नई दिल्ली: टाटा समूह ने बुधवार को अपने खाद्य कारोबार को टाटा केमिकल्स लिमिटेड (टीसीएल) से अलग करके टाटा ग्लोबल बेवरेजेज लिमिटेड (टीजीबीएल) को स्थानांतरित करने की घोषणा की. यह पूरा सौदा शेयरों के आधार पर होगा और इससे एक बड़ी 9,000 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी होगी.
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज लिमिटेड इस सौदे में टाटा केमिकल्स से नमक, मसाले और दाल कारोबार को खरीदेगा और बदले में उसे शेयर देगा. इस सौदे के बाद टाटा ग्लोबल बेवरेजेज का नाम बदलकर टाटा कंज्यूमर प्रोडेक्ट्स लिमिटेड हो जाएगा.
कंपनी ने बयान में कहा कि टाटा ग्लोबल बेवरेजेज और टाटा केमिकल्स के निदेशक मंडलों ने बुधवार को अलग-अलग बैठकों में टीसीएल के उपभोक्ता कारोबार को अलग करके टीजीबीएल में विलय करने की मंजूरी दी.
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इस विलय में टाटा केमिकल्स लिमिटेड के हर शेयरधारक को एक शेयर के बदले टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के 1.14 नए इक्विटी शेयर मिलेंगे. उदाहरण के लिए, जिस शेयरधारकों के पास टाटा केमिकल्स के 100 शेयर होंगे उसे टीजीबीएल में 114 शेयर मिलेंगे.
इस प्रस्तावित लेनदेन से टाटा समूह की उपभोक्ता कारोबार केंद्रित नई कंपनी तैयार होगी. जिसका कुल कारोबार 9,099 करोड़ रुपये होगा.
कंपनी ने बयान में कहा, "दो उपभोक्ता केंद्रित कारोबार के मिलने से दोनों कंपनियों के शेयरधारकों को फायदा मिलेगा. इससे वे तेजी से बढ़ते एफएमसीजी (रोजमर्रा के उपभोग वाली वस्तुएं) क्षेत्र में दायरा बढ़ाने के साथ खाद्य एवं पेय पदार्थ बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकेंगे."
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज 'टेटली' और 'टाटा टी ब्रांड' के तहत चाय की बिक्री जबकि ' ऐट ओ क्लॉक ' ब्रांड के तहत कॉफी की बिक्री करती है. इसके अलावा बोतलबंद पानी भी बेचती है. टीसीएल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सोडा पाउडर उत्पादक कंपनी है. इस सौदे के बाद टीसीएल अपने प्रमुख केमिकल कारोबार पर ध्यान देगी.
इस सौदे को वैधानिक और नियामकीय मंजूरियों की जरूरत होगी. इसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), शेयर बाजारों, सेबी और शेयरधारकों की मंजूरी शामिल है.
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, "टाटा कंज्यूमर प्रोडेक्ट्स उपभोक्ता क्षेत्र में खाद्य एवं पेय पदार्थों में हमारी मौजूदा स्थिति को मजबूत करता है. इस संयोजन के माध्यम से हमने भारतीय ग्राहकों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार किया है."
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय मिश्रा ने कहा कि यह लेनदेन कंपनी की भारत में उपस्थिति बढ़ाने और बड़ी एफएमसीजी कंपनी बनने की रणनीति के अनुरूप है.
टाटा केमिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ आर मुकुंदन ने कहा, "यह मेल हमारे उपभोक्ता उत्पाद कारोबार के लिए नए द्वार खोलकर शेयरधारकों को काफी फायदा पहुंचाएगा. यह लेनदेन विज्ञान - आधारित समाधान प्रदाता क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बनाने की हमारी रणनीति के अनुरूप है. टाटा केमिकल्स कृषि - विज्ञान, पोषण विज्ञान, सामग्री विज्ञान और ऊर्जा भंडारण विज्ञान के क्षेत्र में व्यवसाय को आक्रामक तरह से बढ़ाएगा.
