की सूची में हुआवे टेक्नॉलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी है.
अमेरिकी विदेश विभाग ने पिछल सप्ताह एक बयान में कहा था, "हुआवे अविश्वसनीय विनिर्माण कंपनी है. यह चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी का हथियार है और उसके संकेत पर चलती है." ट्रंप प्रशासन का कहना है कि हुआवे के साथ सुरक्षा जोखिम जुड़े हुए हैं, जिससे कंपनी ने इनकार किया है.
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हुआवे अगली पीढ़ी के दूरसंचार नेटवर्क के लिए अपनी तकनीक यूरोपीय और अन्य सहयोगियों को बेचने की कोशिश कर रही है. दूसरी ओर चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए बड़ी प्रतिस्पर्धा को रोकने के लिए सुरक्षा का खोखला मुद्दा खड़ा किया है.
वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने शुक्रवार को कहा कि वाशिंगटन चाहता है कि हुआवे विदेश में भी उन प्रतिबंधों से बच न सके, जो उस पर अमेरिकी तकनीक के इस्तेमाल से सेमीकंडक्टर को डिजाइन करने और उनका उत्पादन करने से रोकने के लिए लगाए गए हैं.
विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा था कि हुआवे एक अविश्वसनीय विक्रेता और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का एक उपकरण है.
(पीटीआई-भाषा)