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पेट्रोकैम और रिफाइनरी परियोजना में हिस्सेदारी के लिए रिलायंस के साथ बातचीत में सऊदी अरामको - रिलायंस

सउदी अरब की कंपनी सउदी आराम्को ने निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ बातचीत शुरू की है. रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रो-रसायन एवं रिफाइनरी कारोबार में आराम्को करीब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकती है.

पेट्रोकैम और रिफाइनरी परियोजना में हिस्सेदारी के लिए रिलायंस के साथ बातचीत में सऊदी अरामको
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Published : Apr 18, 2019, 8:38 AM IST

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सउदी आराम्को भारत की निजी क्षेत्र की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ उसकी तेल रिफाइनरी और पेट्रोरसायन परिसर में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सउदी अरब की कंपनी सउदी आराम्को ने निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ बातचीत शुरू की है. इससे पहले कंपनी भारत सरकार की 44 अरब डालर की विशाल रिफाइनरी एवं पेट्रोरसायन परियोजना में यूएई की एडनॉक के साथ मिलकर 50 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीद रही थी.

ये भी पढ़ें- मार्च के अंत तक पी नोट्स के जरिये निवेश बढ़कर 78,110 करोड़ रुपये पर

यह परियोजना सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के साथ मिलकर तैयार की रही है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण का कार्यक्रम निरस्त कर दिये जाने के बाद यह परियोजना फिलहाल लटक गई है.

सूत्रों ने बताया कि सउदी आराम्को और रिलायंस के बीच बातचीत पिछले कुछ महीनों से चल रही है लेकिन अभी तक कुछ भी ठोस इसमें सामने नहीं आया है. रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रो-रसायन एवं रिफाइनरी कारोबार में आराम्को करीब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकती है.

यह सौदा 10 से 15 अरब डालर के दायरे में हो सकता है. लेकिन सूत्र इस मूल्यांकन से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका कहना है कि बीएसई में मंगलवार के बंद शेयर मूल्य के लिहाज से रिलायंस का पूंजीकरण 8.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. इसमें से कम से कम आधा यानी 4.25 लाख करोड़ रुपये (60 अरब डालर) रिफाइनरी और पेट्रोरसायन कारोबार से जुड़ा है.

सूत्रों का कहना है कि इसमें 25 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 15 अरब डालर की बैठती. यह मूल्यांकन एक बेहतर स्थापित कारोबार में किसी कंपनी को एक चौथाई हिस्सेदारी बिना किसी प्रीमियम के देने के समान होगा.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हालांकि, इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "अपनी स्थापित नीति के तहत हम मीडिया में चल रही अटकलों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते. कंपनी लगातार विभिन्न अवसरों का मूल्यांकन करती रहती है."

प्रवक्ता ने कहा, "हम जो भी जानकारी होती है उसे पहले भी साझा करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के सूचीबद्धता दायित्व और उद्घोषणा जरूरत के नियम 2015 और शेयर बाजारों के साथ हमारे समझौते के तहत नियमों का अनुपालन करते हुये हम जरूरी जानकारी उपलब्ध कराते रहते हैं."

आराम्को इससे पहले भी कई मौकों पर रिलायंस के साथ उसकी बातचीत के बारे में जानकारी देता रहा है. इस तरह की जानकारी आखिरी बार 20 फरवरी को सामने आई थी जब कंपनी के सीईओ अमीन अल- नासेर भारत की यात्रा पर आये थे. तब वह सउदी अरब के शहजादे मोहम्मद- बिन- सलमान के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में भारत आये थे.

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सउदी आराम्को भारत की निजी क्षेत्र की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ उसकी तेल रिफाइनरी और पेट्रोरसायन परिसर में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सउदी अरब की कंपनी सउदी आराम्को ने निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ बातचीत शुरू की है. इससे पहले कंपनी भारत सरकार की 44 अरब डालर की विशाल रिफाइनरी एवं पेट्रोरसायन परियोजना में यूएई की एडनॉक के साथ मिलकर 50 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीद रही थी.

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यह परियोजना सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के साथ मिलकर तैयार की रही है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण का कार्यक्रम निरस्त कर दिये जाने के बाद यह परियोजना फिलहाल लटक गई है.

सूत्रों ने बताया कि सउदी आराम्को और रिलायंस के बीच बातचीत पिछले कुछ महीनों से चल रही है लेकिन अभी तक कुछ भी ठोस इसमें सामने नहीं आया है. रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रो-रसायन एवं रिफाइनरी कारोबार में आराम्को करीब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकती है.

यह सौदा 10 से 15 अरब डालर के दायरे में हो सकता है. लेकिन सूत्र इस मूल्यांकन से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका कहना है कि बीएसई में मंगलवार के बंद शेयर मूल्य के लिहाज से रिलायंस का पूंजीकरण 8.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. इसमें से कम से कम आधा यानी 4.25 लाख करोड़ रुपये (60 अरब डालर) रिफाइनरी और पेट्रोरसायन कारोबार से जुड़ा है.

सूत्रों का कहना है कि इसमें 25 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 15 अरब डालर की बैठती. यह मूल्यांकन एक बेहतर स्थापित कारोबार में किसी कंपनी को एक चौथाई हिस्सेदारी बिना किसी प्रीमियम के देने के समान होगा.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हालांकि, इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "अपनी स्थापित नीति के तहत हम मीडिया में चल रही अटकलों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते. कंपनी लगातार विभिन्न अवसरों का मूल्यांकन करती रहती है."

प्रवक्ता ने कहा, "हम जो भी जानकारी होती है उसे पहले भी साझा करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के सूचीबद्धता दायित्व और उद्घोषणा जरूरत के नियम 2015 और शेयर बाजारों के साथ हमारे समझौते के तहत नियमों का अनुपालन करते हुये हम जरूरी जानकारी उपलब्ध कराते रहते हैं."

आराम्को इससे पहले भी कई मौकों पर रिलायंस के साथ उसकी बातचीत के बारे में जानकारी देता रहा है. इस तरह की जानकारी आखिरी बार 20 फरवरी को सामने आई थी जब कंपनी के सीईओ अमीन अल- नासेर भारत की यात्रा पर आये थे. तब वह सउदी अरब के शहजादे मोहम्मद- बिन- सलमान के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में भारत आये थे.

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