टाटा केमिकल्स के खाद्य कारोबार का होगा टाटा ग्लोबल बेवरेजेज में विलय
कंपनी ने बयान में कहा कि टाटा ग्लोबल बेवरेजेज और टाटा केमिकल्स के निदेशक मंडलों ने बुधवार को अलग-अलग बैठकों में टीसीएल के उपभोक्ता कारोबार को अलग करके टीजीबीएल में विलय करने की मंजूरी दी.
नई दिल्ली: टाटा समूह ने बुधवार को अपने खाद्य कारोबार को टाटा केमिकल्स लिमिटेड (टीसीएल) से अलग करके टाटा ग्लोबल बेवरेजेज लिमिटेड (टीजीबीएल) को स्थानांतरित करने की घोषणा की. यह पूरा सौदा शेयरों के आधार पर होगा और इससे एक बड़ी 9,000 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी होगी.
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज लिमिटेड इस सौदे में टाटा केमिकल्स से नमक, मसाले और दाल कारोबार को खरीदेगा और बदले में उसे शेयर देगा. इस सौदे के बाद टाटा ग्लोबल बेवरेजेज का नाम बदलकर टाटा कंज्यूमर प्रोडेक्ट्स लिमिटेड हो जाएगा.
कंपनी ने बयान में कहा कि टाटा ग्लोबल बेवरेजेज और टाटा केमिकल्स के निदेशक मंडलों ने बुधवार को अलग-अलग बैठकों में टीसीएल के उपभोक्ता कारोबार को अलग करके टीजीबीएल में विलय करने की मंजूरी दी.
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इस विलय में टाटा केमिकल्स लिमिटेड के हर शेयरधारक को एक शेयर के बदले टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के 1.14 नए इक्विटी शेयर मिलेंगे. उदाहरण के लिए, जिस शेयरधारकों के पास टाटा केमिकल्स के 100 शेयर होंगे उसे टीजीबीएल में 114 शेयर मिलेंगे.
इस प्रस्तावित लेनदेन से टाटा समूह की उपभोक्ता कारोबार केंद्रित नई कंपनी तैयार होगी. जिसका कुल कारोबार 9,099 करोड़ रुपये होगा.
कंपनी ने बयान में कहा, "दो उपभोक्ता केंद्रित कारोबार के मिलने से दोनों कंपनियों के शेयरधारकों को फायदा मिलेगा. इससे वे तेजी से बढ़ते एफएमसीजी (रोजमर्रा के उपभोग वाली वस्तुएं) क्षेत्र में दायरा बढ़ाने के साथ खाद्य एवं पेय पदार्थ बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकेंगे."
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज 'टेटली' और 'टाटा टी ब्रांड' के तहत चाय की बिक्री जबकि ' ऐट ओ क्लॉक ' ब्रांड के तहत कॉफी की बिक्री करती है. इसके अलावा बोतलबंद पानी भी बेचती है. टीसीएल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सोडा पाउडर उत्पादक कंपनी है. इस सौदे के बाद टीसीएल अपने प्रमुख केमिकल कारोबार पर ध्यान देगी.
इस सौदे को वैधानिक और नियामकीय मंजूरियों की जरूरत होगी. इसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), शेयर बाजारों, सेबी और शेयरधारकों की मंजूरी शामिल है.
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, "टाटा कंज्यूमर प्रोडेक्ट्स उपभोक्ता क्षेत्र में खाद्य एवं पेय पदार्थों में हमारी मौजूदा स्थिति को मजबूत करता है. इस संयोजन के माध्यम से हमने भारतीय ग्राहकों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार किया है."
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय मिश्रा ने कहा कि यह लेनदेन कंपनी की भारत में उपस्थिति बढ़ाने और बड़ी एफएमसीजी कंपनी बनने की रणनीति के अनुरूप है.
टाटा केमिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ आर मुकुंदन ने कहा, "यह मेल हमारे उपभोक्ता उत्पाद कारोबार के लिए नए द्वार खोलकर शेयरधारकों को काफी फायदा पहुंचाएगा. यह लेनदेन विज्ञान - आधारित समाधान प्रदाता क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बनाने की हमारी रणनीति के अनुरूप है. टाटा केमिकल्स कृषि - विज्ञान, पोषण विज्ञान, सामग्री विज्ञान और ऊर्जा भंडारण विज्ञान के क्षेत्र में व्यवसाय को आक्रामक तरह से बढ़ाएगा.
टाटा केमिकल्स के खाद्य कारोबार का होगा टाटा ग्लोबल बेवरेजेज में विलय
नई दिल्ली: टाटा समूह ने बुधवार को अपने खाद्य कारोबार को टाटा केमिकल्स लिमिटेड (टीसीएल) से अलग करके टाटा ग्लोबल बेवरेजेज लिमिटेड (टीजीबीएल) को स्थानांतरित करने की घोषणा की. यह पूरा सौदा शेयरों के आधार पर होगा और इससे एक बड़ी 9,000 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी होगी.
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज लिमिटेड इस सौदे में टाटा केमिकल्स से नमक, मसाले और दाल कारोबार को खरीदेगा और बदले में उसे शेयर देगा. इस सौदे के बाद टाटा ग्लोबल बेवरेजेज का नाम बदलकर टाटा कंज्यूमर प्रोडेक्ट्स लिमिटेड हो जाएगा.
कंपनी ने बयान में कहा कि टाटा ग्लोबल बेवरेजेज और टाटा केमिकल्स के निदेशक मंडलों ने बुधवार को अलग-अलग बैठकों में टीसीएल के उपभोक्ता कारोबार को अलग करके टीजीबीएल में विलय करने की मंजूरी दी.
ये भी पढ़ें-
इस विलय में टाटा केमिकल्स लिमिटेड के हर शेयरधारक को एक शेयर के बदले टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के 1.14 नए इक्विटी शेयर मिलेंगे. उदाहरण के लिए, जिस शेयरधारकों के पास टाटा केमिकल्स के 100 शेयर होंगे उसे टीजीबीएल में 114 शेयर मिलेंगे.
इस प्रस्तावित लेनदेन से टाटा समूह की उपभोक्ता कारोबार केंद्रित नई कंपनी तैयार होगी. जिसका कुल कारोबार 9,099 करोड़ रुपये होगा.
कंपनी ने बयान में कहा, "दो उपभोक्ता केंद्रित कारोबार के मिलने से दोनों कंपनियों के शेयरधारकों को फायदा मिलेगा. इससे वे तेजी से बढ़ते एफएमसीजी (रोजमर्रा के उपभोग वाली वस्तुएं) क्षेत्र में दायरा बढ़ाने के साथ खाद्य एवं पेय पदार्थ बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकेंगे."
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज 'टेटली' और 'टाटा टी ब्रांड' के तहत चाय की बिक्री जबकि ' ऐट ओ क्लॉक ' ब्रांड के तहत कॉफी की बिक्री करती है. इसके अलावा बोतलबंद पानी भी बेचती है. टीसीएल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सोडा पाउडर उत्पादक कंपनी है. इस सौदे के बाद टीसीएल अपने प्रमुख केमिकल कारोबार पर ध्यान देगी.
इस सौदे को वैधानिक और नियामकीय मंजूरियों की जरूरत होगी. इसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), शेयर बाजारों, सेबी और शेयरधारकों की मंजूरी शामिल है.
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, "टाटा कंज्यूमर प्रोडेक्ट्स उपभोक्ता क्षेत्र में खाद्य एवं पेय पदार्थों में हमारी मौजूदा स्थिति को मजबूत करता है. इस संयोजन के माध्यम से हमने भारतीय ग्राहकों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार किया है."
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय मिश्रा ने कहा कि यह लेनदेन कंपनी की भारत में उपस्थिति बढ़ाने और बड़ी एफएमसीजी कंपनी बनने की रणनीति के अनुरूप है.
टाटा केमिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ आर मुकुंदन ने कहा, "यह मेल हमारे उपभोक्ता उत्पाद कारोबार के लिए नए द्वार खोलकर शेयरधारकों को काफी फायदा पहुंचाएगा. यह लेनदेन विज्ञान - आधारित समाधान प्रदाता क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बनाने की हमारी रणनीति के अनुरूप है. टाटा केमिकल्स कृषि - विज्ञान, पोषण विज्ञान, सामग्री विज्ञान और ऊर्जा भंडारण विज्ञान के क्षेत्र में व्यवसाय को आक्रामक तरह से बढ़ाएगा.
Conclusion: